"दो की घात": अवतरणों में अंतर

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उस प्रसंग में जहाँ केवल पूर्णांक काम में लिए जाते हैं ''n'' अपूर्णांक मान नहीं रख सकता।<ref>{{cite book |title=Schaum's Outline of Theory and Problems of Essential Computer Mathematics |first=Seymour |last=Lipschutz |year=1982 |isbn=0-07-037990-4 |page=3 |publisher=McGraw-Hill |location=New York}}</ref> अतः हमें 1, 2, और 2 अपने ही विभिन्न [[गुणा|गुणज]] प्राप्त होंगे।<ref>{{cite book |title=Mathematics Masterclasses |first=Michael J. |last=Sewell |year=1997 |isbn=0-19-851494-8 |page=78 |publisher=Oxford University Press |location=Oxford}}</ref>
क्योंकि दो [[द्वयाधारी संख्या पद्धति]] का आधार है अतः दो की घात [[संगणक विज्ञान]] में सामान्य है। द्वयाधारी में लिखने पर दो की घात हमेसा 100…0 या 0.00…01 के रूप में प्राप्त होती हैं जो [[दशमलव]] में [[१० की घात|10 की घात]] के तुल्य है।
== व्यंजक और अंकन ==
मौखिक अभिव्यक्ति, गणितीय अंकन, संगणक प्रोग्रामन व्यंजक घात संकारक सहित अथवा फलन सहित:
: 2 की घात ''n''
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: 2 ^ n
: 2 ** n
== कंप्यूटर विज्ञान ==
 
== दो की प्रथम 96 घात ==
{| class="wikitable" style="text-align:center"
|- style="background:#e9e9e9;"
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यहाँ यह देखा जा सकता है कि प्रथम व्यंजक का अन्तिम अंक &nbsp;2 से आरम्भ होता है और उसके पश्चात आवर्त रूप से&nbsp;4, और उसके बाद चक्रीय क्रम में 2–4–8–6–,
 
==1024 की घात ==
2<sup>10</sup> की कुछ घात जो 1000 से थोड़ी अधिक हैं:
{|
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|}
ये भी देखें [[:en:IEEE 1541-2002|IEEE 1541-2002]].
== दो की कुछ चयनित घात ==
==अन्य अ न्य गुणधर्म ==
== ये भी देखें==
* [[गुणोत्तर श्रेढ़ी]]
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
{{श्रेणी (गणित)}}