"संस्कृत दिवस": अवतरणों में अंतर
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[[भारत]] में प्रतिवर्ष [[श्रावणी पूर्णिमा]] के पावन अवसर को '''संस्कृत दिवस''' के रूप में मनाया जाता
सन् 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केन्द्रीय तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश जारी किया गया था। तब से संपूर्ण भारत में संस्कृत दिवस श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन को इसीलिए चुना गया था कि इसी दिन प्राचीन भारत में शिक्षण सत्र शुरू होता था। इसी दिन वेद पाठ का आरंभ होता था तथा इसी दिन छात्र शास्त्रों के अध्ययन का प्रारंभ किया करते थे। पौष माह की पूर्णिमा से श्रावण माह की पूर्णिमा तक अध्ययन बन्द हो जाता था। प्राचीन काल में फिर से श्रावण पूर्णिमा से पौष पूर्णिमा तक अध्ययन चलता था, इसीलिए इस दिन को संस्कृत दिवस के रूप से मनाया जाता है। आजकल देश में ही नहीं, विदेश में भी संस्कृत उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसमें केन्द्र तथा राज्य सरकारों का भी योगदान उल्लेखनीय है।
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