"संकेत प्रसंस्करण": अवतरणों में अंतर
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विद्युत [[संकेत|संकेतों]] को अधिक उपयोगी बनाने के लिये उन्हें अनेक प्रकार से परिवर्तित किया जाता है। इस क्रिया को '''संकेत प्रसंस्करण''' (Signal processing) कहते हैं। उदाहरण के लिये किसी
* [[परिवर्धन]] (amplification)
* [[फिल्टरिंग]] (संकेतों का छानना)
* भण्डारण एवं पुनः रचना (reconstruction)
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* [[डीमॉडुलेशन]]
==प्रसंस्करण के प्रकार==
संकेतों का प्रसंस्करण उनके एनॉलॉग स्वरूप में ही किया जाता है तो इसे [[एनॉलॉग संकेत प्रसंस्करण]] (Analog signal processing) कहते हैं। उदाहरण के लिये संकेतों का [[आवर्धन]] एक एनॉलॉग संकेत प्रसंस्करण है। इसके बजाय यदि संकेतों को आंकिक (डिजिटल) स्वरूप में बदलने के बाद उनपर कुछ प्रसंस्करण किया जाता है तो वह [[आंकिक संकेत प्रसंस्करण]] कहलाता है। आजकल शक्तिशाली आंकिक युक्तियों के प्रादुर्भाव के कारण आंकिक संकेत प्रसंस्करण का महत्व, दायरा और शक्ति बढती जा रही है।
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इसी प्रकार, संकेतों का प्रसंस्करण समय-डोमेन में किया जा सकता है अथवा आवृत्ति-डोमेन में।
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