"राही मासूम रज़ा": अवतरणों में अंतर

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[[१९६८]] से राही बम्बई में रहने लगे थे। वे अपनी साहित्यिक गतिविधियों के साथ-साथ फिल्मों के लिए भी लिखते थे जो उनकी जीविका का प्रश्न बन गया था। राही स्पष्टतावादी व्यक्ति थे और अपने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्रीय दृष्टिकोण के कारण अत्यन्त लोकप्रिय हो गए थे। यहीं रहते हुए राही ने `आधा गांव', `दिल एक सादा कागज', `ओस की बूंद',`हिम्मत जौनपुरी' उपन्यास व 1965[[१९६५]] के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए वीर अब्दुल हमीद की जीवनी `छोटे आदमी की बड़ी कहानी'लिखी. उनकी ये सभी कृतियां हिंदी में थीं. इससे पहले वह उर्दू में एक महाकाव्य `1857'[[१८५७]] तथा छोटी-बड़ी उर्दू नज़्में व गजलें लिखे चुके थे। आधा गाँव, नीम का पेड़, कटरा बी आर्ज़ू, टोपी शुक्ला, ओस की बूंद और सीन 75७५ उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं। <ref>{{cite web |url= http://www.sahityashilpi.com/2008/10/blog-post_5563.html|title= डॉ. राही मासूम रजा - जीवनवृत्त एवं कृतित्व [आलेख] - डॉ० फीरोज अहमद =[[७ अक्तूबर]]|accessyear=[[२००८]]|format= एचटीएमएल|publisher= साहित्य शिल्पी|language=}}</ref>
==संदर्भ==
<references/>