"माधवाचार्य की ज्या सारणी": अवतरणों में अंतर

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निम्नांकित श्लोक में माधव की ज्या सारणी दिखायी गयी है। जो [[चन्द्रकान्त राजू]] द्वारा लिखित ''कल्चरल फाउण्डेशन्स आफ मैथमेटिक्स'' नामक पुस्तक से लिया गया है।<ref name="Raju">p.120</ref>
 
:; श्रेष्ठं नाम वरिष्ठानां हिमाद्रिर्वेदभावनः ।हिमाद्रिर्वेदभावनः।
:; तपनो भानुसूक्तज्ञो मध्यमं विद्धि दोहनं ।।दोहनं।।
:; धिगाज्यो नाशनं कष्टं छत्रभोगाशयाम्बिका ।छत्रभोगाशयाम्बिका।
:; म्रिगाहारो नरेशोऽयं वीरोरनजयोत्सुकः ।।वीरोरनजयोत्सुकः।।
:; मूलं विशुद्धं नालस्य गानेषु विरला नराः ।नराः।
:; अशुद्धिगुप्ताचोरश्रीः शंकुकर्णो नगेश्वरः ।।नगेश्वरः।।
:; तनुजो गर्भजो मित्रं श्रीमानत्र सुखी सखे!।
:; शशी रात्रौ हिमाहारो वेगल्पः पथि सिन्धुरः ।।सिन्धुरः।।
:; छायालयो गजो नीलो निर्मलो नास्ति सत्कुले ।सत्कुले।
:; रात्रौ दर्पणमभ्राङ्गं नागस्तुङ्गनखो बली ।।बली।।
:; धीरो युवा कथालोलः पूज्यो नारीजरैर्भगः ।नारीजरैर्भगः।
:; कन्यागारे नागवल्ली देवो विश्वस्थली भृगुः ।।भृगुः।।
:; तत्परादिकलान्तास्तु महाज्या माधवोदिताः ।माधवोदिताः।
:; स्वस्वपूर्वविशुद्धे तु शिष्टास्तत्खण्डमौर्विकाः ।।शिष्टास्तत्खण्डमौर्विकाः।। २.९.५
 
==माधव द्वारा दिए गये ज्या मान==