"राजमहल": अवतरणों में अंतर
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'''महल''' या '''प्रासाद''' भव्य गृह को कहते हैं। किन्तु विशेष रूप से [[राजा]] या राज्य के सर्वोच्च सत्ताधीश के गृह को महल कहा जाता है। बहुत से ऐतिहासिक महलों का उपयोग आजकल [[संसद]], [[संग्रहालय]], [[होटल]] या कार्यालय के रूप में किया जा रहा है।
[[भारत]] की प्राचीन [[वास्तुशास्त्र|वास्तुविद्या]] के अनुसार 'प्रासाद' लंबा, चौड़ा, ऊँचा और कई भूमियों का पक्का या पत्थर का घर को कहते हैं जिसमें अनेक शृंग, शृंखला, अंडकादि हों तथा अनेक द्वारों और गवाक्षों से युक्त त्रिकोश, चतुष्कोण, आयत, वृत्त शालाएँ
पुराणों में केवल राजाओं और देवताओं के गृह को प्रासाद कहा है। आकृति के भेद से पुराणों में प्रासाद के पाँच भेद किए गए हैं— चतुरस्र, चतुरायत, वृत्त, पृत्ताय और
== इन्हें भी देखें ==
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