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पिप्पली के फल कई छोटे फलों से मिल कर बना होता है, जिनमें से हरेक एक खसखस के दाने के बराबर होता है। ये सभी मिलकर एक [[:w:hazel|हेज़ल वृक्ष]] की तरह दिखने वाले आकार में जुड़े रहते हैं। इस फ़ल में ऍल्कलॉयड पाइपराइन होता है, जो इसे इसका तीखापन देता है। इसकी अन्य प्रजातियाँ जावा एवं इण्डोनेशिया में पायी जाती हैं। इसमें सुगन्धित तेल (0.७%), पाइपराइन (४-५%) तथा पिपलार्टिन नामक क्षाराभ पाए जाते हैं। इनके अतिरिक्त दो नए तरल क्षाराभ सिसेमिन और पिपलास्टिरॉल भी हाल ही में<ref>[http://hindi.webdunia.com/पीपल-पिप्पली-त्रिकटु/पीपल-पिप्पली-1070418040_1.htm पीपर (पिअप्पली]। [[वेबदुनिया]] अभिगमन तिथि: २६ जुलाई, २०१३</ref>ज्ञात हुए हैं। पीपर की जड़ जिसे पीपला मूल भी कहा गया है पाइपरिन (०.१५-०.१८%), पिपलार्टिन (०.१३-०.२०%), पाइपरलौंगुमिनिन, एक स्टिरॉएड तथा ग्लाइकोसाइड से युक्त होती है।
 
== इतिहास ==
पीपर [[यूनान]] में छठी एवं पाँचवीं शताब्दी के मध्य पहुंची थी। इसका उल्लेख [[हिपोक्रेटिस]] ने पहली बार किया, और इसे एक मसाले के बजाय एक औषधि के रूप में किया ता।<ref>मैग्युलियोन टॉश्शैण्ट-सैमाट ऍन्थिया बॅल, tr. ''The History of Food'', पुनर्संस्करण २००९, p. </ref> यूनानियों एवं रोमवासियों में, अमरीकी महाद्वीपों की खोज से पूर्व ही पीपरी एक महत्त्वपूर्ण एवं सर्वज्ञात मसाला था।
 
== संदर्भ ==
{{commons|Piper longum}}
{{Reflist}}
 
== बाहरी सूत्र ==
{{ औषधीय पौधे}}
[[Category: मसाले]]