"अलेक्ज़ंडर पोप": अवतरणों में अंतर

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गद्यलेखक के रूप में पोप द्वितीय श्रेणी के लेखक समझे जाते हैं। गद्य में [[स्विफ्ट ग्रे]], इत्यादि प्रसिद्ध व्यक्तियों को लिखे हुए इनके पत्र तथा विभिन्न विषयों पर आडंबरपूर्ण लेखों का संग्रह प्रसिद्ध है। ये लेखक सरल तथा स्पष्ट हैं, विशेषत: जब वे स्वानुभवों का वर्णन करते हैं।
 
पोप इंग्लैंड में आज तक हुए व्यंग्य कवियों में प्रो.प्रो॰ सेंट्सबेरी के शब्दों में 'काव्य सौंदर्य के विषय में संसार भर में सर्वश्रेष्ठ आचार्यो में एक' थे।
 
पोप के काव्यों का तथा लेखों का सर्वमान्य संग्रह एलविन और कोर्थप द्वारा तैयार किया गया है जो 1871-89 में प्रकाशित हुआ।