"अवलोकन टनलिंग सूक्ष्मदर्शी यंत्र": अवतरणों में अंतर
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== टनलिंग ==
[[प्रमात्रा टनलिंग|<span title="Quantum Tunneling">टनलिंग</span>]] सिद्धांत का जन्म [[प्रमात्रा यांत्रिकी|<span title="Quantum Mechanics">प्रमात्रा यांत्रिकी</span>]] से होता है। [[उदात्त यांत्रिकी|<span title="Classical Mechanics">उदात्त यांत्रिकी</span>]] के तहत, यदि एक वस्तु एक दिवार से टकराए तो वह टकराकर गिर जाता है, पार नही जा पाती। जैसे गेंद को दीवार के दूसरी तरफ खडे दोस्त की ओर फैंकें, तो बेहद आश्चर्य होगा यदि गेंद दीवार के आर-पार हो जाये। परंतु ऐसा ही होता है बहुत ही कम [[द्रव्यमान|<span title="mass">द्रव्यमान</span>]] के वस्तु, जैसे कि [[इलेक्ट्रॉन]], के साथ। ऐसे वस्तु तरंग नुमा होते हैं, इसलिये एक सुरंग (या टनल) सी बन जाती है
टनलिंग का गणित [[प्रमात्रा टनलिंग|<span title="Quantum Tunneling">प्रमात्रा टनलिंग</span>]] में पढें।
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== मापयंत्रण ==
[[चित्र:ScanningTunnelingMicroscope schematic.png|thumb|400px|right|अवलोकन टनलिंग सूक्ष्मदर्शी यंत्र का आरेखीय चित्र]]
अवलोकन टनलिंग सूक्ष्मदर्शी यंत्र के पुर्जे हैं क्रमवीक्षण नोक, पैजो़विद्युत दूरी नियंत्रण, गाढा नमूने से नोक नियंत्रण, कम्पन अवमन्दन
प्रतिबिंब की [[विभेदनशीलता|<span title="image resolution">विभेदनशीलता</span>]] नोक के [[वक्रता के अर्द्ध व्यास|<span title="radius of curvature">वक्रता के अर्द्ध व्यास</span>]] पर निर्भर करता है। नोक के अगर दो सिर हों तो प्रतिबिंब गलत बनता है - नोक में सिर्फ एक अणु होना चाहिये। नोक के लिये आजकल [[कार्बन]] [[नैनोंट्यूब|<span title="Nanotubes">नैनोंट्यूब</span>]] का प्रयोग हो रहा है। [[टंग्स्टन]], [[प्लाटिनम]]-[[इरिडियम]]
[[चित्र:Stmsample.jpg|thumb|left|250px|अवलोकन टनलिंग सूक्ष्मदर्शी यंत्र [[प्लाटिनम]]-[[इरिडियम]] के नोक के साथ]]
<!--Tungsten tips are usually made by electrochemical etching, and platinum-iridium tips by mechanical shearing-->
कम्पन अवमन्दन की जरूरत का कारण है Ǻ स्तर पर दूरी को बनाये रखने की जरूरत। इसके लिये [[चुम्बकिय उत्थापन|<span title="magnetic levitation">चुम्बकिय उत्थापन</span>]]
कम्प्युटर का प्रयोग नोक की दूरी का गणन करनें
== अन्य तरीके और उपयोग ==
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एक और उपयोग है नोक के सहारे सतह को बदलने का। इसका फायदा यह है कि सतह को पहले नोक से अत्यन्त ही सूक्ष्म स्तर पर बदला जा सकता है
[[आई बी एम]] के वैज्ञानिकों ने [[जेनन]] अणुओं से [[अधिशोषण|<span title="adsorb">अधिशोषित</span>]] [[निकेल]]<ref name="Bai"/> के सतह का प्रयोग किया है [[अश्मलेखन|<span title="lithography">अश्मलेखन</span>]] के लिये, जो [[इलेक्ट्रॉन किरण अश्मलेखन|<span title="electron beam lithography">इलेक्ट्रॉन किरण अश्मलेखन</span>]] से बेहतर है।
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