"रोशन सिंह": अवतरणों में अंतर

छो विराम चिह्न की स्थिति सुधारी।
पंक्ति 8:
 
== बमरौली डकैती ==
१९२२ की [[गया]] [[कांग्रेस]] में जब पार्टी दो फाड हो गई और [[मोतीलाल नेहरू]] एवम देशबन्धु [[चितरंजन दास]] ने अपनी अलग से [[स्वराज पार्टी]] बना ली ।ली। ये सभी लोग पैसे वाले थे जबकि क्रान्तिकारी पार्टी के पास [[संविधान]], विचार-धारा व दृष्टि के साथ-साथ उत्साही नवयुवकों का बहुत बडा संगठन था। हँ, अगर कोई कमी थी तो वह कमी पैसे की थी। इस कमी को दूर करने के लिये [[आयरलैण्ड]] के क्रान्तिकारियों का रास्ता अपनाया गया और वह रास्ता था डकैती का। इस कार्य को पार्टी की ओर से '''ऐक्शन''' नाम दिया गया। ऐक्शन के नाम पर पहली डकैती [[पीलीभीत]] जिले के एक [[गाँव]] '''बमरौली''' में २५ दिसम्बर १९२४ को [[क्रिस्मस]] के दिन एक खण्डसारी (शक्कर के निर्माता) व सूदखोर (ब्याज पर रुपये उधार देने वाले) बल्देव प्रसाद के यहाँ डाली गयी। इस पहली डकैती में ४००० रुपये और कुछ सोने-चाँदी के जेवरात क्रान्तिकारियों के हाथ लगे। परन्तु मोहनलाल पहलवान नाम का एक आदमी, जिसने डकैतों को ललकारा था, ठाकुर रोशन सिंह की रायफल से निकली एक ही गोली में ढेर हो गया। सिर्फ मोहनलाल की मौत ही ठाकुर रोशन सिंह की [[फाँसी]] की सजा का कारण बनी।
 
== काकोरी काण्ड का मुकदमा ==