"समुच्चय सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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छो विराम चिह्न की स्थिति सुधारी।
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(४) [[बीजगणित]] की सहायता से;
: जैसे C={x : 2 < x < 7, x एक पूर्ण संख्या है} । इसका अर्थ है कि समुच्चय C के सदस्य वे सभी पूर्णांक हैं जो 2 से अधिक तथा 7 से कम हैं।; अर्थात् C={3,4,5,6}
 
===समुच्चय के प्रकार===
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=== समुच्चय की सदस्यता ===
<math> \in </math>यह चिह्न देकर बताते हैं कि कौन समुच्चय का सदस्य है। उदाहरण के लिए, S={2,5,6,7,9} का एक सदस्य 7 है। इसे हम लिख सकते हैं कि <math>7 \in S</math> इसके विपरीत <math> \notin </math> चिह्न यह बताता है कि अमुक चीज समुच्चय का सदस्य '''नहीं''' है। जैसे 3 संख्या पूर्वोक्त समुच्चय S का सदस्य नहीं है; इसे हम लिखते हैं कि <math>3 \notin S</math>
"<math> \in </math>" इस चिह्न को 'सदस्य है' (belongs to) कहते हैं।
 
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===विविध===
समुच्चय में अवयवों का विभिन्न होना आवश्यक है। यदि '''x''' समुच्चय '''A''' का कोई अवयव है, तो हम लिखते है : '''x ∈ A''' । सभी अवयवों का ब्यौरा न देकर, उन्हें नियम द्वारा भी बताया जा सकता है, जैसे विषम संख्याओं का समुच्चय। '''B''' को '''A''' का '''उपसमुच्चय''' (Subset) तब कहते हैं, जब B का प्रत्येक अवयव A का सदस्य हो और इसे इस प्रकार लिखते हैं : '''B ⊂ A''' . इसे यों भी पढ़ते हैं : B, A में समाविष्ट है। यदि A में कम से कम एक ऐसा अवयव हो जो B का सदस्य नहीं है और B, A का उपसमुच्चय है, तो B को A का '''वास्तविक (proper) उपसमुच्चय''' कहते हैं। ऐसे समुच्चय को, जिसका एक भी अवयव न हो, '''शून्य (null) समुच्चय''' कहते हैं और इसे '''φ''' से प्रकट करते हैं। शून्य समुच्चय सैद्धांतिक विवेचन में उपयोगी होते हैं।
 
समुच्चयों पर मूल क्रियाएँ ये हैं : तार्किक (logical) योग, तार्किक गुणन, तार्किक व्यकलन।