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[[चित्र:SungaEmpireMap.jpg|right|thumb|300px|शुंग साम्राज्य का विस्तार]]
'''शुंग वंश''' [[प्राचीन भारत]] का एक शासकीय वंश था जिसने [[मौर्य राजवंश]] के बाद शासन
== वंशावली ==
{{मुख्य|पुष्यमित्र शुंग}}
कहा जाता है कि [[पुष्यमित्र शुंग]], जो [[बृहद्रथ मौर्य]] की सेना का सेनापति था, ने सेना का निरीक्षण करते वक्त बृहद्रथ मौर्य को मार दिया था और सत्ता पर अधिकार कर बैठा
पुष्यमित्र के शासनकाल की एक महत्वपूर्ण घटना थी, पश्चिम से यवनों (यूनानियों) का
== पुष्यमित्र के उत्तराधिकारी ==
=== वसुमित्र ===
शुंग वंश का चौथा राजा वसुमित्र हुआ। उसने यवनों को पराजित किया था। एक दिन नृत्य का आनन्द लेते समय मूजदेव नामक व्यक्ति ने उसकी हत्या कर दी। उसने १० वर्षों तक शाशन
वसुमित्र के बाद भद्रक, पुलिंदक, घोष तथा फिर वज्रमित्र क्रमशः राजा हुए। इसके शाशन के १४वें वर्ष में तक्षशिला के यवन नरेश एंटीयालकीड्स का राजदूत हेलियोंडोरस उसके विदिशा स्थित दरबार में उपस्थित हुआ था। वह अत्यन्त विलासी शाशक था। उसके अमात्य वसुदेव ने उसकी हत्या कर दी। इस प्रकार शुंग वंश का अन्त हो गया।
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