"पाण्डु": अवतरणों में अंतर

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एक दिन वर्षाऋतु का समय था और पाण्डु और माद्री वन में विहार कर रहे थे। उस समय पाण्डु अपने काम वेग पर नियंत्रण न रख सके और माद्री के साथ सहवास करने को उतावले हो गए और तब ऋषि का श्राप महाराज पाण्डु की मृत्यु के रूप में फलित हुआ।
 
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
== इन्हें भी देखें==
 
== बाहरी कड़ियाँ==
 
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