"यज्ञोपवीत": अवतरणों में अंतर
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|title= The Sacred Thread |accessmonthday=[[3 अगस्त]]|accessyear=[[2007]]|format= एचटीएम|publisher=कामत.कॉम |language=अंग्रेज़ी}}</ref><ref>{{cite book |last=आप्टे |first= वामन शिवराम|title= संस्कृत हिन्दी कोश|year= 1969 |publisher= मोतीलाल बनारसीदास|location= दिल्ली, पटना, वाराणसी भारत|id= |page= 823|editor: वामन शिवराम आप्टे|accessday= 27|accessmonth=जुलाई| accessyear=2007}}</ref> यज्ञ द्वारा संस्कार किया गया उपवीत, यज्ञसूत्र या जनेऊ<ref>{{cite book |last=प्रसाद |first= कालिका|title= बृहत हिन्दी कोश|year= 2000 |publisher= ज्ञानमंडल लिमिटेड|location= वाराणसी भारत|id= |page= 925|editor: राजबल्लभ सहाय, मुकुन्दीलाल श्रीवास्तव|accessday= 27|accessmonth=जुलाई| accessyear=2007}}</ref>
यज्ञोपवीत एक विशिष्ट सूत्र को विशेष विधि से ग्रन्थित करके बनाया जाता है। इसमें सात ग्रन्थियां लगायी जाती
यज्ञोपवीत धारण करने का मन्त्र है
यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं
आयुष्यमग्रं प्रतिमुञ्च शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।
== संदर्भ ==
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