"मूल नक्षत्र": अवतरणों में अंतर

छो Bot: अंगराग परिवर्तन
छो पृष्ठ नामस्थान साँचे के स्थान पर पृष्ठ का नाम डाला।
पंक्ति 1:
[[चित्र:Scorpius_constellation_map.png|300px|right|thumb|{{PAGENAME}}मूल नक्षत्र]]
'''मूल नक्षत्र''' के चारों चरण [[धनु राशि]] में आते हैं। यह ये ये भा भी के नाम से जाना जाता है। नक्षत्र का स्वामी केतु है। वहीं राशि स्वामी गुरु है। केतु गुरु धनु राशि में उच्च का होता है व इसकी दशा 7 वर्ष की होती है। इस के बाद सर्वाधिक 20 वर्ष की दशा शुक्र की लगती है जो इनके जीवन में इन्ही दशाओं का महत्व अधिक होता है। यह दशा इनके जीवन में विद्या भाव को बढ़ाने वाली होती है इन्हीं दशा में बचपन से युवावस्था आती है।