"संरचनावाद": अवतरणों में अंतर
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'''संरचनावाद''' मानव विज्ञान की एक ऐसी पद्धति है जो संकेत विज्ञान (यानी संकेतों की एक प्रणाली)और सहजता से परस्पर संबद्ध भागों की एक पद्धति के अनुसार तथ्यों का विश्लेषण करने का प्रयास करती है। स्वीडन के प्रसिद्ध भाषाविद फर्डिनेंड डी सौसर (1857-1913)[[FARDINAND DE SAUSSURE]] इसके प्रवर्तक माने जाते हैं,जिन्हें हिन्दी में '''सस्यूर ''' नाम से जाना जाता
1970 के दशक में, यह आलोचकों के आन्तरिक गुस्से का शिकार हुआ, जिन्होंने इस पर बहुत ही अनमनीय तथा अनैतिहासिक होने का आरोप लगाया. हालांकि, संरचनावाद के कई समर्थकों, जैसे कि जैक्स लेकन ने महाद्वीपीय मान्यताओं और इसके आलोचकों की मूल धारणाओं पर ज़ोर देकर प्रभाव डालना शुरू किया कि उत्तर-संरचनावाद संरचनावाद की निरंतरता है.<ref name="Sturrock">जॉन स्टुरॉक, ''स्ट्रक्चरालिज़म एण्ड सिंस'', परिचय.</ref>
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