"सूर्य": अवतरणों में अंतर

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==विशेषताएँ==
 
[[File:Incandescent Sun.ogv|thumb|left|300px| यह वीडियो [[सौर गतिशीलता वेधशाला]]<sup>[[:en:Solar Dynamics Observatory|En]]</sup> की छवियां लेता है और ढांचे की दृश्यमानता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रक्रियाएं लागू करता है ।है। इस वीडियो में यह प्रसंग 25 सितम्बर 2011 की 24 घंटो की गतिविधि प्रस्तुत करता हैं ।हैं।]]
 
सूर्य एक [[G श्रेणी का मुख्य-अनुक्रम तारा | G-टाइप मुख्य अनुक्रम तारा]] है जो सौरमंडल के कुल द्रव्यमान का लगभग 99.86% समाविष्ट करता है ।है। करीब नब्बे लाखवें भाग के अनुमानित [[चपटेपन]] के साथ, यह करीब-करीब गोलाकार है,<ref name="Godier">
{{Cite journal
|last=Godier |first=S. |last2=Rozelot |first2=J.-P.
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|bibcode=2000A&A...355..365G
|ref=harv
}}</ref> इसका मतलब है कि इसका ध्रुवीय व्यास इसके भूमध्यरेखीय व्यास से केवल 10 किमी से अलग है ।है।<ref name="perfect sphere">{{cite web
|url=http://www.guardian.co.uk/science/2012/aug/16/sun-perfect-sphere-nature
|title=Sun is the most perfect sphere ever observed in nature | publisher=the Guardian | date=16 August 2012 | accessdate=August 19, 2012
|author=Jones, Geraint}}</ref> जैसा कि सूर्य [[प्लाज़्मा (भौतिकी) | प्लाज्मा]] का बना हैं और ठोस नहीं है, यह अपने [[ध्रुवों]] पर की अपेक्षा अपनी [[भूमध्य रेखा]] पर ज्यादा तेजी से घूमता है ।है। यह व्यवहार [[सौर घूर्णन | अंतरीय घूर्णन]] के रूप में जाना जाता है, और सूर्य के [[संवहन]] एवं कोर से बाहर की ओर अत्यधिक [[तापमान ढलान]] के कारण पदार्थ की आवाजाही की वजह से हुआ है ।है। यह सूर्य के वामावर्त [[कोणीय संवेग]] के एक बड़े हिस्से का वहन करती है, जैसा क्रांतिवृत्त के उत्तरी ध्रुव से देखा गया, और इस प्रकार कोणीय वेग पुनर्वितरित होता है ।है। इस ''वास्तविक घूर्णन'' की अवधि भूमध्य रेखा पर लगभग 25.6 दिन और ध्रुवों में 33.5 दिन की होती है ।है। हालांकि, सूर्य की परिक्रमा के साथ ही पृथ्वी के सापेक्ष हमारी लगातार बदलती स्थिति के कारण इस तारे का अपनी भूमध्य रेखा पर '' स्पष्ट घूर्णन'' करीबन 28 दिनों का है ।है।<ref name=Phillips1995-78>{{Cite book|last=Phillips|first=Kenneth J. H.|title=Guide to the Sun|year=1995|publisher=[[Cambridge University Press]]|isbn=978-0-521-39788-9|pages=78–79}}</ref> इस धीमी गति के घूर्णन का केन्द्रापसारक प्रभाव सूर्य की भूमध्य रेखा पर के सतही गुरुत्वाकर्षण से 1.8 करोड़ गुना कमजोर है ।है। ग्रहों के ज्वारीय प्रभाव भी कमजोर है, और सूर्य के आकार को खास प्रभावित नहीं करते है ।है।<ref name=Schutz2003>{{Cite book|last=Schutz|first=Bernard F.|title=Gravity from the ground up|year=2003|publisher=[[Cambridge University Press]]|isbn=978-0-521-45506-0|pages=98–99}}</ref>
 
सूर्य एक [[पॉपुलेशन I]] या भारी तत्व युक्त सितारा है ।है।<ref name=zeilik>
{{Cite book
|last=Zeilik |first=M.A.
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|year=1998
|isbn=0-03-006228-4
}}</ref> सूर्य का यह गठन एक या एक से अधिक नजदीकी [[महानोवा | सुपरनोवा]]ओं से निकली धनुषाकार तरंगों द्वारा शुरू किया गया हो सकता है ।है।<ref name="Falk">
{{Cite journal
|last=Falk |first=S. W. |last2=Lattmer |first2=J.M. |last3=Margolis |first3=S. H.
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|doi=10.1038/270700a0
|ref=harv
|bibcode = 1977Natur.270..700F }}</ref> ऐसा तथाकथित [[पॉपुलेशन II]] (भारी तत्व-अभाव) सितारों में इन तत्वों की बहुतायत की अपेक्षा, सौरमंडल में [[भारी तत्वों]] की उच्च बहुतायत ने सुझाया है, जैसे कि सोना और यूरेनियम ।यूरेनियम। ये तत्व, किसी सुपरनोवा के दौरान [[ऊष्माशोषी]] नाभकीय अभिक्रियाओं द्वारा अथवा किसी दूसरी-पीढ़ी के विराट तारे के भीतर [[न्यूट्रॉन अवशोषण]] के माध्यम से [[नाभकीय रूपांतरण | रूपांतरण]] द्वारा, उत्पादित किए गए हो सकने की सर्वाधिक संभवना है ।है।<ref name=zeilik />
 
सूर्य की चट्टानी ग्रहों के माफिक कोई निश्चित सीमा नहीं है ।है। सूर्य के बाहरी हिस्सों में गैसों का घनत्व उसके केंद्र से बढ़ती दूरी के साथ तेजी से गिरता है ।है।<ref name=Zirker2002-11>{{Cite book|last=Zirker|first=Jack B.|title=Journey from the Center of the Sun|year=2002|publisher=[[Princeton University Press]]|isbn=978-0-691-05781-1|page=11}}</ref> बहरहाल, इसकी एक सुपारिभाषित आंतरिक संरचना है जो नीचे वर्णित है ।है। सूर्य की त्रिज्या को इसके केंद्र से लेकर [[प्रभामंडल]] के किनारे तक मापा गया है ।है। सूर्य का बाह्य प्रभामंडल दृश्यमान अंतिम परत है ।है। इसके उपर की परते [[नग्न आंखों]] को दिखने लायक पर्याप्त प्रकाश उत्सर्जित करने के लिहाज से काफी ठंडी या काफी पतली है ।है।<ref name=Phillips1995-73>{{Cite book|last=Phillips|first=Kenneth J. H.|title=Guide to the Sun|year=1995|publisher=[[Cambridge University Press]]|isbn=978-0-521-39788-9|page=73}}</ref> एक पूर्ण [[सूर्यग्रहण]] के दौरान, तथापि, जब प्रभामंडल को चंद्रमा द्वारा छिपा लिया गया, इसके चारों ओर सूर्य के [[कॉरोना | कोरोना]] का आसानी से देखना हो सकता है ।है।
 
सूर्य का आंतरिक भाग प्रत्यक्ष प्रेक्षणीय नहीं है ।है। सूर्य स्वयं ही [[विद्युत चुम्बकीय विकिरण]] के लिए अपारदर्शी है ।है। हालांकि, जिस प्रकार [[भूकम्प विज्ञान]] पृथ्वी के आंतरिक गठन को प्रकट करने के लिए भूकंप से उत्पन्न तरंगों का उपयोग करता है, [[सौर भूकम्प विज्ञान]]<sup>[[:en: helioseismology | En]]</sup> का नियम इस तारे की आंतरिक संरचना को मापने और दृष्टिगोचर बनाने के लिए दाब तरंगों ([[अपश्रव्य | पराध्वनी]]) का इस्तेमाल करता है ।है।<ref name=Phillips1995-58>{{Cite book|last=Phillips|first=Kenneth J. H.|title=Guide to the Sun|year=1995|publisher=[[Cambridge University Press]]|isbn=978-0-521-39788-9|pages=58–67}}</ref> इसकी गहरी परतों की खोजबीन के लिए [[कम्प्यूटरी सिमुलेशन | कंप्यूटर मॉडलिंग]] भी सैद्धांतिक औजार के रूप में प्रयुक्त हुए है ।है।
 
===कोर===
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[[File:Sun poster.svg|thumb|x250px|सूर्य का गठन]]
 
सूर्य का [[सौर कोर | कोर]] इसके केन्द्र से लेकर सौर त्रिज्या के लगभग 20-25% तक विस्तारित माना गया है ।है।<ref name="Garcia2007">
{{Cite journal
|last=García |first=R.
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|authorlink=Basu et al.
|display-authors=1
|arxiv = 0905.0651 }}</ref><ref name=NASA1>{{cite web|url=http://solarscience.msfc.nasa.gov/interior.shtml |title=NASA/Marshall Solar Physics |publisher=Solarscience.msfc.nasa.gov |date=2007-01-18 |accessdate=2009-07-11}}</ref> (पानी के घनत्व का लगभग 150 गुना) और तापमान 15.7 करोड़ केल्विन के करीब का है ।है।<ref name=NASA1/> इसके विपरीत, सूर्य की सतह का तापमान लगभग 5,800 केल्विन है ।है। [[सौर एवं सौरचक्रीय वेधशाला (सोहो) | सोहो]] मिशन डेटा के हाल के विश्लेषण विकिरण क्षेत्र के बाकी हिस्सों की तुलना में कोर के तेज घूर्णन दर का पक्ष लेते है ।है।<ref name="Garcia2007"/> सूर्य के अधिकांश जीवन में, ऊर्जा [[p–p (प्रोटॉन-प्रोटॉन) श्रृंखला]]<sup>[[:en:Proton–proton chain reaction|En]]</sup> कहलाने वाली एक चरणबद्ध श्रृंखला के माध्यम से [[नाभिकीय संलयन]] द्वारा उत्पादित हुई है; यह प्रक्रिया [[हाइड्रोजन]] को [[हीलियम]] में रुपांतरित करती है ।है।<ref>{{Cite journal|last=Broggini|first=Carlo|date=26–28 June 2003|page=21|journal=Physics in Collision|title=Nuclear Processes at Solar Energy|bibcode=2003phco.conf...21B|arxiv=astro-ph/0308537|ref=harv}}</ref> सूर्य की उत्पादित ऊर्जा का मात्र 0.8% [[CNO चक्र]]<sup>[[:en:CNO cycle | En]]</sup> से आता है ।है।<ref name=jpcs271_1_012031>{{Cite journal | last1=Goupil | first1=M. J. | last2=Lebreton | first2=Y. | last3=Marques | first3=J. P. | last4=Samadi | first4=R. | last5=Baudin | first5=F. | title=Open issues in probing interiors of solar-like oscillating main sequence stars 1. From the Sun to nearly suns | journal=Journal of Physics: Conference Series | volume=271 | issue=1 | page=012031 | month=January | year=2011 | doi=10.1088/1742-6596/271/1/012031 | bibcode=2011JPhCS.271a2031G | display-authors=1 | postscript=<!-- Bot inserted parameter. Either remove it; or change its value to "." for the cite to end in a ".", as necessary. -->{{inconsistent citations}} |arxiv = 1102.0247 }}</ref>
 
सूर्य में कोर अकेला ऐसा क्षेत्र है जो संलयन के माध्यम से तापीय ऊर्जा की एक बड़ी राशि का उत्पादन करता है; 99% शक्ति सूर्य की त्रिज्या के 24% के भीतर उत्पन्न हुई है, तथा त्रिज्या के 30% द्वारा संलयन लगभग पूरी तरह से बंद कर दिया गया है ।है। इस तारे का शेष उस उर्जा द्वारा तप्त हुआ है जो कोर से लेकर संवहनी परतों के ठीक बाहर तक विकिरण द्वारा बाहर की ओर स्थानांतरित हुई है ।है। कोर में संलयन द्वारा उत्पादित ऊर्जा को फिर उत्तरोत्तर कई परतों से होकर सौर प्रभामंडल तक यात्रा करनी होती है इसके पहले कि वह सूर्य प्रकाश अथवा कणों की [[गतिज ऊर्जा]] के रूप में अंतरिक्ष में पलायन करती है ।है।<ref name=Zirker2002-15>{{Cite book|last=Zirker|first=Jack B.|title=Journey from the Center of the Sun|year=2002|publisher=[[Princeton University Press]]|isbn=978-0-691-05781-1|pages=15–34}}</ref><ref name=Phillips1995-47>{{Cite book|last=Phillips|first=Kenneth J. H.|title=Guide to the Sun|year=1995|publisher=[[Cambridge University Press]]|isbn=978-0-521-39788-9|pages=47–53}}</ref>
 
कोर में [[प्रोटॉन-प्रोटॉन श्रृंखला]] दरेक सेकंड 9.2×10<sup>37</sup> बार पाई जाती है ।है। यह अभिक्रिया चार मुक्त [[प्रोटॉन | प्रोटॉनों]] (हाइड्रोजन नाभिक) का प्रयोग करती है, यह हर सेकंड करीब 3.7×10<sup>38</sup> प्रोटॉनों को [[अल्फा कण | अल्फा कणों]] (हीलियम नाभिक) में तब्दील करती है (सूर्य के कुल ~8.9×10<sup>56</sup> मुक्त प्रोटॉनों में से), या लगभग 6.2× 10<sup>11</sup> किलो प्रति सेकंड ।सेकंड।<ref name=Phillips1995-47/> हाइड्रोजन से हीलियम संलयन के बाद हीलियम ऊर्जा के रूप में संलयित द्रव्यमान का लगभग 0.7% छोड़ती है,<ref>p. 102, ''The physical universe: an introduction to astronomy'', Frank H. Shu, University Science Books, 1982, ISBN 0-935702-05-9.</ref> सूर्य 42.6 करोड़ मीट्रिक टन प्रति सेकंड की द्रव्यमान-ऊर्जा रूपांतरण दर पर ऊर्जा छोड़ता है, 384.6 [[योट्टा- | योटा]] [[वाट]] (3.846 × 10<sup>26</sup> वाट),<ref name=nssdc /> या 9.192× 10<sup>10</sup> [[टीएनटी]] [[मेगाटन]]<sup>[[:en:TNT equivalent|En]]</sup> प्रति सेकंड ।सेकंड। राशि ऊर्जा पैदा करने में नष्ट नहीं हुई है, बल्कि यह राशि बराबर की इतनी ही ऊर्जा में तब्दील हुई है तथा ढोकर उत्सर्जित होने के लिए दूर ले जाई गई, जैसा [[द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता]] अवधारणा का वर्णन हुआ है ।है।
 
कोर में संलयन से शक्ति का उत्पादन सौर केंद्र से दूरी के साथ बदलता रहता है ।है। सूर्य के केंद्र पर, सैद्धांतिक मॉडलों के आकलन में यह तकरीबन 276.5 वाट/मीटर<sup>3</sup> होना है,<ref>[http://fusedweb.llnl.gov/CPEP/Chart_Pages/5.Plasmas/Sunlayers.html Table of temperatures, power densities, luminosities by radius in the Sun]. Fusedweb.llnl.gov (1998-11-09). Retrieved on 2011-08-30.</ref>
 
==जीवन चक्र ==
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|doi=10.1038/nature03882
|ref=harv
|bibcode = 2005Natur.436.1127B }}</ref> प्राचीन [[उल्कापात | उल्कापातों]] के अध्ययन अल्पजीवी आइसोटोपो के स्थिर नाभिक के निशान दिखाते है, जैसे कि [[लौह-60]], जो केवल विस्फोटित, अल्पजीवी तारों में निर्मित होता है | यह इंगित करता है कि वह स्थान जहां पर सूर्य बना के नजदीक एक या एक से ज्यादा सुपरनोवा अवश्य पाए जाने चाहिए | किसी नजदीकी सुपरनोवा से निकली [[आघात तरंग]] ने आणविक बादल के भीतर की गैसों को संपीडित कर सूर्य के निर्माण को शुरू किया होगा तथा कुछ क्षेत्र अपने स्वयं के गुरुत्वाकर्षण के अधीन ढहने से बने होंगे ।होंगे।<ref>{{cite doi|10.1080/00107511003764725 }}</ref> जैसे ही बादल का कोई टुकड़ा ढहा [[कोणीय गति के संरक्षण]] के कारण यह भी घुमना शुरू हुआ और बढ़ते दबाव के साथ गर्म होने लगा ।लगा। बहुत बड़ी द्रव्य राशि केंद्र में केंद्रित हुई, जबकि शेष बाहर की ओर चपटकर एक डिस्क में तब्दील हुई जिनसे ग्रह व अन्य सौरमंडलीय निकाय बने ।बने। बादल के कोर के भीतर के गुरुत्व व दाब ने अत्यधिक उष्मा उत्पन्न की वैसे ही डिस्क के आसपास से और अधिक गैस जुड़ती गई, अंततः [[नाभिकीय संलयन]] को सक्रिय किया ।किया। इस प्रकार, सूर्य का जन्म हुआ ।हुआ।
 
===मुख्य अनुक्रम===
[[File:Solar evolution (English).svg|right|thumb|320px|सूर्य की [[सौर चमकीलापन | चमक]], [[सौर अर्धव्यास | त्रिज्या]] और [[प्रभावी तापमान]] के विकास वर्तमान सूर्य की तुलना में<ref name=ribas2010>{{Cite journal | last=Ribas | first=Ignasi | contribution=The Sun and stars as the primary energy input in planetary atmospheres | title=Solar and Stellar Variability: Impact on Earth and Planets, Proceedings of the International Astronomical Union, IAU Symposium | volume=264 | pages=3–18 | month=February | year=2010 | doi=10.1017/S1743921309992298 | bibcode=2010IAUS..264....3R | journal=Proceedings of the International Astronomical Union | postscript=<!-- Bot inserted parameter. Either remove it; or change its value to "." for the cite to end in a ".", as necessary. -->{{inconsistent citations}} |arxiv = 0911.4872 }}</ref>]]
सूर्य अपनी [[मुख्य अनुक्रम]] अवस्था से होता हुआ करीब आधी राह पर है, जिसके दरम्यान नाभिकीय संलयन अभिक्रियाओ ने हाइड्रोजन को हीलियम में बदला ।बदला। हर सेकंड, सूर्य की कोर के भीतर चालीस लाख टन से अधिक पदार्थ ऊर्जा में परिवर्तित हुआ है, और [[न्यूट्रिनो]] व [[धूप | सौर विकिरण]] का निर्माण किया है ।है। इस दर पर, सूर्य अब तक करीब 100 पृथ्वी-द्रव्यमान जितना पदार्थ ऊर्जा में परिवर्तित कर चुका है ।है। सूर्य एक मुख्य अनुक्रम तारे के रूप में लगभग 10 अरब साल जितना खर्च करेगा ।करेगा।<ref>
{{Cite book
|last=Goldsmith |first=D. |last2=Owen |first2=T.
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===कोर हाइड्रोजन समापन के बाद===
सूर्य के पास एक [[सुपरनोवा]] के रूप में विस्फोट के लिए पर्याप्त द्रव्यमान नहीं है ।है। बावजुद यह एक [[लाल दानव]] चरण में प्रवेश करेगा ।करेगा। सूर्य का तकरीबन 5.4 अरब साल में एक लाल दानव बनने का पूर्वानुमान है ।है।<ref name=sackmann>{{cite doi|10.1086/306546}}</ref> यह आकलन हुआ है कि सूर्य संभवतः पृथ्वी समेत [[सौरमंडल]] के [[आंतरिक ग्रहों]] की वर्तमान कक्षाओं को निगल जाने जितना बड़ा हो जाएगा ।जाएगा।<ref name = schroder>{{cite doi|10.1111/j.1365-2966.2008.13022.x}}</ref>
 
[[File:Sun red giant.svg|thumb|301px|left|वर्तमान सूर्य का आकार (फिलहाल [[मुख्य अनुक्रम]] में है) भविष्य में अपने लाल दानव चरण के दौरान अपने अनुमानित आकार की तुलना में ]]
इससे पहले कि यह एक लाल दानव बनता है, सूर्य की चमक लगभग दोगुनी हो जाएगी, और पृथ्वी शुक्र जितना आज है उससे भी अधिक गर्म हो जाएगी ।जाएगी। एक बार कोर हाइड्रोजन समाप्त हुई, सूर्य का [[उपदानव]] चरण में विस्तार होगा और करीब आधे अरब वर्षों उपरांत आकार में धीरे धीरे दोगुना जाएगा ।जाएगा। उसके बाद यह, आज की तुलना में दो सौ गुना बड़ा तथा दसियों हजार गुना और अधिक चमकदार होने तक, आगामी करीब आधे अरब वर्षों से ज्यादा तक और अधिक तेजी से फैलेगा ।फैलेगा। यह [[लाल दानव शाखा]] का वह चरण है, जहां पर सूर्य करीब एक अरब वर्ष बिता चुका होगा और अपने द्रव्यमान का एक तिहाई के आसपास गंवा चुका होगा ।होगा।<ref name=schroder/>
 
सूर्य के पास अब केवल कुछ लाख साल बचे है, पर वें बेहद प्रसंगपूर्ण है ।है। प्रथम, कोर [[हीलियम चौंध]] में प्रचंडतापूर्वक सुलगता है, और सूर्य चमक के 50 गुने के साथ, आज की तुलना में थोड़े कम तापमान के साथ, अपने हाल के आकार से 10 गुने के आसपास तक वापस सिकुड़ जाता है ।है।
 
===सौर अंतरिक्ष मिशन===
"https://hi.wikipedia.org/wiki/सूर्य" से प्राप्त