"बाणभट्ट": अवतरणों में अंतर

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[[कादंबरी]] दुनिया का पहला उपन्यास था।
 
== परिचय ==
महाकवि बाणभट्ट ने [[गद्य]]रचना के क्षेत्र में वही स्थान प्राप्त किया है जो कि [[कालिदास]] ने संस्कृत काव्य क्षेत्र में। पाश्चाद्वर्ती लेखकों ने एक स्वर में बाण पर प्रशस्तियों की अभिवृष्टि की है।
 
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परन्तु ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि बाण को राजसंरक्षण मिला और उन्होंने भी हर्ष चरित लिखकर उसका मूल्य चुका दिया। बाण का भूषणभट्ट अथवा भट्टपुलिन्द नाम का एक पुत्र था जिसने बाण की मृत्यु के पश्चात कादम्बरी को सम्पूर्ण किया।
 
== बाण का काल ==
बाण के काल निर्णय में कोई कठिनाई नहीं है। हर्षचरित के प्रारम्भ में वे हर्ष को राज्य करता हुआ राजा बतलाते हैं-
 
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हर्ष के वंश का वर्णन उदाहरणतः प्रभाकरवर्धन एवं राज्यवर्धन के नाम यह निःसन्देह सिद्ध करते हैं कि बाण कन्नौज के सम्राट [[हर्षवर्धन]] (606-646) के राजकवि थे। बाण का यह काल बाह्य साक्ष्यों से भी साम्य रखता है। बाण का उल्लेख 9वीं शताब्दी में [[अलंकार शास्त्र]] के ज्ञाता [[आनन्दवर्धन]] ने किया। सम्भवतः बाण आनन्दवर्धन से बहुत पहले हो चुके थे। [[वामन]] (750 ईस्वी) ने भी बाण का उल्लेख किया। [[गौड़वाहो]] के लेखक [[वाक्पति राज]] (734 ईस्वी) भी बाण की प्रशंसा करते हैं।
 
== महाकवि बाण भट्ट की कृतियां==
[[कादम्बरी]] और [[हर्षचरित]] के अतिरिक्त कई दूसरी रचनाएँ भी बाण की मानी जाती हैं। उनमें से [[मार्कण्डेय पुराण]] के [[देवी महात्म्य]] पर आधारित दुर्गा का स्त्रोत [[चंडीशतक]] है। प्रायः एक नाटक '''‘पार्वती परिणय’''' भी बाण द्वारा रचित माना जाता है। परन्तु वस्तुतः इसका लेखक कोई पश्चाद्वर्ती वामन भट्टबाण है।
 
== शैली ==
एक विद्वान आलोचक के अनुसार विशेषणबहुल वाक्य रचना में, श्लेषमय अर्थों में तथा शब्दों के अप्रयुक्त अर्थों के
प्रयोग में ही बाण का वैशिष्ट्य है। उनके गद्य में लालित्य है और लम्बे समासों में बल प्रदान करने की शक्ति है। वे श्लेष, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, सहोक्ति, परिसंख्या और विशेषतः विरोधाभास का बहुलता से प्रयोग करते है। जैसा कि अच्छोदसरोवर के उल्लेख से स्पष्ट है उनका प्रकृति वर्णन तथा अन्य प्रकार के वर्णन करने पर अधिकार है। [[कादम्बरी]] में शुकनास तथा [[हर्षचरित]] के प्रभाकरवर्धन की शिक्षाओं से बाण का मानव प्रकृति का गहन अध्ययन सुस्पष्ट है।
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:'''वाणी वाणी बभूव।'''
 
== इन्हें भी देखें==
*[[हर्षचरित]]
*[[कादम्बरी]]