"बैठक": अवतरणों में अंतर

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'''बैठक''' (meeting) में दो या अधिक लोग एक साथ एक या अधिक मुद्दों पर विचार विमर्श करते हैं। बैठके प्राय: औपचारिक होती हैं।
 
== परिचय ==
[[चित्र:ELW2-Besprechungsraum modified.jpg|right|thumb|300px|एक बैठक]]
कार्यपालक का आधिकतर समय बैठकों में शमिल होने तथा बैठकों की व्यवस्था करने में निकल जाता है। व्यवसाय तथा अन्य संगठनों में बैठकें एक सामान्य प्रक्रिया है। कर्मचरियों के विचारों और सुझावों को प्राप्त करने तथा समूहों के [[प्रबंधन]] के लिए बैठकें महत्वपूर्ण माध्यम के रुप में कार्य करती हैं। यदि बैठकों की व्यवस्था समय पर तथा कुशलतापूर्वक नहीं की जाती हैं, तथा इसमें लिए गए निर्णयों पर गुणवत्ता की दृष्टि से कार्यान्वयन नहीं किए जाते हैं तो इससे कार्यकुशलता में तीव्रता से गिरावट होती है। इसलिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि बैठकों की योजना, नियोजन तथा उसमें भाग लेने की प्रक्रियाओं को अच्छी तरह से समझा जाए। एक उच्च स्तरीय कार्यपालक जिसे बैठक की अध्यक्षता करनी होती है के वैयक्तिक सहायक/निजी सहायक से सक्रिय संलिप्तता की उम्मीद की जाती है।
 
== बैठक का अर्थ ==
निश्चित मामलों पर विचार करने, सिफरिशें करने तथा निर्णय लेने के लिए दो या आधिक व्यक्तियों का इकट्ठा होना बैठक कहलाता है। ``किसी केन्द्रित वार्ता जिसकी एक विशेष कार्यसूची हो`` को हम बैठक के रुप में परिभषित कर सकते हैं। इस परिभाषा से स्पष्ट हो जाता है कि बैठक उद्देश्यहीन वार्ता नहीं है बल्कि इसके लिए ध्यानपूर्वक नियोजन की आवश्यकता होती है और यह विशेष िविषय के इर्दगिर्द घूमती है, जिसका निर्णय पहले ही कर लिया जाता है। अत:बैठकें संगठन के आसान व सुगम प्रचालन में सहायक होती हैं। ये संगठन के सदस्यों को आमने-सामने की वार्ता तथा विचारों के प्रत्यक्ष आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करती हैं।
 
== बैठकों के उद्देश्य ==
निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए बैठकों का आयोजन किया जाना चहिए:
 
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* कर्मचरियों में उत्साह तथा सकारात्मक दृष्टिकोण द्वारा प्रोत्साहन हेतु।
 
== बैठकों के प्रकार ==
बैठकें विभिन्न प्रकार की होती हैं। व्यापक तौर पर इन्हें सार्वजनिक तथा व्यावसयिक बैठकाें में वर्गीकृत किया जा सकता है।
 
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* '''समिति या उप-समिति बैठकें''' वे बैठकें हैं जिनमें केवल संबंधित या चयनित सदस्यों को ही आमंत्रित किया जाता है। कार्यकरिणी की बैठक, निदेशक मंडल की बैठक या विशेष समितियों (जैसे विक्रय समिति, कैंटीन समिति या वित्त समिति आदि) की बैठकें इसके उदाहरण हैं।
 
== बैठकें आयोजित करने के नियम ==
जैसा कि पहले उल्लेख किया जा चुका है, बैठकों की योजना समय से पहले की जानी चहिए तकि उनका सफलतापूर्वक आयोजन किया जा सके। बैठक के आयोजन में सर्वप्रथम कदम यह है कि इसे उचित रुप से संचलित तथा गठित किया जाए। एक बैठक को तभी उचित प्रकार से आयोजित कहा जा सकता है जब सभी व्यक्तियों को उचित प्रधिकारी द्वारा बैठक की सूचना जारी की जाती है। एक बैठक तभी विधिवत गठित होती है जब बैठक की अध्यक्षता करने के लिए उचित व्यक्ति आसीन हो तथा व्यक्तियों की अपेक्षित गणपूर्ति उपस्थित हो जो उसमें सम्मिलित होने तथा वोट देने के पात्र हैं। इसलिए, एक वैयक्तिक सहायक/निजी सचिव को बैठक के लिए अपेक्षित वैध कार्रवाई का ज्ञान होना चहिए।
 
=== बैठकों की आधिसूचना''' (Notice of meetings)===
आधिसूचना बैठक की आग्रिम सूचना है तकि सूचना प्राप्त करने वाले व्यक्ति को बैठक के लिए अपने आप को तैयार करने का अवसर मिल जाए। बैठक में शमिल होने वाले सभी सदस्यों को जारीकर्ता आधिसूचना आनिवार्य है। आधिसूचना संबंधित संगठन या निकाय के नियमों या सांविधिक प्रावधानों में निर्धारित रुप में जारी की जानी चहिए। आधिसूचना सदैव लिखित रुप में दी जानी चहिए।
 
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बैठक की आधिसूचना में बैठक का दिन, समय तथा स्थान का उल्लेख होना चहिए। इसमें बैठक के उद्देश्य तथा प्रकृति का भी उल्लेख होना चहिए। यदि नियमों के अंतर्गत अपेक्षित हो तो आधिसूचना के अनुलग्नक या संलग्नक के रुप में कुछ रिपोर्टो, विवरणों आदि की प्रतियां भी भेजी जानी चहिए। वर्षिक आम बैठक की आधिसूचना तथा कार्यसूची का नमूना इस पाठ के अंत में दिया गया है।
 
=== कार्यसूची ===
बैठक में शमिल होने वाले सदस्यों को बैठक की आधिसूचना के साथ बैठक की कार्यसूची प्रदान करना एक परम्परागत रीति है। बैठक में पूरे किए जाने वाले कार्यो के विवरण का कार्यक्रम `कार्यसूची` कहलाती है। कार्यक्रम का विवरण जिस क्रम में दिया जाता है बैठक में उसी क्रम में उन पर विचार किया जाता है। कार्यसूची समिति या संगठन के सभी सदस्यों को भेजी जाती है तकि उन्हें बैठक से पहले ही बैठक में चर्चा किए जाने वाले व्यावसयिक मुद्दों का अध्ययन करने का पर्याप्त समय प्राप्त हो सके।
 
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:* (ख) बैठक में उठाए जाने वाले मुद्दों का ब्यौरा प्रस्तुत करके; उदाहरणार्थ `7 अगस्त को आयोजित अंतिम बोर्ड बैठक के कार्यवृहों के अनुमोदन तथा हस्ताक्षर हेतु`, `खराब स्वास्थ्य के कारण कंपनी के निदेशक, श्री अवतार सिंह के त्यागपत्र के कारण निदेशक मंडल में रिक्त पद को भरने हेतु`, आदि।
 
=== अध्यक्ष की कार्यसूची ===
अध्यक्ष की कार्यसूची में सामान्य कार्यसूची की तुलना में आधिक सूचना होती है तथा अध्यक्ष की टिप्पणी के लिए कागज की दहिनी ओर खाली जगह छोड़ी जाती है। आतिरिक्त सूचना अध्यक्ष को सभी संबंधित विवरण प्रदान करती है जिसकी बैठक के दौरान आवश्यकता होती है।
 
=== गणपूर्ति ===
गणपूर्ति के बिना बैठक की कार्रवाई आरंभ नहीं हो सकती है। शब्द `कोरम` (गणपूर्ति) की उत्पत्ति लेटिन भाषा से हुई और इसे नियमों या सांविधिक प्रावधानों द्वारा अपेक्षित अनुसार बैठक में आनिवार्य रुप से उपस्थित होने वाले सदस्यों की न्यूनतम संख्या के रुप में परिभषित किया जाता है गणपूर्ति पूरी नहीं है तो बैठक का सही ठंग से आयोजन नहीं हो पाता है। यदि गणपूर्ति का मुख्य उद्देश्य बैठक में उपस्थित सदस्यों की कम संख्या होने पर कोई निर्णय लिए जाने से रोकना है जोकि आधिकतर सदस्यों को स्वीकार्य हो। गणपूर्ति के लिए अपेक्षित सदस्यों की संख्या का ब्यौरा संगठन के नियमों में होता है। 5û अध्यक्ष: बैठक के मुखिया को अध्यक्ष कहा जाता है। एक वैध बैठक के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण अपेक्षा यह है कि इसे नियमों और संविधिक प्रावधानों के अनुसार बैठक की कार्यविधि को उचित ढंग से संचलित करने के लिए बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष द्वारा की जाती है।
 
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:* वह बैठक की कार्यवाही के कार्यवृहों से कुछ मुद्दों को निकाल सकते हैं जो उनके विचार में किसी व्यक्ति के लिए असम्मानजनक अथवा संगठन के हितों के लिए अनावश्यक या हनिकारक हैं।
 
=== प्रस्ताव और संकल्प ===
बैठक की कार्यवाही प्रस्तावों (motions) के अनुसार चलती है। प्रस्ताव (motion) विचारार्थ तथा निर्णय लेने के लिए बैठक से पहले ही शमिल किया जाता है। यह प्रस्ताव लिखित रुप में होना चहिए तथा बैठक से पूर्व अध्यक्ष या सचिव को सौंपा जाना चहिए। वह सदस्य जो प्रस्ताव को परित कराना चाहता है, सर्वप्रथम अध्यक्ष की अनुमति लेगा और तत्पश्चात् प्रस्ताव को बैठक के समक्ष प्रस्तुत करेगा। इस प्रस्ताव को लाने वाले सदस्य को इस विषय पर बोलने तथा चर्चा के अंत में प्रश्नों के उत्तर देने का आधिकार होता है। तत्पश्चात् इस प्रस्ताव को किसी अन्य सदस्य द्वारा समर्थन दिया जाता है, और इस सदस्य को समर्थक (seconder) कहते हैं। यदि बैठक में कोई सदस्य प्रस्ताव का समर्थन नहीं करता है तो इस प्रस्ताव को छोड़ दिया जाता है और इसे पुन: उठाया नहीं जाता है। यदि कोई प्रस्ताव अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत किया जाता है तो उसके लिए समर्थक की आवश्यकता नहीं होती है। प्रस्ताव को औपचरिक रुप से बैठक के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के पश्चात, अध्यक्ष सदस्यों को अपने विचार व्यक्त करने को कहते हैं। इसप्रकार, जब प्रस्ताव बैठक में रखा जाता है तो वह `प्रश्न` बन जाता है और चर्चा के पश्चात् जब उस पर निर्णय ले लिया जाता है तो इसे परित किया जाता है, तब यह `संकल्प` बनता है। कार्यसूची में शमिल किए बिना भी प्रस्ताव को लाया जा सकता है किन्तु यदि `तात्कलिकता के प्रयोजन` के रुप में शमिल किए जाने अर्थात् `किसी अन्य कार्य` के लिए अध्यक्ष सहमति प्रदान करे या इसे परम्परागत मद में शमिल किया जाए।
 
संकल्प को स्वीकार किए जाने तथा बैठक के कार्यवृह में दर्ज किए जाने के बाद यह बैठक का कार्यालयी निर्णय बन जाता है। इसे परम्परागत रुप से प्रस्तवित, समर्थित तथा बैठक के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चहिए। एक संकल्प को उस बैठक में विखंडित नहीं किया जा सकता है जिसमें उसे स्वीकार किया गया है। इसप्रकार, संकल्प को बैठक के समक्ष प्रस्तुत किसी प्रस्ताव पर औपचरिक निर्णय के रुप में परिभषित किया जा सकता है। सामान्यत:, नियमों में दो प्रकार के संकल्पों को परित करने का प्रस्ताव है: सामान्य संकल्प और विशेष संकल्प। जब एक संकल्प सामान्य बहुमत से परित होता है तो उसे सामान्य संकल्प कहते हैं। इस प्रकार सामान्य बहुमत से तात्पर्य है कि संकल्प के पक्ष में पड़े मत विपक्ष के मतों से आधिक हैं। विशेष संकल्प वह संकल्प है जिसे तीन-चौथाई बहुमत से परित किया जाता है। इस प्रकार, विशेष संकल्प के पक्ष में पड़ने वाले मत विपक्ष के मतों से तीन गुना आधिक होने चहिए। विशेष संकल्प से परित किए जाने वाले मुद्दों को संबंधित निकाय के नियमों में विनिर्दिष्ट किया जाता है।
 
=== संशोधन ===
प्रस्ताव पर मतदान करने या उसे स्वीकार किए जाने से पूर्व उस पर संशोधन प्रस्ताव किया जा सकता है। संशोधन एक प्रस्ताव है जिसके द्वारा प्रस्ताव (मोशन) के कुछ शब्दों को जोड़ा या निकाला जा सकता है। इसे परम्परागत रुप से बैठक में प्रस्तवित समर्थित तथा परित किया जाना चहिए।
 
जब कोई प्रस्ताव संशोधित, समर्पित तथा स्वीकार किया जाता है तो मूल प्रस्ताव पर चर्चा को रोककर संशोधित प्रस्ताव पर चर्चा आरम्भ हो जाती है। चर्चा के पश्चात् इस पर मतदान किया जाता है और यदि यह पास हो जाता है तो मूल प्रस्ताव में संशोधन किया जाता है। परिवर्तित प्रस्ताव को `मूल प्रस्ताव(substantive motion)` कहा जाता है और तत्पश्चात् उसे बैठक के सामने प्रस्तुत किया जाता है। यदि मतदान संशोधन के पक्ष में नहीं होता है तो आधारभूत प्रस्ताव पर चर्चा को बहाल किया जाता है।
 
=== स्थगन (Adjournment)===
संगठन के अनुच्छेदों, नियमों तथा सांविधिक प्रावधानों के मद्देनजर, अध्यक्ष सदस्यों की सहमति से बैठक की कार्यवाही को लंबित करने के लिए उसे स्थगित कर सकता है। इसका अर्थ है कि बैठक की कार्यवाही को निश्चित या आनिश्चित काल के लिए लंबित किया जाता है। यह स्थगन आदेश प्रत्येक प्रस्ताव के लिए किया जा सकता है। जब स्थगन आदेश मुख्य प्रस्ताव के लिए विधिवत रुप से प्रस्तवित, समर्थित किया जाता है तो आरंभिक प्रस्ताव पर चर्चा को रोक दिया जाता है। यदि स्थगन प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो इसे सहमत तिथि या आनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिय जाता है और स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की जाती है और मतदान किया जाता है। अध्यक्ष अपने विशेषधिकार के अंतर्गत बैठक या चर्चा को सद्भावना प्रयोजन के लिए स्थगित कर सकता है। अन्य स्थितियों में भी वह बैठक या चर्चा को स्थगित कर सकता है, जब बैठक की गणपूर्ति न हो या बैठक के दौरान काफी अव्यवस्था हो जाए जिसके कारण बैठक की कार्यवाही को चला पाना संभव न हो या बैलेट द्वारा मतदान या पोल के लिए समय की आवश्यकता हो या विवादास्पद बिंदुओं पर सूचना प्राप्त करनी हो तो वह अपनी इच्छा या खुशी के लिए बैठक की समप्ति तक इसकी कार्यवाही को नहीं रोक सकता है।
 
स्थगन बैठक की आधिसूचना जारी नहीं की जाती है क्योंकि इसे उसी बैठक का भाग माना जाता है तथा इस बैठक की तारीख, समय तथा स्थान का निर्धारण सामान्यत: स्थगन प्रस्ताव के समय ही किया जाता है। यदि बैठक को आनिशि्चत काल के लिए या दस दिन से आधिक समय के लिए स्थगित किया जाता है तो नई आधिसूचना जारी करने की आवश्यकता होती है।
 
=== व्यवस्था का प्रश्न ===
जब किसी विशेष प्रस्ताव पर चर्चा प्रगति पर हो तो कुछ सदस्य `व्यवस्था का प्रश्न` उठा सकते हैं। व्यवस्था का प्रश्न बैठक की कार्यवहियों या मानक आदेशों या बैठक के संरचना से संबंधित होता है। उदाहरण के लिए सदस्य अध्यक्ष का ध्यान बैठक की कार्यवाही संबंधी मुद्दों की ओर आकर्षित कर सकता है जैसे गणपूर्ति के पूरा न होने या बैठक के सामने रखा गया प्रस्ताव बैठक के कार्यक्षेत्र के अधीन नहीं हो या बैठक में अनुचित भाषा या अभद्र व्यवहार का प्रदर्शन किया गया हो। जब व्यवस्था का प्रश्न उठाया जाता है तो मुख्य प्रस्ताव पर हो रही चर्चा को रोक दिया जाता है। अध्यक्ष तत्काल अपना निर्णय देता है और वह अंतिम तथा सभी के लिए मान्य होता है। व्यवस्था के प्रश्न के निपटान के पश्चात्, मुख्य प्रस्ताव पर चर्चा पुन:आरंभ कर दी जाती है।
 
=== कार्यवृत्त ===
`कार्यवृत्त` का शब्दिक अर्थ है संज्ञान को संरक्षित रखना। इसे बैठक की कार्यवाही के आभिलेखों के रुप में परिभषित किया जा सकता है जिन्हें संक्षिप्त, सटीक तथा सुस्पष्ट रुप के रिकार्ड किया जाता है।
 
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यह ध्यान देने की बात है कि कार्यवृह को रिपोर्ट नहीं समझा जाना चहिए। रिपोर्ट बैठक में चर्चित सभी विषयों का ऐतिहसिक लेखाजोखा प्रस्तुत करती है और यह आधिक विस्तृत होती है। रिपोर्ट हमेशा वर्णनात्मक रुप में ही तैयार की जाती है और इसमें वक्ताओं के नाम, प्रत्येक प्रस्ताव के पक्ष में और विपक्ष में दिए गए तर्क, वे मुद्दे जिन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, सदस्यों की भावना, मतदान की विधि आदि का ब्यौरा होता है अर्थात बैठक की कार्यवाही का पूर्ण विवरण प्रस्तुत होता है। दूसरी ओर, कार्यवृह में केवल बैठक में लिए गए निर्णयों को ही शमिल किया जाता है।
 
== बैठक की कार्यवाही ==
बैठकों का आयोजन कार्यसूची के अनुसार किया जाता है। सर्वप्रथम उपस्थिति दर्ज की जाती है और तत्पश्चात् उपस्थित सदस्यों के समक्ष अनुपस्थिति के लिए क्षमायाचना को आधिसूचित किया जाता है। सामान्य आभिवादन के पश्चात, अध्यक्ष सचिव को पिछली बैठक के कार्यवृह को पढ़ने के लिए आमंत्रित करता है। यदि कार्यवृहों को पहले ही परित कर दिया गया है, यदि सभी सदस्य इसके लिए सहमत हों, तो उन्हें पढ़ा हुआ मान लिया जाता है, यदि कोई सदस्य कार्यवृह में किसी प्रकार की त्रुटि को इंगित करता है तो अध्यक्ष या सचिव बैठक की स्वीकृति से इसे शुद्ध रुप में हस्ताक्षर करने से पूर्व इस त्रुटि को ठीक किया जाता है। कार्यवृह पर हस्ताक्षर हाने के पश्चात, उनमें किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाना चहिए। पिछली बैठक के कार्यवृहों को पढ़ने के पश्चात् कार्यसूची की मदों के अनुसार बैठक की कार्यवाही आरंभ की जाती है।
 
== बैठकों के आयोजन में वैयक्तिक सहायक/निजी सचिव की भूमिका ==
एक निजी सचिव या सहायक बैठक के संयोजन तथा आयोजन के लिए प्रत्यक्ष रुप से प्रधिकृत या उत्तरदायी नहीं है किन्तु वह कार्यपालक, जिसके साथ वह कार्य कर रहा है, संबंधित कंपनी या संघ का सचिव है या उसने बैठक का संयोजन किया है या बैठक की अध्यक्षता की है, तो यह वैयक्तिक सहायक/निजी सचिव का कर्हव्य है कि वह बैठकों से संबंधित सभी सचिवीय कार्यो के निष्पादन में कार्यपालक को सहयोग दें।
 
बैठक से संबंधित सचिवीय कार्य को तीन शीर्षकाें के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है:
 
=== बैठक से पूर्व ===
1. बैठक की तिथि तथा समय को सुनिश्चित करना अर्थात बैठक कब और कहां आयोजित
 
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:* (vi) कोई अन्य संदर्भ पुस्तकें, मानक आदेश आदि।
 
=== बैठक के दौरान ===
1. उपस्थिति रजिस्टर या उपस्थिति शीट में उपस्थित सदस्यों के हस्ताक्षर लेना।
 
पंक्ति 243:
(ऊपर उल्लिखित आधिकतर कर्हव्यों का निष्पादन कार्यापालक/सचिव द्वारा किया जाता है तथा उसके वैयक्तिक सहायक/निजी सहायक द्वारा उसे सहयोग प्रदान किया जाता है।
 
=== बैठक के पश्चात ===
1. यह देखना कि बैठक का कक्ष अच्छी स्थिति में छोड़ा गया है, कक्ष की जांच करना कि कहीं किसी सदस्य का कोई सामान तो नहीं रह गया है, लिए गए सामान व उपकरणों को वापस करना, अप्रयुक्त सामान को वापस उठाना आदि।
 
पंक्ति 250:
3. बैठक में लिए गए निर्णयों पर कार्रवाई सुनिश्चित करना तथा जिन्हें कार्य सौंपे गए हैं उन्हें उचित रुप से सूचित करना। सभी सदस्यों को औपचरिक रुप से आधिसूचना देना चाहे वह सदस्य बैठक में उपस्थित था या नहीं।
 
== वेब के माध्यम से बैठकें==
वेब बैठक वह माध्यम है जिसके द्वारा विश्वभर में बैठे लोग एकसाथ मिलकर सूचनाओं तथा विचारों का आदान-प्रदान करते हैं। वेब बैठकें छोटे व्यवसायों से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए लाभदायक होती हैं। यह माध्यम उच्च स्तरीय निर्णय लेने वाले आधिकरियों को एक साथ लाता है और अपने व्यवसाय के लोगो, बजटों, आभियानों तथा किसी अन्य पहलू के संबंध में उनके विचारों को समेकित करता है।
 
पंक्ति 257:
'''वेब कॉन्फ्रेंसिंग या वेबिनार''': इन वेब बैठकों का आयोजन वेब कॉन्फ्रेसिंग या बैठकों के माध्यम से किया जाता है जिसमें किसी प्रकार का सॉप‹टवेयर प्रदाता होता है और इसमें विशिष्ट रुप से एक प्रस्तुतकर्ता तथा उसको सुनने वाले श्रोता होते हैं। जब इस प्रकार की बैठक में बड़ी संख्या में भागीदार होते हैं तो इसे वेबिनार (webinar)कहते हैं।
 
== व्यावसयिक बैठक की आतिरिक्त शब्दावली ==
सचिव के रुप में आपको अपने कार्य के दौरान व्यावसयिक बैठकों से संबंधित अनेक तकनीकी शब्दों का बार-बार प्रयोग करना पड़ता है। प्रयोग होने वाले सर्वाधिक सामान्य शब्द हैं:
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/बैठक" से प्राप्त