"क्यूबाई मिसाइल संकट": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Soviet-R-12-nuclear-ballistic missile.jpg|thumb|मॉस्को के रेड स्क्वायर में मध्यवर्ती दूरी की सोवियत आर-12 परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल (नाटो द्वारा दिया गया नाम एसएस-4) की सीआईए (CIA) संदर्भ तस्वीर.]] '''क्यूबाई मिसाइल संकट''' (क्यूबा में ''अक्टूबर संकट'' के रूप में जाना जाता है) [[शीतयुद्ध|शीत युद्ध]] के दौरान अक्टूबर 1962 में [[सोवियत संघ|सोवियत संघ,]] [[क्यूबा]] और [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] के बीच एक टकराव था. सितंबर 1962 में, क्यूबा और सोवियत सरकारों ने चोरी-छिपे क्यूबा में महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश भागों पर मार कर सकने की क्षमता वाली अनेक मध्यम- और मध्यवर्ती-दूरी की प्राक्षेपिक मिसाइलें (MRBMs और IRBMs) लगानी शुरू की. 1958 में यूके (UK) में थोर आईआरबीएम (IRBM) और 1961 में इटली और तुर्की में जुपिटर आईआरबीएम (IRBM)- मॉस्को पर नाभिकीय हथियारों से हमला करने की क्षमता वाली इन 100 से अधिक
फलस्वरूप बर्लिन नाकाबंदी से पैदा हुआ संकट शीत युद्ध के एक बड़े टकराव का रूप ले लिया और आम तौर पर माना जाने लगा कि शीत युद्ध अब एक नाभिकीय संघर्ष के कगार पर आ पहुंचा है.<ref>{{cite journal|first=B. Gregory |last=Marfleet|title=The Operational Code of John F. Kennedy During the Cuban Missile Crisis: A Comparison of Public and Private Rhetoric |journal=Political Psychology |volume=21|page=545|issue=3}}</ref> संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्यूबा आकाश और समुद्र मार्ग से हमला करने पर विचार किया और क्यूबा का सैन्य संगरोधन करना तय किया.
सोवियत संघ ने सार्वजनिक रूप से
क्यूबाई मिसाइल संकट ने हॉटलाइन एग्रीमेंट और मॉस्को तथा वाशिंगटन, डी.सी. के बीच सीधे संचार संपर्क के लिए मॉस्को-वाशिंगटन हॉटलाइन के निर्माण को प्रोत्साहन दिया.
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अमेरिकियों को स्टालिनवादी सोवियत विस्तारवाद की आशंका थी, लेकिन किसी लैटिन अमेरिकी देश का यूएसएसआर (USSR-सोवियत संघ) के साथ खुलेआम मित्रता अस्वीकार्य माना जाता था, इससे 1945 में [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के अंत के बाद से चल रही सोवियत-अमेरिकी शत्रुता में वृद्धि हुई. इस तरह का हस्तक्षेप मोनरो सिद्धांत का सीधा उल्लंघन था, यह संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति है कि [[पश्चिमी गोलार्ध|पश्चिमी गोलार्द्ध]] के देशों पर यूरोपीय शक्तियों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.
अप्रैल, 1961 में बे ऑफ़ पिग्स के विफल आक्रमण से संयुक्त राज्य अमेरिका को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा होना पड़ा था, जो राष्ट्रपति [[जाह्न केनेडी|जॉन एफ कैनेडी]] के मातहत [[सी आइ ए|सीआईए]] (CIA) द्वारा प्रायोजित शक्तियों द्वारा किया गया था. उसके बाद पूर्व [[ड्वैट ऐज़नहौवर|राष्ट्रपति आइजनहावर]] ने कैनेडी से कहा कि "बे ऑफ़ पिग्स की विफलता सोवियत संघ को ऐसा कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करेगी जो वे अन्यथा नहीं करते."<ref name="Absher">{{cite journal |title=Mind-Sets and Missiles: A First Hand Account of the Cuban Missile Crisis |first=Kenneth Michael |last=Absher |publisher=Strategic Studies Institute, United States Army War College |year=2009 |url=http://www.strategicstudiesinstitute.army.mil/pubs/display.cfm?pubID=935}}</ref>{{rp|10}} अधूरे मन से किये आक्रमण से सोवियत प्रमुख निकिता ख्रुश्चेव और उनके सलाहकारों की धारणा बनी कि कैनेडी निर्णय लेने में ढुलमुल हैं, और एक सोवियत सलाहकार ने लिखा, "अल्पायु, बौद्धिक, संकट कालीन परिस्थितियों में निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम नहीं ... बहुत अधिक बौद्धिक और बहुत अधिक कमजोर."<ref name="Absher" /> विफल ऑपरेशन मोंगूज के साथ
संयुक्त राज्य अमेरिका ने फिर से गुप्त कार्रवाई पर विचार किया और अपने विशेष गतिविधि डिवीजन के सीआईए (CIA) अर्द्धसैनिक अधिकारियों को क्यूबा में प्रवेश कराया.<ref>{{cite book |title=Shadow Warrior: The CIA Hero of 100 Unknown Battles|last=Rodriguez |publisher=Simon & Schuster |date=October 1989 |isbn=9780671667214 |others= John Weisman}}</ref> वायुसेना जनरल कर्टिस लेमे ने सितंबर को आक्रमण-पूर्व बमबारी की एक योजना कैनेडी के समक्ष प्रस्तुत की, जबकि जासूसी उड़ानों और ग्वान्टोनामो नौसेना अड्डे पर अमेरिकी सेना द्वारा किये जा रहे छोटे-मोटे उत्पीड़न की क्यूबा की कूटनीतिक शिकायतें
अगस्त 1962 को, संयुक्त राज्य अमेरिका को संदेह हुआ कि सोवियत संघ क्यूबा में मिसाइल सुविधाओं के निर्माण में लगा हुआ है. उसी महीने, इसकी खुफिया सेवाओं ने अपने जमीनी पर्यवेक्षकों द्वारा रूस-निर्मित मिग-21 (नाटो का दिया नाम ''फिशबेड'' ) लड़ाकू विमानों और Il-28 हल्के बमवर्षक विमानों के अड्डों की सूचना प्राप्त की. U-2 जासूसी विमानों ने आठ अलग-अलग स्थानों में जमीन से आकाश में मार करने वाली S-75 ड्विना (नाटो (NATO) का दिया नाम ''एसए-2'' ) (SA-2) मिसाइलों को पाया. 31 अगस्त को, सेनेटर केनेथ बी. कीटिंग ने सीनेट में कहा कि सोवियत संघ क्यूबा में संभवतः एक मिसाइल अड्डा बना रहा है; उन्हें शायद फ्लोरिडा<ref name="afmag">{{cite news|url=http://www.airforce-magazine.com/MagazineArchive/Pages/2005/August%202005/0805u2.aspx|title=Airpower and the Cuban Missile Crisis |last=Correll |first=John T. |date=August 2005|work=Vol. 88, No. 8|publisher=AirForce-Magazine.com|accessdate=4 May 2010}}</ref> में रह रहे क्यूबा के निर्वासितों से यह सूचना मिली थी.<ref name="franklin">{{cite web|url=http://andromeda.rutgers.edu/~hbf/missile.htm| title=The Cuban Missile Crisis: An In-Depth Chronology|last=Franklin |first=H. Bruce |accessdate=3 May 2010}}</ref> सीआईए (CIA) निदेशक जॉन ए मैककोन कई रिपोर्टों से संदिग्ध हुए. 10 अगस्त को उन्होंने राष्ट्रपति कैनेडी को एक ज्ञापन भेजा, जिसमें उन्होंने अनुमान लगाया गया कि सोवियत संघ क्यूबा में प्राक्षेपिक मिसाइल लगाने की तैयारी में है.<ref name="afmag" />
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एकदम शुरुआत से ही, सोवियत की गतिविधि का विस्तृत खंडन और छल आवश्यक बन गया था, जिसे रूस में ''मस्किरोव्का'' (Maskirovka) कहा जाता है.<ref name="hansen" /> सारी योजना और मिसाइलों का परिवहन और उनकी तैनाती अत्यंत गोपनीयता के साथ पूरी की गयी, सिर्फ कुछ लोगों को इस अभियान की वास्तविक प्रकृति के बारे में बताया गया. यहां तक कि इस अभियान पर जाने वाले सैनिकों को भी गुमराह किया गया था, उनसे कहा गया था कि वे ठंडे क्षेत्र को जा रहे हैं और स्की जूते, गर्म जैकेट और अन्य शीतकालीन उपकरणों से उन्हें सुसज्जित किया गया.<ref name="hansen">{{cite web|url=https://www.cia.gov/library/center-for-the-study-of-intelligence/kent-csi/vol46no1/pdf/v46i1a06p.pdf|title=Soviet Deception in the Cuban Missile Crisis|last=Hansen|first=James H.|work=Learning from the Past|accessdate=2 May 2010}}</ref> सोवियत कोड नाम रखा गया ऑपरेशन अनादीर (Operation Anadyr), जो बेरिंग सागर में समाने वाली एक नदी, चुकोत्स्की जिले की राजधानी और सुदूर पूर्वी क्षेत्र स्थित एक बमवर्षक अड्डे का भी नाम है. आंतरिक व बाहरी लोगों से इस कार्यक्रम को छुपाने के लिए यह सब किया गया.<ref name="hansen" />
1962 के शुरू में, एक कृषि प्रतिनिधिमंडल के साथ सोवियत सैन्य और मिसाइल निर्माण विशेषज्ञों का एक दल हवाना पहुंचा. उन्होंने क्यूबा के नेता [[फिदेल कास्ट्रो|फिडेल कास्त्रो]] के साथ एक बैठक की. क्यूबा के नेतृत्व को पूरी आशंका थी कि
क्यूबा का नेतृत्व तब और अधिक परेशान हुआ, जब सितंबर में कांग्रेस ने यू॰एस॰ (U.S.) संयुक्त प्रस्ताव 230 को अनुमोदित कर दिया, जो अमेरिकी हितों पर खतरा होने पर क्यूबा के विरुद्ध सैन्य शक्ति के इस्तेमाल की इजाजत देता था.<ref name="blight" /> उसी दिन,
[[चित्र:Jupiter IRBM.jpg|thumb|मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल जूपिटर. गुप्त रूप से
ख्रुश्चेव और कास्त्रो गुप्त रूप से क्यूबा में सामरिक नाभिकीय मिसाइलें लगाने पर सहमत हो गये. कास्त्रो की तरह, ख्रुश्चेव ने भी महसूस किया कि क्यूबा पर एक
सोवियत नेतृत्व का मानना था, जो बे ऑफ़ पिग्स आक्रमण के दौरान कैनेडी के आत्मविश्वास में कमी की उनकी अभिज्ञता पर आधारित थी, कि वे मिसाइलों को एक ''निर्विवादित तथ्य'' मानकर उसे स्वीकार कर लेंगे और टकराव से दूर रहेंगे.<ref name="Absher" />{{rp|1}} 11 सितंबर को, सोवियत संघ ने सार्वजनिक रूप से चेतावनी दी कि क्यूबा पर या द्वीप में आपूर्ति के लिए जा रहे सोवियत जहाज़ों पर
[[चित्र:U2 Image of Cuban Missile Crisis.jpg|right|thumb|क्यूबा में सोवियत परमाणु मिसाइलों की यू-2 की टोही तस्वीर. ईंधन भरने और रखरखाव के लिए मिसाइल परिवहन और टेंट दिखाई दे रहे हैं.]]
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== मिसाइल प्रतिवेदित ==
इन मिसाइलों के जरिये सोवियत संघ ने वस्तुतः पूरे महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका को अपने प्रभावी निशाने पर ले लिया. चालीस लांचरों का आयोजित शस्त्रागार था. क्यूबा की आबादी ने तत्काल मिसाइलों के आगमन और तैनाती पर ध्यान दिया और सैकड़ों रिपोर्ट मियामी पहुंची.
=== यू-2 विमानों ने मिसाइलों को खोज निकाला ===
क्यूबा में एक सैन्य निर्माण के सबूतों में वृद्धि के बावजूद, 5 सितंबर से 14 अक्टूबर तक क्यूबा के ऊपर यू-2 विमानों ने कोई उड़ान नहीं भरी. 30 अगस्त को टोही उड़ानों पर रोक लगाने की पहली वजह यह थी कि एक वायु सेना के स्ट्रेटेजिक एयर कमांड का यू-2 विमान गलती से सुदूर पूर्व सखालिन द्वीप के ऊपर जा पहुंचा था. सोवियत संघ ने विरोध दर्ज किया और
12 अक्टूबर को, प्रशासन ने क्यूबा के यू-2 टोही अभियान का तबादला वायु सेना में करने का फैसला किया. इस बीच एक और यू-2 को मार गिराया गया, तब इसकी सफाई में वायु सेना की उड़ानों को बहाना के रूप में पेश करने के बारे में सोचा गया, जिसे सीआईए की उड़ानों से आसान समझा गया. इस बात के भी सबूत हैं कि रक्षा विभाग और वायु सेना ने क्यूबाई उड़ानों की जिम्मेवारी लेने के लिए लॉबी की.<ref name="afmag" /> 8 अक्तूबर को जब टोही अभियानों को पुन:-अधिकृत किया गया तब मौसम ने विमानों की उड़ान में बाधा डाली. 14 अक्टूबर को
=== राष्ट्रपति को सूचना ===
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# क्यूबा की समुद्री नाकाबंदी, जिसे कहीं ज्यादा एक चयनात्मक संगरोध के रूप में नए सिरे से परिभाषित किया गया.
संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ ने सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की कि एक पूर्ण-पैमाने पर हमला और हस्तक्षेप ही एकमात्र समाधान है. उनका मानना था कि क्यूबा पर विजय प्राप्त करने से
{{bquote|They, no more than we, can let these things go by without doing something. They can't, after all their statements, permit us to take out their missiles, kill a lot of Russians, and then do nothing. If they don't take action in Cuba, they certainly will in Berlin.<ref name=rfkennedy>{{cite book | last = Kennedy | first = Robert | authorlink = Robert F. Kennedy | title = Thirteen Days: A Memoir of the Cuban Missile Crisis | publisher = W.W. Norton & Company | pages = 14 | isbn = 0-393-09896-6 | year = 1971 }}</ref>}}
कैनेडी ने सोचा कि क्यूबा पर हवाई हमला करने से सोवियत यह मान लेंगे कि बर्लिन को अधीन करने के लिए "एक हरी झंडी" का सिग्नल मिल गया है. कैनेडी का यह भी मानना था कि अमेरिका के सहयोगी यह सोचेंगे कि क्यूबा स्थिति का शांतिपूर्ण समाधान नहीं निकाल पाने के कारण "युद्ध-प्रेमी काउब्वॉय" ("trigger-happy cowboys") के रूप में बर्लिन ने
[[चित्र:McNamara and Kennedy.jpg|left|thumb|राष्ट्रपति कैनेडी और रक्षा सचिव मैकनैमारा एक्सॉम (EXCOMM) की बैठक में.]]
तब एक्सॉम (EXCOMM) ने शक्ति के सामरिक संतुलन, राजनीतिक और सैनिक दोनों पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की. संयुक्त चीफ्स ऑफ स्टाफ का मानना था कि मिसाइलों से सैन्य संतुलन गंभीर रूप से बदल जाएगा, लेकिन रक्षा सचिव रॉबर्ट मैकन्मारा ने इससे असहमति जतायी. उन्हें यकीन था कि मिसाइलों से सामरिक संतुलन पर बिल्कुल कोई असर नहीं पड़नेवाला. उनका कहना था कि अतिरिक्त चालीस से समग्र सामरिक संतुलन पर कोई ख़ास फर्क नहीं पडेगा.
एक्सॉम (EXCOMM) सहमत था, हालांकि, मिसाइलों से ''राजनीतिक'' संतुलन प्रभावित हो रहा था. सबसे पहले, कैनेडी ने संकट से एक माह पहले अमेरिकी जनता से स्पष्ट वादा किया था कि "अगर अमेरिका के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई करने लायक क्षमता से संपन्न होता है...तो अमेरिका कार्रवाई करेगा,"<ref>{{cite journal|unused_data=DUPLICATE DATA: title=In Public Papers of the Presidents: John F Kennedy, 1962|last=Kennedy |first=J. |title=The President's News Conference of September 13, 1962 |location=Washington, DC |publisher= Government Printing Office |year=1963}}</ref>{{rp|674-681}} दूसरे, उसके सहयोगियों और अमेरिकी जनता के बीच
[[चित्र:CMC Gromyko.jpg|thumb|ओवल ऑफिस में राष्ट्रपति कैनेडी की सोवियत राजदूत आंद्रेई ग्रोम्य्को के साथ मुलाकात]] गुरुवार, 18 अक्टूबर को, राष्ट्रपति कैनेडी ने सोवियत विदेश मंत्री अंद्रेई ग्रोमिको से मुलाक़ात की, जिन्होंने दावा किया कि हथियार केवल रक्षात्मक प्रयोजनों के लिए हैं. उन्हें जिस बात की पहले से जानकारी थी वे उसे प्रकट करना नहीं चाहते थे, और वे अमेरिकी जनता में घबराहट फैलाना नहीं चाहते थे,<ref>{{cite web|url=http://www.u-s-history.com/pages/h1736.html|title=Cuban Missile Crisis|publisher=Online Highways LLC|accessdate=5 May 2010}}</ref> सो राष्ट्रपति ने मिसाइल तैयारी की अपनी जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया.<ref name="historyplace">{{cite web|url=http://www.historyplace.com/speeches/jfk-cuban.htm|title=JFK on the Cuban Missile Crisis|publisher=The History Place|accessdate=3 May 2010}}</ref>
शुक्रवार, 19 अक्तूबर तक, बारंबार उड़ान भर रहे यू -2 जासूसी विमानों ने चार सामरिक अड्डों को दिखाया. नाकाबंदी के हिस्से के रूप में,
== सामरिक योजनाएं ==
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{{listen|filename=John F Kennedy Address on the Buildup of Arms in Cuba.ogg|title=Address on the Buildup of Arms in Cuba|description=Kennedy addressing the nation on October 22, 1962 about the buildup of arms on Cuba}}
[[चित्र:P-2H Neptune over Soviet ship Oct 1962.jpg|thumb|सोवियत के मालवाही कैसिमोव के डेक पर रखे Il-28S के ऊपर से एक
रविवार, 21 अक्टूबर को दिन भर कैनेडी ने एक्सॉम (EXCOMM) सदस्यों और अन्य शीर्ष सलाहकारों से मुलाक़ात की, और बाक़ी दो विकल्पों पर विचार किया: मुख्य रूप से क्यूबा के मिसाइल अड्डों पर हवाई हमले, या क्यूबा की समुद्री नाकेबंदी.<ref name="historyplace" /> एक पूर्ण पैमाने पर आक्रमण प्रशासन का पहला विकल्प नहीं था, लेकिन कुछ तो किया जाना जरुरी था. रॉबर्ट मैकनैमारा ने समुद्री नाकेबंदी को एक मजबूत मगर सीमित सैन्य कार्रवाई के रूप में समर्थन किया ताकि USSR का नियंत्रण बना रहे. अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार नाकाबंदी करना एक युद्ध की कार्रवाई है, लेकिन कैनेडी प्रशासन ने नहीं सोचा था कि मात्र नाकाबंदी से यूएसएसआर (USSR) हमला करने के लिए उत्तेजित हो जाएगा.{{Citation needed|date=March 2008}}
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[[चित्र:President Kennedy signs Cuba quarantine proclamation, 23 October 1962.jpg|right|thumb|23 अक्टूबर 1962 को ओवल कार्यालय में राष्ट्रपति कैनेडी क्यूबा के आक्रामक हथियारों के वितरण पर पाबंदी की उद्घोषणा पर हस्ताक्षर करते हैं.]]
सोमवार, 22 अक्टूबर दोपहर 3:00 बजे ईएसटी (EST) बजे राष्ट्रपति कैनेडी ने औपचारिक रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा कार्रवाई ज्ञापन (एनएसएएम(NSAM)) 196 के साथ कार्यकारिणी समिति एक्सॉम (EXCOMM) की स्थापना की. शाम 5:00 बजे, वे कांग्रेस के नेताओं से मिले, जो कलहपूर्वक नाकाबंदी का विरोध कर रहे थे और एक तगड़ी प्रतिक्रया की मांग कर रहे थे. मास्को में, राजदूत कोहलर ने अध्यक्ष ख्रुश्चेव को आसन्न नाकाबंदी और राष्ट्र के नाम कैनेडी के भाषण के बारे में बताया. दुनिया भर के राजदूतों ने गैर-[[पूर्वी ब्लॉक|पूर्वी खेमे]] के नेताओं को अग्रिम सूचना दे दी. भाषण से पहले,
| last=Buffet |first=Cyril |coauthors=Vincent Touze|accessdate=3 May 2010}}</ref>
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[[चित्र:Khrushchev letter to kennedy.gif|thumb|left|निकिता ख्रुश्चेव ने राष्ट्रपति कैनेडी को पत्र लिखकर कहा कि क्यूबा का मिसाइल संकट संगरोध "आक्रामकता के एक अधिनियम की स्थापना" [करता है] है.]]
23 अक्टूबर, मंगलवार सुबह 11:24 बजे EST को, जॉर्ज बॉल का तैयार किया गया मसौदा केबिल से तुर्की में
=== अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया ===
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[[चित्र:Adlai_Stevenson_shows_missiles_to_UN_Security_Council_with_David_Parker_standing.jpg|right|thumb|अडलाई स्टेबेंसो क्यूबा के मिसाइल की हवाई तस्वीर 1962 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र को दिखाते हैं.]]
गुरुवार, 25 अक्टूबर को संयुक्त राज्य अमेरिका ने [[संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद]] की आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया. सुरक्षा परिषद् की आपात बैठक में यू.एन. (U.N.) में
"२२ अक्टूबर तक, सामरिक वायु कमान (टीएसी (TAC)) ने एक घंटे की सतर्क अवस्था में क्यूबा का सामना करने के लिए 511 लड़ाकू विमानों सहित मददगार टैंकरों और टोही विमानों को तैनात कर दिया था. हालांकि, टीएसी और सैन्य एयर ट्रांसपोर्ट सेवा की समस्याएं थीं. फ्लोरिडा में विमानों के जमाव से कमान और सहायक पंक्तियों में तनाव पैदा हुआ; हमें सुरक्षा, हथियारों और संचार में कर्मियों की कमी के संकट का सामना करना पडा; पारंपरिक युद्ध सामग्री के युद्ध-आरक्षित भंडार के लिए आरंभिक अनुमति के अभाव में TAC को मजबूरन उधार लेना पडा; और किसी बड़े हवाई ड्रॉप में सहायता के लिए हवाई परिवहन सामग्री की कमी के कारण 24 रिजर्व स्क्वाड्रनों के लिए भर्ती का आदेश देना जरुरी हो गया.<ref name="Kamps, Charles Tustin 2007, page 88" />
25 अक्टूबर, गुरुवार की सुबह 1:45 ईएसटी (EST) बजे कैनेडी ने ख्रुश्चेव के तार का जवाब देते हुए कहा कि
[[चित्र:Location of Navy and Soviet ships during the Cuban Missile Crisis.jpg|right|thumb|एक हाल ही में संकट के चरम समय में
=== संगरोध को चुनौती ===
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== गुप्त वार्ता ==
{{Unreferenced section|date=July 2009}}
26 अक्टूबर शुक्रवार दोपहर 01:00 ईएसटी (EST) बजे एलेक्जेंदर फोमिन के अनुरोध पर एबीसी न्यूज (ABC News) के जॉन ए. स्कैली ने दोपहर का खाना साथ खाया. फोमिन ने कहा, "लगता है युद्ध छिड़ने वाला है," और उन्होंने स्कैली से अपने संपर्कों का इस्तेमाल करके विदेश विभाग में अपने "उच्च स्तर के मित्रों" से बात करके यह टटोलने को कहा
26 अक्टूबर शुक्रवार की शाम 6:00 ईएसटी (EST) बजे, विदेश विभाग को एक संदेश मिलना शुरू हुआ जो ख्रुश्चेव द्वारा व्यक्तिगत रूप से लिखा गया लगता था. मॉस्कों में तब शनिवार रात 2:00 बजे का वक्त था. लंबे पत्र को पहुंचने में कई मिनट लग गए, और लंबे पत्र का अनुवाद होने और इसके अनुलेखन में और भी अतिरिक्त समय लग गया.
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[[चित्र:S-75 Dzwina RB2.jpg|thumb|लांचर पर S-75 डविना V-750V 1D मिसाइल के साथ. मेजर एंडरसन का U-2 जिसे क्यूबा में मार गिराया गया था, उसी के समान एक अन्य स्थापन.]]
दूसरी ओर कास्त्रो को यकीन दिलाया गया कि आक्रमण जल्द ही होनेवाला है, और उन्होंने एक पत्र ख्रुश्चेव को लिखवाया, जिसे
27 अक्टूबर की शनिवार सुबह 9:00 ईएसटी (EST) बजे रेडियो मास्को ने ख्रुश्चेव के एक संदेश का प्रसारण शुरू किया. पिछली रात के पत्र के विपरीत इस संदेश में एक नया प्रस्ताव दिया गया, कि इटली और तुर्की से जूपिटर मिसाइलें हटा ली गयीं तो बदले में क्यूबा से मिसाइलें हटा ली जाएंगी. सुबह 10:00 ईएसटी (EST) बजे स्थिति पर चर्चा के लिए कार्यकारी समिति की फिर से बैठक हुई और यह निष्कर्ष निकला कि क्रेमलिन में ख्रुश्चेव और पार्टी के अन्य अधिकारियों के बीच आंतरिक तर्क-वितर्क के बाद संदेश में परिवर्तन हुआ.<ref>{{cite book |title=For the President's Eyes Only: Secret Intelligence and the American Presidency from Washington to Bush |last=Christopher |first= Andrew |pages=688 |isbn=0060921781|publisher=Harper Perennial |date=March 1, 1996}}</ref>{{rp|300}} मैकनैमारा ने पाया कि ''ग्रोज्नी'' नाम का एक और टैंकर रवाना होने{{convert|600|mi|km|-1}} को है, उसे रोक दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी पाया कि उनलोगों ने यूएसएसआर (USSR) को संगरोधी रेखा के बारे में जागरूक नहीं किया गया है, इसीलिए संयुक्त राष्ट्र में [[यू थान्ट|यू थांट]] के जरिए उन्हें यह सूचना पहुंचा देने का उन्होंने सुझाव दिया.
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[[चित्र:Engine u2.jpg|thumb|लॉकहीड U-2 का इंजन, जिसे क्यूबा में मार गिराया गया था, हवाना के म्यूजियम ऑफ रेवलूशन में प्रदर्शित.]]
27 अक्टूबर की सुबह, यूएसएएफ (USAF) मेजर रुडोल्फ एंडरसन द्वारा चलाया जानेवाला एक यू-2एफ (U-2F) (हवा में ईंधन भरनेवाले के लिए सीआईए यू-2ए (CIA U-2A) को तीसरी बार रूपांतरित किया गया)<ref>पोकोक, क्रिस, "50 इयर्स ऑफ़ द यु-2: द कम्प्लीट इलस्ट्रेटेड हिस्ट्री ऑफ़ द 'ड्रैगन लेडी', शिफर प्रकाशन, लिमिटेड., एटग्लेन, पेंसिल्वेनिया, लाइब्रेरी ऑफ़ कॉन्ग्रेस कार्ड नं. 2005927577, ISBN 0-7643-2346-6, पृष्ठ 406.</ref> विमान आगे की कार्रवाई स्थल फ्लोरिडा के मैककॉय एएफबी के लिए रवाना कर दिया गया, और लगभग दोपहर 12:00 ईएसटी (EST) को क्यूबा से चले एस-75 (S-75) डिविना ([[नाटो]] द्वारा नियुक्त ''SA-2 दिशानिर्देश'' ) एसएएम (SAM) मिसाइल द्वारा विमान पर हमला हुआ. विमान नीचे मार गिराया गया और मेजर एंडरसन मारे गए. यूएसएसआर (USSR) और
शाम 4:00 ईएसटी (EST) बजे, कैनेडी ने [[व्हाइट हाउस]] में एक्सॉम (EXCOMM) के सदस्यों की फिर से बुलाया और आदेश दिया कि एक संदेश तुरंत यू थांट को भेजा जाए कि वह सोवियत को कहे कि वार्ता चलने के दौरान वह मिसाइल कार्रवाई को "निलंबित" रखे. इस बैठक के दौरान, मैक्सवेल टेलर ने समाचार दिया कि यू-2 (U-2) को मार गिराया गया है. कैनेडी ने पहले ही कह दिया था कि अगर हमला हुआ तो वे उन स्थलों पर हमले का आदेश देंगे, लेकिन उन्होंने तय किया कि वे ऐसा तब तक नहीं करेंगे जब तक कि दूसरी बार हमला नहीं होता. 40 सालों के बाद मैकनैमारा ने एक साक्षात्कार में कहा:
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[[चित्र:ExComm Meeting 29 OCT 1962.jpg|left|thumb|क्यूबा मिसाइल संकट के दौरान 29 अक्टूबर 1962 में व्हाइट हाउस कैबिनेट रूम में आयोजित एक्सॉम (EXCOMM) की एक बैठक. अमेरिकी ध्वज के बाईं ओर राष्ट्रपति कैनेडी; उनके बाईं तरफ के रक्षा सचिव मंत्री रॉबर्ट एस. मैकनैमारा और उनके बाएं राज्य सचिव डीन रस्क.]]
जुऑन ब्रिटो की गुजारिश पर फोमिन और स्कैली फिर से मिले. स्कैली ने पूछा कि ख्रुश्चेव के दो पत्र इतने अलग क्यों हैं, तो फोमिन ने दावा दिया कि "खराब संप्रेषण" के कारण ऐसा हुआ होगा. स्कैली ने जवाब दिया कि यह दावा विश्वसनीय नहीं और वे चिल्लाए कि उन्हें सोचा कि यह "एक बेकार धोखा था". वे यह कह कर चले गए कि आक्रमण अब केवल कुछ ही घंटे का मामला है, इस बिंदु पर फोमिन ने कहा कि ख्रुश्चेव से
रात 8:05 ईएसटी (EST) एक पत्र अगले दिन दिए जाने के लिए तैयार किया गया. संदेश इस तरह था, "जैसा कि मैंने आपका पत्र पढ़ा, आपके प्रस्ताव की मुख्य बातें - जितना भी मैं उन्हें समझ सका, लगता है वे स्वीकारयोग्य हैं - जो निम्नलिखित हैं: 1) आप क्यूबा से इन हथियार प्रणालियों को राष्ट्र संघ के उपयुक्त पर्यवेक्षण और निगरानी में यथोचित सुरक्षा के साथ हटा लेने और आइंदा इस तरह के अस्त्र प्रणालियों को क्यूबा में नहीं रखने के लिए सहमत हो गए हैं. 2) हमारी ओर से हम संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से पर्याप्त व्यवस्था की स्थापना करेंगे, इन प्रतिबद्धताओं (क) तुरंत हटाने के संगरोधी उपायों अभी प्रभावी करने (ख) क्यूबा पर हमला न करने का आश्वासन देने, को पूरा करने और उन्हें जारी रखने पर सहमत हैं." कहीं "देर" न हो जाए, इसे सुनिश्चित करने के लिए इस पत्र को सीधे प्रेस के लिए भी रिलीज कर दिया गया.{{Citation needed|date=May 2010}}
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पत्र मिलने के साथ ही एक समझौता तैयार हुआ. हालांकि जैसे कि रॉबर्ट कैनेडी ने जिक्र किया, एक छोटी-सी अपेक्षा थी कि इसे स्वीकार कर लिया जाएगा. रात 9:00 ईएसटी (EST) बजे अगले दिन की कार्रवाई पर विचार करने के लिए एक्सॉम(EXCOMM) की फिर से बैठक हुई. मिसाइल स्थलों के साथ ही साथ अन्य आर्थिक लक्ष्यों, विशेष रूप से पोट्रोलियम भंडारण पर हवाई हमलों की योजनाओं को रोक दिया गया. मैकनैमारा ने कहा कि उन्हें "दो चीजें तैयार रखनी" ही पड़ेंगी: क्यूबा के लिए एक सरकार, क्योंकि हमें इसकी जरूरत पड़ने वाली है; और दूसरा, यूरोप में सोवियत संघ से कैसे निपटा जाय इसकी योजनाएं, क्योंकि निश्चित तौर पर वे लोग वहां कुछ न कुछ गड़बड़ करने वाले हैं.{{Citation needed|date=May 2010}}
27 अक्टूबर, शनिवार की मध्य रात्रि 12:12 ईएसटी (EST) को
बाद में उसी दिन, इस जानकारी के बगैर ही कि पनडुब्बी परमाणु-सिरे वाला टारपिटो के ऐसे क्रम में लैस था ताकि अगर पनडुब्बी के ढांचे में "छेद हो जाए" (गहराई पर मार करनेवाले हथगोले से सतह पर आग लगने पर छेद हो जाना) तो इसके प्रयोग किया जा सके, यूएस (US) नौसेना ने बहुत सारा "सिग्नलिंग डीप चार्जेज" (बहुत गहराई में छोड़े जानेवाले हैंड ग्रैनेड का आकार<ref>{{cite web|url=http://www.gwu.edu/~nsarchiv/NSAEBB/NSAEBB75/|title=The Submarines of October|accessdate=1 May 2010|publisher= [[George Washington University]], National Security Archive }}</ref>) संगरोधी रेखा में सोवियत पनडुब्बी (बी-59) पर गिराया, व्हाइट हाउस ने बाद में उसे "काला शनिवार" कहा.<ref>{{cite web|url=http://www.gwu.edu/~nsarchiv/nsa/cuba_mis_cri/press3.htm|title=The Cuban Missile Crisis, 1962: Press Release, 11 October 2002, 5:00 PM|date=2002-10-11|publisher= [[George Washington University]], National Security Archive |accessdate=2008-10-26}}</ref> उसी दिन,
व्रेंगल द्वीप से सोवियत का मिग लड़ाकू विमान तेजी से उड़ा और इसके प्रतिक्रियास्वरूप अमेरिका ने हवा से हवा में मार करनेवाले परमाणु मिसाइलों के साथ F-102 को बेरिंग सागर के ऊपर भेजा.<ref>{{cite web|url=http://history.sandiego.edu/gen/filmnotes/thirteendays4.html|title=The Thirteen Days, October 16–28, 1962 |last=Schoenherr|first=Steven |date=April 10, 2006|accessdate=3 May 2010}}</ref>
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20 अक्टूबर, सोमवार के दिन सुबह 9:00 ईडीटी (EDT) बजे मॉस्को रेडियो पर ख्रुश्चेव का नया संदेश प्रसारित किया गया. ख्रुश्चेव ने कहा कि, "सोवियत सरकार ने, हर्थियारों निर्माण स्थलों पर काम बंद करने के पहले के जारी निर्देश के अलावा, जिसे आप 'आक्रामक' बताते हैं, उन हथियारों को नष्ट करने और उन्हें पेटीबंद करके सोवियत संघ वापस लाने का एक नया आदेश भी जारी किया है.
कैनेडी ने तुरंत बयान जारी करते हुए इसे "शांति के लिए एक महत्वपूर्ण और रचनात्मक कदम" बताया. एक औपचारिक पत्र में उन्होंने आगे कहा: "सत्ताइस अक्टूबर को आपको लिखे गए मेरे पत्र और आज आपके जवाब को मैं हमारी दोनों सरकारों का दृढ़ उपक्रम मानता हूं, जिसे मुस्तैदी के साथ जारी रखा जाना चाहिए... क्यूबा के संदर्भ में सुरक्षा परिषद के ढांचे के तहत
कैनेडी-ख्रुश्चेव की इस संधि का व्यावहारिक प्रभाव यह हुआ कि इसने प्रभावी ढंग से क्यूबा में कास्त्रो की स्थिति को मजबूत किया, साथ में निश्चित किया कि
=== परिणाम ===
ख्रुश्चेव और सोवियत संघ के लिए यह समझौता विशेष रूप से बड़ा ही शर्मनाक था, क्योंकि अमेरिकी मिसाइलों को इटली और तुर्की से हटा लेने को सार्वजनिक नहीं किया गया था - यह कैनेडी और ख्रुश्चेव के बीच एक गुप्त समझौता था. सोवियत संघ उन परिस्थितियों से पीछे हटता हुआ नजर आ रहा था जिसकी शुरूआत उनलोगों ने की थी - हालांकि इसे अगर ठीक ढंग से निभाया गया होता तो इसे विपरीत रूप में देखा जा सकता था. ख्रुश्चेव के सत्ता से हट जाने के दो साल बाद भी उनकी
इस संकट का हल किस तरह किया जाए इसका निर्णय कैनेडी और ख्रुश्चेव द्वारा लिये जाने को क्यूबा ने इसे सोवियत संघ द्वारा आंशिक रूप से किए विश्वासघात के रूप में लिया. क्यूबा के हित के लिए ग्वांटानामो की स्थिति जैसे कुछ मुद्दे को इसमें शामिल नहीं किए जाने से कास्त्रो विशेष रूप से परेशान थे. इस कारण क्यूबा-सोवियत के संबंध कुछ सालों के लिए खराब हो गए.<ref name="Ramonet">{{cite book|first=Ramonet|last=Ignacio |title=Fidel Castro: My Life |publisher=Penguin Books |year=2007|isbn=978-0-1410-2626-8}}</ref>{{rp|278}} दूसरी ओर, आक्रमण से क्यूबा की रक्षा भी जारी रही.
इस नतीजे से
क्यूबा मिसाइल संकट ने हॉटलाइन एग्रीमेंट के लिए प्रेरित किया, जिससे मॉस्को-वाशिंगटन हॉट लाइन का निर्माण मॉस्को और वाशिंगटन डी.सी. के बीच सीधे संपर्क के लिए हुआ. इसका उद्देश्य ऐसा रास्ता निकालना था, जिससे शीत युद्ध के दोनों देशों के नेता ऐसे संकट को सुलझाने के लिए सीधे संवाद स्थापित कर सके. विश्व व्यापी यूएस (US) सैन्य बल डेफोकन 3 (DEFCON 3) की स्थिति 20 नवंबर 1962 को डेफकोन 4 (DEFCON 4) में बदल गया. यू-2 (U-2) पायलट मेजर एंडरसन की लाश संयुक्त राज्य अमेरिका लौटी और उसे पूरे सैनिक सम्मान के साथ दक्षिण कैरोलिना में दफनाया गया था. नव निर्मित एअर फोर्स क्रॉस पानेवाले वे पहले थे, जिन्हें मरणोपरांत सम्मानित किया गया.
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हालांकि इस संकट के दौरान केवल मेजर रुडोल्फ एंडरसन की लड़ाई में मृत्यु हुई; साथ ही 27 सितंबर और 11 नवबंर 1962 के बीच की अवधि के दौरान 55वें स्ट्रैटिजिक रीकॉनसैंस विंग (Strategic Reconnaissance Wing) के तीन रीकॉनसैंस (प्राथमिक आक्रमण) बोइंग आरबी-47 स्ट्रैटोजेट्स (Boeing RB-47 Stratojets) की दुर्घटना में चालक दल के ग्यारह सदस्य भी मारे गए थे.<ref>लॉयड, एल्विन टी., "बोइंग बी-47 स्ट्राटोजेट", स्पेशिएलिटी प्रेस, नॉर्थ ब्रांच, मिनेसोटा, 2005, ISBN 978-1-58007-071-3, पृष्ठ 178.</ref>
सेमुर मेलमैन<ref>{{cite book |first=Seymour |last=Melman |title=The Demilitarized Society: Disarmament and Conversion |publisher=Harvest House |year=1988|authorlink=Seymour Melman |location=Montreal}}</ref> और सेमुर हेर्श<ref>{{cite book|first=Seymour |last=Hersh |title= The Dark Side of Camelot |year=1978|authorlink=Seymour Hersh}}</ref> सहित अन्य आलोचकों का कहना है कि क्यूबा मिसाइल संकट ने
=== संकट के बाद का इतिहास ===
इतिहासकार और जॉन एफ. केनेडी के सलाहाकार आर्थर स्च्लेसिंगर (Arthur Schlesinger) ने 16 अक्टूबर 2002 को नेशनल पब्लिक रेडियो पर दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि कास्त्रो मिसाइलें नहीं चाहते थे, लेकिन वे ख्रुश्चेव थे जिन्होंने इसके लिए कास्त्रो पर दबाव डाला था. कास्त्रो इस विचार से पूरी तरह से खुश नहीं थे, लेकिन क्यूबा को
1992 के शुरू में, इसकी पुष्टि हो गयी थी कि संकट टलने तक क्यूबा में सोवियत सेना ने अपने तोपों के रॉकेट और Il-28 बमवर्षक विमानों के लिए सामरिक परमाणु स्फोटक शीर्ष प्राप्त कर लिया था.<ref name="aca">{{cite web |url=http://www.armscontrol.org/act/2002_11/cubanmissile.asp |title=Arms Control Association: Arms Control Today}}</ref> कास्त्रो ने कहा है कि अगर
[[चित्र:Soviet b-59 submarine.jpg|thumb|
2003 के वृत्तचित्र ''द फॉग ऑफ वार'' (The Fog of War) में यह संकट अच्छी तरह केंद्रित था, जिसने ऑस्कर जीता.
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