"इंग्लैंड के हेनरी अष्टम": अवतरणों में अंतर

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'''हेनरी अष्टम''' (28 जून 1491-28 जनवरी 1547) 21 अप्रैल 1509 से अपनी मृत्यु तक इंग्लैंड के राजा थे. वे लॉर्ड ऑफ आयरलैंड (बाद में किंग ऑफ आयरलैंड) तथा फ्रांस के साम्राज्य के दावेदार थे. हेनरी हाउस ऑफ ट्युडर के द्वितीय राजा थे, जो कि अपने पिता हेनरी सप्तम के बाद इस पद पर आसीन हुए.
 
अपने छः विवाहों के अलावा, हेनरी अष्टम चर्च ऑफ इंग्लैंड को रोमन कैथलिक चर्च से पृथक करने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका के लिये भी जाने जाते हैं. रोम के साथ हेनरी के संघर्षों का परिणामस्वरूप पोप के प्रभुत्व से चर्च ऑफ इंग्लैंड के पृथक्करण हुआ मठों का विघटन हो गया, और उन्होंने स्वयं को चर्च ऑफ इंग्लैंड के सर्वोच्च प्रमुख (Supreme Head of the Church of England) के रूप में स्थापित कर लिया. उन्होंने धार्मिक आयोजनों व रस्मों को बदल दिया तथा मठों का दमन किया, और साथ ही वे कैथलिक धर्मशास्र की मूल-शिक्षाओं के समर्थक बने रहे, यहां तक कि रोमन कैथलिक चर्च के साथ उनके निष्कासन के बाद भी.<ref>जे. जे. स्कैरिसब्रिक, ''हेनरी VIII'', पृष्ठ.361</ref> वेल्स ऐक्ट्स (Wales Acts) 1535-1542 के कानूनों के साथ हेनरी ने इंग्लैंड और वेल्स के वैधानिक मिलन का निर्देशन किया.
 
अपनी युवावस्था में हेनरी एक आकर्षक और करिश्माई पुरुष थे, शिक्षित व परिपूर्ण.<ref>रॉबर्ट एम. एडम्स, ''द लैंड एंड लिटरेचर ऑफ़ इंगलैंड'' (1986) पृष्ठ 111-12</ref> वे एक लेखक व संगीतकार थे. उन्होंने पूर्ण शक्ति के साथ शासन किया. इंग्लैंड को एक नर उत्तराधिकारी प्रदान करने की उनकी इच्छा-जो आंशिक रूप से उनके व्यक्तिगत घमण्ड से और आंशिक रूप से उनके विश्वास से उत्पन्न हुई थी कि एक पुत्री ट्युडर राजवंश और रोज़ेज़ के युद्धों (Wars of Roses) के बाद मौजूद नाज़ुक शांति को मज़बूत नहीं बना सकेगी-का परिणाम उन दो बातों के रूप में मिला, जिनके लिये हेनरी को आज याद किया जाता है: उनकी पत्नियां, और इंग्लैंड का पुनरुत्थान, जिसने इंग्लैंड को एक अधिकांशतः प्रोटेस्टंट राष्ट्र बना दिया. अपने जीवन के उत्तर-काल में वे रूग्ण रूप से स्थूलकाय हो गए और उनका स्वास्थ्य खराब हो गया; अक्सर उनकी सार्वजनिक छवि का चित्रण कामुक, अहंवादी, कर्कश और असुरक्षित राजाओं में से एक के रूप में किया जाता है.<ref>एरिक इवेस, "विल द रियल हेनरी VIII प्लिज स्टैंड अप?" ''हिस्ट्री टुडे'' 2006 56(2): 28-36</ref>
 
सुविदित रूप से हेनरी को उनकी छः पत्नियां-जिनमें से दो का सिर उन्होंने कटवा दिया था-होने के कारण याद किया जाता है, जिसने एक सांस्कृतिक आदर्श बनने में उनकी सहायता की और उन पर व उनकी पत्नियों पर आधारित अनेक पुस्तकें, फिल्में, नाटक और टेलीविजन श्रृंखलाएं निर्मित हुईं.
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[[चित्र:HenryVIII 1509.jpg|thumb|upright|1509 में अपने ताजपोशी के बाद अठारह वर्ष की हेनरी.]]
हेनरी ने अपनी छवि एक पुनर्जागरण पुरुष के रूप में विकसित की और उनका दरबार विद्वत्तापूर्ण तथा कलात्मक नवीनता तथा आकर्षण की प्रचुरता का केंद्र बन गया, द फील्ड ऑफ क्लॉथ ऑफ गॉड जिसका प्रतीक था. वे एक निपुण संगीतकार, लेखक व कवि थे. उनकी सबसे प्रसिद्ध संगीतमय रचना "पास्टाइम विथ गुड कंपनी (Pastime with Good Company)" या "द किंजेस बैले (The Kynges Ballade)" है. वे एक उत्साही जुआरी और पांसे के खिलाड़ी थे, और खेलों, विशेषतः घुड़सवारों के भाला-युद्ध (Jousting), शिकार व रियल टेनिस में निपुण थे. वे पारंपरिक ईसाई धर्मनिष्ठता के प्रति उनके द्वारा प्रदान किये जाने वाली दृढ़ समर्थन के लिये जाने जाते थे.<ref name="croft129"/> 7 जून 1520 को कालाइस के पास फ्रांसिस प्रथम से मिलने पर, उन्होंने पंद्रह दिनों तक शानदार मनोरंजन के साथ फ्रांसीसी राजा की खातिर की, ताकि पिछले दशक में हुए सैन्य टकरावों के बाद एक घनिष्ठ कूटनीतिक संबंध स्थापित किया जा सके.
 
=== फ्रांस और हैब्सबर्ग्ज़ ===
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=== सुधार ===
{{Main|English Reformation}}
हेनरी ने कभी भी औपचारिक रूप से रोमन कैथलिक चर्च को अस्वीकार नहीं किया, लेकिन सन 1534 में उन्होंने स्वयं को चर्च ऑफ इंग्लैंड का सर्वोच्च प्रमुख (Supreme Head) घोषित कर दिया. इस कार्य तथा इसके बाद हुए कृत्यों के परिणामस्वरूप अंततः चर्च ऑफ इंग्लैंड नामक एक पृथक चर्च अस्तित्व में आया. हेनरी और उनके सलाहकारों को लग कि पोप धर्मनिरपेक्ष मामलों में शामिल एक इतालवी राजकुमार की तरह कार्य कर रहे थे, जिससे उनकी धार्मिक भूमिका अस्पष्ट बन गई थी. उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के साथ रोम का व्यवहार एक नाबालिग सौतेली संतान जैसा था, उसे पचास में से केवल एक कार्डिनल पद दिया गया, और उस कार्डिनल के पोप बनने की कोई संभावना नहीं थी. राज्य के कारणों के चलते हेनरी के लिये यह लगातार असहनीय होता गया कि इंग्लैंड के प्रमुख निर्णय इतालवी लोगों द्वारा निपटाए जा रहे थे. तलाक़ के मुद्दे ने इस समस्या का एक उदाहरण प्रस्तुत किया, लेकिन स्वयं में यह मुद्दा इस समस्या का कारण नहीं था.<ref>हेनरीसियन स्थिति के क्लासिक बयान को ए. एफ. पोलार्ड ''हेनरी VIII'' (1905) प्रदान करता है, एस्प. पीपी 230-38. पोलार्ड का तर्क है कि स्पेन और फ्रांस वफादार रहे क्योंकि वे पोप का पद नियंत्रित कर पाए है.</ref>
 
एक नई पत्नी और एक उत्तराधिकारी की उनकी इच्छा की तुलना में हेनरी द्वारा किये गये इंग्लिश चर्च के सुधार में अधिक जटिल उद्देश्य व विधियां शामिल थीं. हेनरी ने ज़ोर देकर कहा कि उनका पहला विवाह कभी भी वैध नहीं रहा था, लेकिन तलाक का मुद्दा चर्च के सुधार की हेनरी की इच्छा में केवल एक कारक मात्र था. सन 1532-37 में, उन्होंने अनेक कानून लागू किये-अपील का अधिनियम (1533 के रीस्ट्रेंट ऑफ अपील्स में लागू), उत्तराधिकार के विभिन्न अधिनियम (Acts of Succession) (1533, 1534 और 1536), प्रथम सर्वोच्चता का अधिनियम (Act of Supremacy) (1534), व अन्य-जो राजा तथा पोप के बीच संबंधों व चर्च ऑफ इंग्लैंड की संरचना से संबंधित थे. चर्च में सुधार के अपने प्रयासों के तहत इन वर्षों के दौरान, हेनरी ने मठों और तीर्थक्षेत्रों में स्थित धार्मिक स्थलों का दमन किया. धार्मिक नीति के निर्माण राजा सदैव ही प्रभावी शक्ति थे; उनकी नीति, जिसे उन्होंने कुशलतापूर्वक और संगत रूप से जारी रखा, का सर्वश्रेष्ठ वर्णन एक मध्यम मार्ग की खोज के रूप में किया गया है.<ref>जी. डब्ल्यू. बर्नार्ड, ''द किंग्स रिफ़ॉर्मेशन: हेनरी VIII एंड द रिमेकिंग ऑफ़ द इंग्लिश चर्च'' (2005)</ref>
 
सच्चे विश्वास से संबंधित प्रश्न ऑर्थोडॉक्स "ऐक्ट ऑफ सिक्स आर्टिकल्स" (1530) के अभिग्रहण तथा सन 1540 के बाद चरम गुटों के बीच तालमेल के एक सतर्क नियंत्रण के साथ सुलझा लिये गये. इसके बावजूद, इस काल में धार्मिक पुरातनवाद से पलायन का आंदोलन देखा गया, जिसका अधिक प्रभाव इसलिये पड़ा क्योंकि पुराने विश्वासों के आधार-स्तंभ, विशेषतः थॉमस मोर व जॉन फिशर, इस परिवर्तन को स्वीकार कर पाने में असफल रहे थे और पोप के प्राधिकार को अस्वीकार करने से इंकार करने पर उन्हें फांसी पर लटका दिया गया. राजकुमार की आज्ञाओं के पालन का नया राजनीतिक धर्मशास्र हेनरी के सुधारों के लिये निर्णायक था, जिसे सन 1530 के दशक में चर्च ऑफ इंग्लैंड द्वारा उत्साहपूर्वक अपना लिया गया. यह चौथे धर्मादेश (fourth commandment) ("ऑनर दाय फादर एंड मदर [Honor thy father and mother]") की [[मार्टिन लुथर|मार्टिन लूथर]] की नई व्याख्या को प्रतिबिंबित करता था और इसे अंग्रेज़ दर्शकों के बीच प्रस्तुत करने में विलियम टिंडेल ने मध्यस्थता की. दस धर्मादेशों (Ten Commandments), और इस प्रकार ईश्वर के वचन, पर शाही प्राधिकार की स्थापना इस सिद्धांत का विशिष्ट रूप से आकर्षक लक्षण था, जो हेनरी द्वारा स्थापित धर्म को परिभाषित करने वाला लक्षण बन गया. चर्च ऑफ इंग्लैंड के भीतर प्रतिस्पर्धी प्रवृत्तियों ने उनके विशिष्ट कार्यक्रमों की पूर्ति के प्रयास में इसका दुरुपयोग करने की कोशिशें की. सुधारकों ने लूथर के धर्मशास्र के अधिक व्यापक ढांचे के साथ इसके संबंध को बचाए रखने का प्रयास किया, और उनका ज़ोर केवल वि्श्वास व ईश्वर के वचन पर था, जबकि रूढ़िवादियों ने अच्छे कार्यों, आयोजनों व परोपकार पर बल दिया. सुधारकों ने शाही श्रेष्ठता और ईश्वर के वचन को जोड़कर हेनरी को सन 1539 में ''ग्रेट बाइबिल (Great Bible)'', एक अंग्रेज़ी अनुवाद, जो उनके द्वारा नव-स्थापित उपाधि के लिये एक दुर्जेय अवलम्ब था, प्रकाशित करने के लिये उकसाया.<ref>रिचर्ड रेक्स, "द क्राइसिस ऑफ़ ओबिडियंस: गॉड्स वार्ड एंड हेनरी रिफ़ॉर्मेशन." ''ऐतिहासिक जर्नल'' 1996 39(4): 863–894. Issn: 0018-246x [http://www.jstor.org/stable/2639860 in Jstor]</ref>
 
सुधारों के प्रति मिश्रित प्रतिक्रिया प्राप्त हुई. सुधारों, जिनके कारण मठ बंद हो गए, जो कि अशक्तों के एकमात्र आधार थे, ने लंदन के बाहर अधिकांश जनसंख्या को अपनी ओर खींचा और सन 1536-1537 के महान उत्तरी विद्रोह (great northern rising),<ref>मेयेर, जी. जे. ''द ट्युडोर'' 2010 254-56.</ref> जिसे पिल्ग्रिमेज ऑफ ग्रेस (Pilgrimage of Grace) के नाम से जाना जाता है, को उकसाने में सहायता की.<ref>मेयेर, 269-72.</ref> यह अपने पूरे शासनकाल के दौरान हेनरी के ताज की सुरक्षा पर के लिये एकमात्र वास्तविक खतरा था. नौ समूहों में फैले लगभग 30,000 विद्रोहियों का नेतृत्व करिश्माई रॉबर्ट आस्के कर रहे थे, तथा अधिकांश उत्तरी अभिजात्य वर्ग उनके साथ था. शर्तों पर बातचीत के लिये आस्के लंदन गए; वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया, उन पर राजद्रोह का अभियोग लगाया गया और उन्हें फांसी दे दी गई. लगभग 200 विद्रोहियों को मौत की सज़ा दी गई और व्यवधान समाप्त हो गए.<ref>एम. एल. बुश, "द ट्यूडर पोलिटी एंड द पिल्ग्रिमेज ऑफ़ ग्रेस." ''ऐतिहासिक अनुसंधान'' (2007) 80(207): 47–72. Issn: 0950-3471 फुलटेक्स्ट: एब्सको; जेफ्री मुरहॉउस, ''द पिल्ग्रिमेज ऑफ़ ग्रेस: द रिबेलियन दैट शुक हेनरी VIII थ्रोन'' (2003) [http://www.amazon.com/dp/1842126660 एक्सर्पट एंड टेक्स्ट सर्च]</ref> अन्य स्थानों पर इन परिवर्तनों को स्वीकृत किया गया व इनका स्वागत हुआ, और जो लोग कैथलिक रिवाजों से लिपटे रहे, वे शांत बने रहे या गुप्त रूप से चले गए. हेनरी की पुत्री मैरी (1553-1558) के शासनकाल में वे पुनः प्रकट हुए.
 
=== मठों को भंग करना ===
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इंग्लैंड में ऐसे अनेक धार्मिक घर थे, जिनके पास बड़े भूमि-क्षेत्र थे, जिन पर किरायेदार काम किया करते थे. हेनरी ने उन्हें भंग कर दिया (1536-1541) और इंग्लैंड की भू-संपदा का पांचवा भाग नये हाथों में सौंप दिया. मुख्य रूप से इस कार्यक्रम की रचना ताज के प्रति कृतज्ञ ज़मींदारों के एक कुलीन वर्ग का निर्माण करने के लिये की गई थी, जो इन भूमियों का प्रयोग अधिक दक्षतापूर्वक करे.
 
हेनरी ने पारंपरिक धार्मिक पद्धतियों में मौलिक परिवर्तन किये. उन्होंने पादरियों को अंधविश्वासपूर्ण छवियों, शवों, जादू-टोने, और चमत्कारों के खिलाफ उपदेश देने तथा अधिकांश मोमबत्तियां हटाने का आदेश दिया. सन 1545 की धार्मिक शिक्षा, जिसे ''किंग्ज़ प्राइमर (King's Primer)'' के नाम से जाना जाता है, से संतों को बाहर कर दिया गया. लैटिन अनुष्ठानों का स्थान अंग्रेज़ी अनुष्ठानों ने ले लिया. संतों के पूजा-स्थल ढहा दिये गये-कैंटरबरी के सेंट थॉमस के लोकप्रिय धर्मस्थल सहित-और शवों को मूल्यहीन पुरानी अस्थियां कहकर उनका उपहास किया गया.
 
== प्रेमिकाएं ==
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हेनरी उनके द्वारा वांछित उत्तराधिकारी को जन्म दे पाने में कैथरिन की अक्षमता के कारण बहुत बेचैन हो गए. उनकी पुत्री मैरी के अलावा, कैथरिन की सभी संतानों की शैशवावस्था में ही मृत्यु हो गई.<ref>लेसी, पृष्ठ 70.</ref> ट्युडर राजवंश की शक्ति को मज़बूत बनाने के लिये हेनरी एक पुरुष उत्तराधिकारी चाहते थे.
 
सन 1525 में, हेनरी और भी अधिक व्याकुल हो गए और रानी के परिचारकों में से एक करिश्माई युवा महिला, एनी बोलीन, के प्रति आसक्त हुए.<ref>स्कैरिसब्रिक, पृष्ठ 154.</ref> प्रारंभ में एनी ने उसे बहकाने के हेनरी के प्रयासों का विरोध किया और उनकी प्रेमिका बनना अस्वीकार कर दिया, जैसी उसकी बहन मैरी बोलीन रही थी. उसने कहा कि "महामहिम मैं हाथ जोड़कर विनम्रतापूर्वक आपसे प्रार्थना करती हूं कि आप मुझे छोड़ दें, और मेरा यह उत्तर अच्छे इरादे के लिये ही है." अपनी ईमानदारी का त्याग करने के बजाय मैं अपने जीवन का त्याग कर दूंगी.<ref>विएर, पृष्ठ 160.</ref> इस इंकार ने हेनरी को और अधिक आकर्षित किया, और लगातार वे उसे पाने की कोशिश करते रहे.
 
अंततः एनी ने हेनरी के मोह में अपने लिये एक अवसर देखा और वे इस बात पर अड़ गईं कि वे केवल उनकी स्वीकृत रानी के रूप में ही उनका आलिंगन करेंगी.<ref name="cehen">{{ws|"[[s:Catholic Encyclopedia (1913)/Henry VIII|Henry VIII]]" in the 1913 ''Catholic Encyclopedia''}}</ref> जल्द ही यह राजा की तीव्र इच्छा बन गई कि कैथरिन के साथ उनके विवाह को निरस्त किया जाए.<ref>ब्रिजेन, पृष्ठ 114.</ref>
 
कार्डिनल थॉमस वॉल्सी, जिनसे उन्होंने एनी के लिये अपनी योजनाओं को गुप्त रखा था, को बताए बिना हेनरी ने सीधे ही होली सी (Holy See) से प्रार्थना की. इसके बजाय, विवाह के निरस्तीकरण का निवेदन करने के लिये हेनरी के सचिव, विलियम नाइट, को पोप क्लीमेंट सप्तम के पास भेजा गया. इसके लिये आधार यह था कि पोप जुलियस द्वितीय का आदेश झूठे बहाने से प्राप्त किया गया था क्योंकि अस्वस्थ आर्थर के साथ कैथरिन के संक्षिप्त विवाह में उनके बीच शारीरिक संबंध भी रहे थे. हेनरी ने प्रार्थना की कि विवाह के निरस्तीकरण की स्थिति में उन्हें किसी भी महिला से पुनः विवाह करने की अनुमति दी जाए, भले ही वह संबंध की प्रथम श्रेणी में आती हो, और चाहे वह संबंध वैध अथवा अवैध रिश्ते के द्वारा बना हो. यह स्पष्ट रूप से एनी के संदर्भ में था.<ref name="cehen"/>
[[चित्र:Catherine aragon.jpg|thumb|upright|एरागॉन की कैथरीन, हेनरी अष्टम की पहली रानी थी]]
हालांकि, चूंकि उस समय कैथरिन के भाई, सम्राट चार्ल्स पंचम, द्वारा पोप को बंदी बना लिया गया था, अतः उन तक पहुंच पाना नाइट के लिये कठिन था, और वे केवल नए विवाह के लिये सशर्त छूट ही प्राप्त कर सके. अब हेनरी के पास इस मुद्दे को वॉल्सी के हाथों में सौंपने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. इस निर्णय को राजा के पक्ष में सुरक्षित करने के लिये वॉल्सी जो कुछ भी कर सकते थे, वह उन्होंने किया, यहां तक कि उन्होंने एक चर्च संबंधी न्यायालय का इंग्लैंड में मिलन भी आयोजित किया, जिसमें पोप का एक प्रतिनिधि भी शामिल था.<ref name="cehen"/> शेक्सपियर के नाटक, ''हेनरी अष्टम (Henry VIII)'', के दूसरे भाग के चौथे दृश्य में उस उल्लेखनीय न्यायालय में एरागॉन की कैथरिन के विस्मयकारी साहस को सटीकता से दर्ज किया गया है. वह, एक दुर्जेय और स्पष्टतः गलत समझी गई महिला, झुककर हेनरी को प्रणाम करती है, स्वयं को उसकी दया पर छोड़ देती है, निरूत्तर कर देने वाली वाक्पटुता के साथ अपनी बात कहती है और तेज़ी से उस अदालत के कमरे से बाहर निकल जाती है. हालांकि, अधिकांशतः इस क्षण ने वहां उपस्थित लोगों और शेष विश्व को उसके पक्ष में मोड़ दिया, लेकिन पोप का कभी भी अपने प्रतिनिधि को शक्ति प्रदान करने का इरादा नहीं रहा था. चार्ल्स पंचम ने अपनी चाची के विवाह के निरस्तीकरण का विरोध किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पोप पर इसका कितना प्रभाव पड़ा. परंतु यह स्पष्ट है कि हेनरी ने देखा कि सम्राट की चाची से हुए विवाह के लिये उन्हें पोप द्वारा निरस्तीकरण दिया जाना असंभावित था.<ref>मॉरिस, पृष्ठ 166.</ref> पोप ने हेनरी को कोई नया विवाह करने से तब तक के लिये रोक दिया, जब तक कि रोम में, न कि इंग्लैंड में, कोई निर्णय न दे दिया जाए. इसके लिये वॉल्सी को ज़िम्मेदार ठहराया गया. इस बात का विश्वास हो जाने पर कि वह विश्वासघाती था, एनी बोलीन ने तब तक दबाव बनाए रखा, जब तक कि सन 1529 में वॉल्सी को सार्वजनिक पद से बर्खास्त न कर दिया गया. बर्खास्त कर दिये जाने पर, कार्डिनल ने उससे भीख मांगी कि वह उन्हें पुनः पद पर लौटने में सहायता करे, लेकिन उसने इंकार कर दिया. तब उसने एनी को निर्वासन के लिये बाध्य किये जाने की योजना पर कार्य करना शुरु किया और इसके लिये रानी कैथरिन व पोप से संपर्क करना प्रारंभ कर दिया. जब इस बात का पता चला, तो हेनरी ने वॉल्सी की गिरफ्तारी का आदेश दिया और यदि सन 1530 में बीमारी के चलते उनकी मृत्यु न हो गई होती, तो संभवतः उन्हें राजद्रोह के लिये फांसी दे दी जाती.<ref>क्रिस्टोफर हैग पृष्ठ.92f</ref> उनके स्थान पर आये सर थॉमस मोर ने प्रारंभ में राजा की नई नीति के साथ सहयोग करते हुए संसद में वॉल्सी की निंदा की और ऑक्सफोर्ड व कैम्ब्रिज के धर्मशास्रियों के इस मत का समर्थन किया कि कैथरिन के साथ हेनरी का विवाह ग़ैरक़ानूनी था. जब हेनरी ने पोप के प्राधिकार को अस्वीकार करना शुरु कर दिया, तब मोर का पछतावा बढ़ा.
 
एक वर्ष बाद, रानी कैथरिन को दरबार से निकाल दिया गया और उसके पुराने कक्ष एनी को दे दिये गए. वॉल्सी के न होने के कारण, राजनीतिक मामलों में एनी के पास पर्याप्त शक्ति थी. अपने समय के लिहाज से वह एक असामान्य रूप से शिक्षित व बुद्धिमान महिला थी, और वह प्रोटेस्टेंट सुधारों के विचारों के प्रति अत्यधिक तल्लीन और सम्मिलित थी. जब कैंटरबरी के आर्चबिशप विलियम वॉरहैम की मृत्यु हो गई, तो एनी ने बोलीन परिवार के चैप्लिन, थॉमस क्रैनमेर, को इस रिक्त पद पर नियुक्त करवा दिया. फ्रांस के राजा के हस्तक्षेप के माध्यम से, रोम द्वारा इसे मान्यता दे दी गई, और क्लीमेंट ने उन्हें आधिकारिक वस्र (Pallium) प्रदान किया.<ref name="cepop">{{ws|"[[s:Catholic Encyclopedia (1913)/Clement VII|Clement VII]]" in the 1913 ''Catholic Encyclopedia''}}</ref>
 
इंग्लैंड में रोम की शक्ति को तोड़ने का कार्य धीरे-धीरे आगे बढ़ा. सन 1532 में, एक वकील थॉमस क्रॉमवेल, जो कि एनी के समर्थक थे, ने संसद के समक्ष अनेक कानून प्रस्तुत किये, जिनमें पादरी वर्ग के कानून (Submission of the Clergy) और अधीनता के विरुद्ध याचना (Supplication against the Ordinaries) का कानून भी शामिल था, जो कि चर्च की तुलना में शाही श्रेष्ठता को मान्यता प्रदान करता था. इन कानूनों के बाद, थॉमस मोर ने चांसलर के रूप में अपने पद से त्यागपत्र दे दिया, और क्रॉमवेल हेनरी के प्रमुख मंत्री बन गए.<ref>विलियम्स पृष्ठ 136.</ref>
 
=== दूसरा विवाह ===
सन 1532 की सर्दियों में, हेनरी ने फ्रांस के फ्रांसिस प्रथम के साथ कालाइस में एक मुलाकात आयोजित की, जिसमें उन्होंने अपने नए विवाह के लिये फ्रांसीसी राजा के समर्थन की मांग की.<ref>विलियम्स, पृष्ठ 123.</ref> इंग्लैंड के डॉवर में लौटने के तुरंत बाद, हेनरी और एनी ने गुप्त रूप से विवाह कर लिया.<ref>स्टार्की, पीपी 462-464.</ref> शीघ्र ही वह गर्भवती हो गई और 25 जनवरी 1533 को लंदन में दूसरी बार वैवाहिक कार्यक्रम हुआ. 23 मई 1533 को, क्रैनमेर ने, एरागॉन की कैथरिन के साथ हुए राजा के विवाह की वैधता पर निर्णय देने के लिये डन्स्टेबल प्रायरी में आयोजित एक विशेष अदालत में निर्णय देते हुए हेनरी और कैथरिन के विवाह को शून्य व प्रभावहीन घोषित कर दिया. पांच दिनों बाद, 28 मई 1533 को, क्रैनमेर ने घोषणा की कि हेनरी व एनी का विवाह वैध था.<ref>विलियम्स, पृष्ठ 124.</ref>
 
कैथरिन से औपचारिक रूप से रानी की पदवी छीन ली गई और 1 जून 1533 को एनी को रानी का ताज पहनाया गया. 7 सितंबर 1533 को रानी ने, समय से कुछ पहले, एक पुत्री को जन्म दिया. हेनरी की माता, यॉर्क की एलिज़ाबेथ, के सम्मान में इस पुत्री का नाम [[एलिज़ाबेथ प्रथम|एलिज़ाबेथ]] रखा गया.<ref>विलियम्स, पीपी.128-131.</ref> पोप के निर्णय को अस्वीकार करते हुए, संसद ने उत्तराधिकार अधिनियम 1533 (Act of Succession 1533) के द्वारा हेनरी और एनी के विवाह को मान्यता प्रदान की. कैथरिन की पुत्री, मैरी, को अवैध घोषित कर दिया गया, और एनी की संतान को उत्तराधिकार की पंक्ति में अगला स्थान दिये जाने की घोषणा की गई. इस घोषणा में एक धारा सबसे उल्लेखनीय थी, जो "किसी भी विदेशी प्राधिकार, राजकुमार या राजा" के आदेश को अस्वीकार करती थी. राज्य के सभी वयस्कों के लिये इस कानून के प्रावधानों को शपथपूर्वक स्वीकार करना आवश्यक बना दिया गया; इससे इंकार करनेवाले आजीवन कारावास की सज़ा के पात्र थे. इस विवाह के अवैध होने का आरोप लगाने वाले किसी भी प्रकार के साहित्य का कोई भी प्रकाशक या मुद्रक स्वतः ही उच्च राजद्रोह का दोषी हो जाता और उसे मृत्यु-दंड दिया जा सकता था.
 
== रोम से पृथक्करण: 1533-1540 ==
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[[चित्र:Tower of London, Traitors Gate.jpg|thumb|left|लंदन टॉवर, कई शाही फांसी की साइट.]]
 
हेनरी की धार्मिक नीतियों के विरोध का इंग्लैंड में तेज़ी से दमन कर दिया गया. अनेक असहमत भिक्षुयों को यातनाएं दीं गईं और मार डाला गया. सबसे प्रमुख विरोधियों में जॉन फिशर, रोचेस्टर के बिशप, और सर थॉमस मोर, हेनरी के पूर्व लॉर्ड चांसलर, शामिल थे, और इन दोनों ने ही राजा के प्रति शपथ लेना अस्वीकार कर दिया था व इसके परिणामस्वरूप गंभीर राजद्रोह का आरोप लगाकर टॉवर हिल पर, [[टावर ऑफ़ लंदन|टॉवर ऑफ लंदन]] के ठीक बाहर, उनके सिर कटवा दिये गए थे.
 
इन दमनों, 1536 के डिसॉल्यूशन ऑफ द लेसर मॉनेस्ट्रीज़ ऐक्ट (Dissolution of the Lesser Monasteries Act) सहित, के परिणामस्वरूप अंग्रेज जनता में प्रतिरोध और बढ़ा, जिनमें अक्टूबर 1536 में उत्तरी इंग्लैंड में पिल्ग्रिमेज ऑफ ग्रेस (Pilgrimage of Grace) में हुआ एक बड़ा विद्रोह सर्वाधिक उल्लेखनीय है. हेनरी अष्टम ने विद्रोहियों से वादा किया कि वे उन्हें क्षमादान देंगे तथा इन मुद्दों की जानकारी देने के लिये उनके प्रति आभार व्यक्त किया, और इसके बाद विद्रोही नेता, रॉबर्ट आस्के, को एक शाही भोज के लिये आमंत्रित किया गया. उस भोज में, हेनरी ने आस्के से कहा कि जो कुछ भी हुआ था, उसे वह लिखित रूप में प्रस्तुत करे ताकि हेनरी को उन समस्याओं की एक बेहतर समझ मिल सके, जिन्हें वे "परिवर्तित" करेंगे. आस्के ने वैसा ही किया जैसा कि राजा ने कहा था, हालांकि उन्होंने जो कुछ भी लिखा था, उसे बाद में उनके ही खिलाफ स्वीकारोक्ति के रूप में प्रयोग किया गया. राजा के वचनों पर प्रश्न नहीं उठाए जा सकते थे (क्योंकि उन्हें ईश्वर द्वारा चयनित माना जाता था, और स्वयं ईश्वर के बाद दूसरा स्थान दिया गया था), अतः आस्के ने विद्रोहियों को बताया कि वे सफल रहे थे और अब वे अलग-अलग होकर अपने घरों की ओर जा सकते थे. हालांकि, चूंकि हेनरी विद्रोहियों को राजद्रोहियों के रूप में देखते थे, अतः वे स्वयं को अपने वादे पर कायम रहने के लिये मजबूर नहीं मानते थे. विद्रोहियों को ये अहसास हुआ कि राजा अपने वादे नहीं निभा रहे थे और उन्होंने उसी वर्ष बाद में फिर विद्रोह कर दिया, लेकिन दूसरे प्रयास में उनकी शक्ति कम थी और राजा ने विद्रोह को कुचलने की आज्ञा दी. आस्के सहित, सभी नेताओं को राजद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार करके उन्हें फांसी दे दी गई.
 
=== एनी बोलीन को फांसी ===
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8 जनवरी 1536 को राजा और रानी को यह समाचार मिला कि एरागॉन की कैथरिन की मृत्यु हो गई थी. उनकी मृत्यु का समाचार सुनकर, हेनरी और एनी ने कथित रूप से स्वयं को चमकीले पीले वस्रों से ढंक लिया, क्योंकि उन दिनों स्पेन में पीला रंग शोक का प्रतीक रंग हुआ करता था. हेनरी ने कैथरिन की मृत्यु पर आनंद के सार्वजनिक प्रदर्शन का आदेश दिया. रानी फिर एक बार गर्भवती थीं और वे जानती थीं कि यदि वे एक पुत्र को जन्म दे पाने में विफल रहीं, तो इसके परिणाम क्या होंगे. उनका जीवन खतरे में पड़ सकता था, क्योंकि यदि दोनों पत्नियों की मृत्यु हो जाती, तो हेनरी पुनर्विवाह करने के लिये स्वतंत्र हो जाते और तब कोई भी यह दावा नहीं कर सका होता कि वह संबंध अवैध था. बाद में, उसी माह एक प्रतियोगिता के दौरान राजा घोड़े से गिर पड़े और उन्हें बहुत चोट आई. एक बार तो ऐसा लगा कि राजा का जीवन खतरे में पड़ गया है. जब इस दुर्घटना की खबर रानी तक पहुंची तो उन्हें सदमा लगा और इसके परिणामस्वरूप, कैथरिन के अंतिम संस्कार के दिन 29 जनवरी 1536 को, उनका [[गर्भस्राव|गर्भपात हो गया]], जो कि 15 सप्ताह का एक नर शिशु था. अधिकांश पर्यवेक्षक मानते हैं कि यह व्यक्तिगत हानि इस शाही विवाह की समाप्ति की शुरुआत थी.<ref>विलियम्स, पृष्ठ 124.</ref>
 
एक पुत्र की प्राप्ति के लिये राजा की अत्यधिक इच्छा को देखते हुए, एनी की गर्भावस्थाओं के परिणाम ने बहुत अधिक ध्यान आकृष्ट किया. लेखक माइक ऐशले का अनुमान लगाया कि एलिज़ाबेथ के जन्म के बाद और सन 1536 में उनके गर्भपात के पूर्व एनी की दो संतानें हुईं थीं, जिनकी जन्म के तुरंत बाद ही मृत्यु हो गई.<ref>एश्ली, पृष्ठ 240.</ref> अधिकांश स्रोत केवल सितंबर 1533 में एलिज़ाबेथ के जन्म, 1534 की गर्मियों में एक संभावित गर्भपात, और जनवरी 1536 में एक नर शिशु, जो कि गर्भ-काल के लगभग चार माह पूरे कर चुका था, के गर्भपात की ही पुष्टि करते हैं.<ref>विलियम्स, अध्याय 4.</ref> जैसे ही एनी अपने अंतिम गर्भपात से उबरी, हेनरी ने घोषणा कर दी कि उनका विवाह जादू-टोने का परिणाम था. राजा की नई प्रेमिका, जेन सीमोर, को शीघ्र ही नए निवास-स्थान में लाया गया. इसके बाद एनी के भाई, जॉर्ज बोलीन, को दरबार का एक प्रतिष्ठित सम्मान, ऑर्डर ऑफ द गार्टर, देना अस्वीकार कर दिया गया, जो कि उनके बजाय जेन सीमोर के भाई को दिया गया.<ref>विलियम्स, पृष्ठ 142.</ref>
 
स्वयं एनी के भाई सहित पांच पुरुष कौटुम्बिक व्यभिचार और राजद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार कर लिये गये और उन्हें रानी के साथ शारीरिक संबंध बनाने का अपराधी ठहराया गया.<ref>विलियम्स, पीपी 143-144.</ref> 2 मई 1536 को एनी को गिरफ्तार करके [[टावर ऑफ़ लंदन|टॉवर ऑफ लंदन]] ले जाया गया. उन्हें पराये पुरुष से शारीरिक संबंध बनाने, कौटुम्बिक व्यभिचार और गंभीर राजद्रोह का दोषी ठहराया गया.<ref>हिब्बर्ट, पीपी. 54-55.</ref> हालांकि उनके खिलाफ प्रस्तुत प्रमाण अपुष्ट थे, लेकिन आरोपियों को दोषी करार दिया गया और उन्हें साथियों द्वारा मृत्युदंड दिये जाने की सज़ा सुनाई गई. जॉर्ज बोलीन और अन्य अभियुक्तों को 17 मई 1536 को फांसी दे दी गई. 19 मई 1536 को सुबह 8 बजे, रानी को टॉवर ग्रीन में फांसी पर लटका दिया गया. मृत्यु-दंड की फ्रांसीसी शैली में, वह घुटनों के बल सीधी खड़ी हो गईं. मृत्युदंड देने का यह कार्य तेज़ी से किया गया और एक झटके में ही पूरा हो गया.<ref>हिब्बर्ट, पृष्ठ 60.</ref>
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हेनरी इस विवाह को अस्वीकृत करना चाहते थे, ताकि वे किसी और से विवाह कर सकें. ड्युक ऑफ क्लीव्ज़ पवित्र रोमन सम्राट के साथ एक विवाद में उलझ गए थे, जिनसे साथ किसी विवाद में पड़ने की हेनरी की इच्छा नहीं थी. रानी एनी पर्याप्त रूप से इतनी बुद्धिमान थीं कि वे विवाह के निरस्तीकरण की हेनरी की इच्छा में बाधक न बनें. विवाह के बाद होने वाले शारीरिक-संबंधों के प्रश्न पर, उन्हें गवाही दी कि विवाह के बाद उन दोनों के बीच कभी भी शारीरिक संबंध नहीं बने थे. उन्होंने कहा कि हर रात हेनरी उनके कमरे में आते थे और सोने से पहले केवल अपनी नई दुल्हन का माथा चूमते थे. इस प्रकार विवाह के निरस्तीकरण में आ सकने वाली सभी बाधाएं दूर हो गईं.
 
इसके परिणामस्वरूप विवाह को भंग कर दिया गया और एनी को "द किंग्ज़ सिस्टर" की उपाधि मिली, और उन्हें हेवर कैसल प्रदान किया गया, जो कि बोलीन परिवार का पूर्व-निवास था. इस दौरान, इस विवाह को निश्चित करने में क्रॉमवेल की भूमिका के कारण वे दरबार की कृपादृष्टि से वंचित हो गए और परिणामस्वरूप उनकी निंदा की गई और उनका सिर कटवा दिया गया. वाइसजेरेंट इन स्पिरिच्युअल्स (Vicegerent in Spirituals) का पद, जो विशेष रूप से उनके लिये निर्मित किया गया था, भरा नहीं गया.
 
[[चित्र:HowardCatherine02.jpeg|thumb|upright|हैंस होल्बिन युवक द्वारा कैथरीन हॉवर्ड का एक लघु प्रतिमा, 1540.]]
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सन 1543 में, हेनरी ने अपनी पत्नी, धनवान विधवा कैथरिन पार, से विवाह किया. धर्म को लेकर उनके व हेनरी के बीच मतभेद थे; वे एक सुधारक थीं, जबकि हेनरी एक रूढ़िवादी बने रहे. इस व्यवहार ने लगभग उनके विनाश का कारण साबित हुआ, लेकिन उन्होंने आज्ञाकारिता का प्रदर्शन करके स्वयं को बचा लिया. उन्होंने पहली दो पुत्रियों, लेडी मैरी व लेडी एलिज़ाबेथ, के साथ पुनः सामंजस्य बनाने में हेनरी की सहायता की. सन 1544 में, संसद के एक कानून के द्वारा इन पुत्रियों को उत्तराधिकार की पंक्ति में प्रिंस ऑफ वेल्स एडवर्ड के बाद पुनः स्थान दिया गया, हालांकि वे अभी भी अवैध संतानें ही मानी गईं. इसी कानून के द्वारा हेनरी को आगे अपनी इच्छानुसार उत्तराधिकारी के निर्धारण का अधिकार भी प्रदान किया गया.
 
सन 1513 में एडमंड डी ला पोल, ड्युक ऑफ सफोक ((Edmund de la Pole, Duke of Suffolk), के साथ शुरु हुई राजनीतिक मृत्युदंडों की लहर जनवरी, 1547 में हेनरी अर्ल ऑफ सरे (Henry Earl of Surrey) के साथ समाप्त हुई. हालांकि, कुछ स्रोत दावा करते हैं कि हॉलिन्शेड के अनुसार इस शासन के दौरान मृत्युदंडों की संख्या 72,000 थी, इस आंकड़े में "बड़े चोर, छोटे चोर, और बदमाश" शामिल थे तथा इसका स्रोत हॉलिन्शेड नहीं, बल्कि अंग्रेज़ पादरी-वर्ग के सदस्य विलियम हैरिसन थे. यह बढ़ा हुआ आंकड़ा जेरोलेमो कार्डानो से प्राप्त हुआ है, जिन्होंने इसे लाइसिएक्स के रोमन कैथलिक बिशप से प्राप्त किया था.<ref>हैरिसन, विलियम, जॉर्ज एडलेन ''द डिस्क्रिप्शन ऑफ़ इंगलैंड: क्लासिक कंटेमपोरेरी अकाउंट ऑफ़ ट्युडोर सोशल लाइफ डोवर पब्लिकेशन इंक. न्यू एडिशन (फरवरी 1995) ऑरिजनली पब्लिश्ड 1557 ISBN 978-0-486-28275-6 p.193 [http://books.google.co.uk/books?id=4qwDICPz6OoC&amp;pg=PA193&amp;dq="Bishop+of+Lisieux"+Henry+VIII+"William+Harrison"&amp;ei=KY-ySsWdB5iwMoDIndcD#v=onepage&amp;q=&amp;f=false]'' </ref>
{{-}}
 
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[[चित्र:The Old Palace of Whitehall by Hendrik Danckerts.jpg|thumb|1547 में व्हाइटहॉल के पैलेस में राजा हेनरी अष्टम निधन हुए.]]
 
अपने जीवन के अंतिम दौर में, हेनरी स्थूलकाय हो गए (उनकी कमर का माप 54 इंच/127 सेमी था) और उन्हें एक से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिये मशीनी आविष्कारों की सहायता ली जाती थी. उनका शरीर पीप से भरे दर्दनाक फोड़ों से भर गया और संभवतः वे [[गठिया]] से पीड़ित हो गए. उनके मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का मूल सन 1536 में हुए घुड़सवा्र भाला-युद्ध (jousting) के एक खेल के दौरान हुए हादसे में ढूंढा जा सकता है, जिसमें उनके पैर में चोट लग गई थी. वास्तव में उस दुर्घटना ने वर्षों पहले उनके पैर में लगे एक पुराने घाव को फिर ताज़ा कर दिया और इतना अधिक बढ़ा दिया कि उनके चिकित्सकों ने पाया कि उसका उपचार करना अत्यधिक कठिन (लगभग असंभव) था. उनके शेष जीवनकाल में वह घाव तीव्रतर होता गया और उसमें फोड़े उत्पन्न हो गए, जिसके चलते वे शारीरिक गतिविधियों और दैनिक व्यायाम के उसी स्तर को बनाए रखने में असमर्थ हो गए, जिसका वे पहले आनंद उठाया करते थे. ऐसा माना जाता है कि घुड़सवार भाला-युद्ध के खेल के दौरान हुई दुर्घटना के कारण हेनरी की मनोदशा में भी बार-बार परिवर्तन होने लगे, जिनका उनके व्यक्तित्व और स्वभाव पर नाटकीय प्रभाव पड़ा होगा.<ref>{{cite news|url=http://www.independent.co.uk/news/uk/this-britain/the-jousting-accident-that-turned-henry-viii-into-a-tyrant-1670421.html |title=The jousting accident that turned Henry VIII into a tyrant - This Britain, UK |publisher=The Independent |date=2009-04-18 |accessdate=2010-08-25}}</ref> इसके साथ-साथ ही, हेनरी में अत्यधिक भोजन करने की आदत भी विकसित हो गई, और उनकी खुराक में मुख्यतः वसायुक्त लाल मांस तथा कुछ सब्जियां शामिल होती थीं. ऐसा माना जाता है कि इस आदत का प्रयोग तनाव से निपटने के एक उपाय के रूप में किया जाता था. निश्चित रूप से हेनरी का मोटापा ही उनकी अकाल मृत्यु का कारण बना और 55 वर्ष की आयु में पैलेस ऑफ व्हाइटहॉल में 28 जनवरी 1547, जो कि उनके पिता का 90वां जन्मदिन रहा होता, को उनका निधन हो गया. दावा किया जाता है कि अपने इन अंतिम शब्दों को कहने के तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई: "भिक्षु! भिक्षु! भिक्षु!"<ref>डेविस, पृष्ठ 687.</ref>
 
यह सिद्धांत को अधिकांश गंभीर इतिहासकारों द्वारा नकारा जा चुका है कि हेनरी [[सूजाक|उपदंश]] से पीड़ित थे.<ref>{{cite book|url=http://books.google.co.uk/books?id=AJReBNnOoL8C&pg=PA68&dq=syphilis+henry+viii&hl=en&ei=ZUzMTOehKJDQjAei5uDXBw&sa=X&oi=book_result&ct=result&resnum=2&ved=0CEMQ6AEwAQ#v=onepage&q=syphilis%20henry%20viii&f=false|title= The burdens of disease: epidemics and human response in western history|first=J. N.|last= Hays|publisher=Rutgers University Press|year= 2010|page=68|isbn=9780813546131}}</ref> उपदंश हेनरी के काल में एक प्रसिद्ध रोग था, और हालांकि उनके समकालीन फ्रांस के फ्रांसिस प्रथम ने उपदंश का उपचार करवाया था, लेकिन हेनरी के चिकित्सकों द्वारा छोड़ी गई टिप्पणियां यह सूचित नहीं करतीं कि अंग्रेज़ राजा इस बीमारी से पीड़ित थे. एक अधिक हालिया और विश्वसनीय सिद्धांत के अनुसार हेनरी और उनकी बड़ी बहन मार्गारेट ट्युडर के चिकित्सीय लक्षण, अनुपचारित टाइप टू मधुमेह के लक्षण हैं.
[[चित्र:Meeting of Henry VIII and Maximilian.png|thumb|left|हेनरी अष्टम और मैक्सीमिलन द्वितीय, पवित्र रोमन सम्राट की बैठक.]]
हेनरी अष्टम को विंडसर कैसल में सेंट जॉर्ज'स चैपल में उनकी पत्नी जेन सीमोर के पास दफनाया गया.<ref>एडवर्ड चैनी (रूटलेज 2000) द्वारा ''[http://books.google.com/books?id=rYB_HYPsa8gC&amp;source=gbs_slider_thumbThe द इवोल्यूशन ऑफ़ द ग्रांड टूर एंग्लो- इटैलियन कल्चरल रिलेशन सिंस द रेनेसौ में 'अर्ली ट्यूडर टोम्ब्स एंड द राइज़ एंड फॉल ऑफ़ एंग्लो-इटैलियन रिलेशन]'' '.
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सौ से भी अधिक वर्षों बाद चार्ल्स प्रथम को भी उसी कक्ष में दफनाया गया.
 
उनकी मृत्यु के एक दशक से कुछ अधिक समय के बाद, उनके तीनों शाही उत्तराधिकारी अंग्रेज़ी सिंहासन पर बैठे, लेकिन उनमें से किसी ने भी अपने पीछे कोई उत्तराधिकारी नहीं छोड़ा. उत्तराधिकार अधिनियम 1543 (Act of Succession 1543) के अंतर्गत, हेनरी के एकमात्र जीवित बचे वैध पुत्र, एडवर्ड, को ताज मि्ला और वे एडवर्ड षष्ठम बन गए. चूंकि उस समय एडवर्ड की आयु केवल नौ वर्ष की थी, अतः वे वास्तविक शक्ति का प्रयोग नहीं कर सके. हेनरी की वसीयत में 16 निष्पादकों को राज प्रतिनिधियों की एक समिति में तब तक कार्य करने के लिये नियुक्त किया गया था, जब तक कि एडवर्ड 18 वर्ष की आयु तक न पहुंच जाएं. निष्पादकों ने एडवर्ड सीमोर, फर्स्ट अर्ल ऑफ हर्टफोर्ड, जेन सीमोर के बड़े भाई, को राज्य के प्रमुख संरक्षक (Lord Protector) के रूप में चुना. एडवर्ड का कोई उत्तराधिकारी न होने की स्थिति में, राजसिंहासन ऐरागॉन की कैथरिन से हेनरी अष्टम को प्राप्त पुत्री, राजकुमारी मैरी, और उनके उत्तराधिकारियों को दिया जाना था. यदि मैरी की संतान विफल हो जाए, तो ताज एनी बोलीन से हेनरी को प्राप्त पुत्री, [[एलिज़ाबेथ प्रथम|राजकुमारी एलिज़ाबेथ]], व उनके उत्तराधिकारियों को सौंपा जाना था. अंततः, यदि एलिज़ाबेथ की वंशावली भी समाप्त हो जाए, तो ताज हेनरी अष्टम की दिवंगत छोटी बहन, मैरी के उत्तराधिकारियों को दिया जाना था. अतः इस अधिनियम के अनुसार हेनरी की बहन मार्गारेट ट्युडर-[[स्कॉटलैंड]] का शाही परिवार-को उत्तराधिकार से वंचित रखा गया था. यह अंतिम प्रावधान उस समय विफल हो गया, जब एलिज़ाबेथ की मृत्यु के परिणामस्वरूप स्कॉटलैंड के जेम्स चतुर्थ, इंग्लैंड के जेम्स प्रथम बने.
 
== सार्वजनिक छवि और स्मृति ==
हेनरी ने अप्रतिवाद्य शासक और अनिवार्य अधिपति के रूप में अपनी छवि प्रस्तुत करने के लिये कठिन परिश्रम किया. वे अपनी इच्छा से फांसी दिया करते थे और उन्होंने उनसे पूर्व या उनके बाद बने किसी भी राजा की तुलना में अधिक अंग्रेज़ सरदारों की हत्या के आदेश दिए. जिन लोगों के सिर कटवा दिये गये, उनमें दो पत्नियां, एक कार्डिनल, बीस साथी, चार प्रमुख शासकीय अधिकारी, और राजा के छः निकटवर्ती सेवक व मित्र, तथा इनके अलावा मठाधीशों के अनेक प्रमुख भी शामिल थे. इसके अतिरिक्त, कार्डिनल वोल्सी की कारागार में मृत्यु हो गई.
 
एक बड़े, शक्तिशाली पुरुष (छः फीट से अधिक ऊंचे और उसी अनुपात में चौड़े), हेनरी घुड़सवार भाला-युद्ध के खेल और शिकार में माहिर थे. मनोरंजन से अधिक, इनका प्रयोग राजनीतिक साधनों के रूप में किया जाता था, जो कि अनेक लक्ष्यों की पूर्ति में सहायता करते थे, जिनमें उनकी बलिष्ठ शाही छवि को बढ़ाना, विदेशी दूतों व शासकों को प्रभावित करना, तथा विद्रोह को कुचलने की हेनरी की क्षमता का संदेश देना शामिल हैं. इसी प्रकार उन्होंने सन 1517 में ग्रीनविच में घुड़सवार भाला-युद्ध की प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने भव्य कवच, घोड़े की भव्य कमान, तथा मखमल, सैटन और मोतियों व आभूषणों के साथ स्वर्णजड़ित वस्र धारण किये. इसने उपयुक्त रूप से विदेशी राजदूतों को प्रभावित किया, जिनमें से एक ने अपने घर भेजे गए पत्र में लिखा कि "विश्व की दौलत और सभ्यता यहां है, और जो लोग अंग्रेज़ों को असभ्य कहते हैं, वो लोग खुद ही मुझे ऐसी उपाधि के लायक लगते हैं." सन 1536 में, अपने घोड़े से गिरने पर लगी गंभीर चोट, जिसके कारण हेनरी दो घंटे तक बेहोश रहे, के बाद हेनरी ने स्वयं को सूचियों से अलग कर लिया, लेकिन उन्होंने प्रतिवर्ष दो शानदार प्रतियोगिताएं प्रायोजित करना जारी रखा.<ref>स्टीवन गन, "टूर्नामेंट्स एंड अर्ली ट्युडोर शिवलरी," ''हिस्ट्री टुडे,'' (जून 1991), खंड 41, शैक्षणिक खोज प्रीमियर में #6; जेम्स विलियम्स, "हंटिंग एंड द रॉयल इमेज ऑफ़ हेनरी VIII" ''सपोर्ट इन हिस्ट्री'' 2005 25(1): 41–59. Issn: 1746-0263</ref> इसके बाद उनक वजन बढ़ने लगा और उन्होंने वह आकर्षक चुस्त छवि खो दी, जिसने उन्हें इतना सुंदर रूप प्रदान किया था; हेनरी के दरबारियों ने लगातार मोटे होते जा रहे अपने राजा का अनुकरण करने-और चापलूसी करने-के लिये अत्यधिक गद्दीदार कपड़े पहनना प्रारंभ कर दिया.
 
हेनरी एक बुद्धिजीवी थे. प्रथम सुशिक्षित अंग्रेज़ राजा के रूप में, वे अपने सु-सज्जित पुस्तकालय में स्वयं को पूरी तरह प्रसन्न महसूस करते थे; उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अनेक पुस्तकों की व्याख्या की और स्वयं की पुस्तक लिखकर प्रकाशित भी की. सन 1546 में, उन्होंने क्राइस्ट चर्च कैथेड्रल स्कूल, ऑक्सफोर्ड की स्थापना की. चर्च के सुधार के लिये सार्वजनिक सहायता को प्रोत्साहित करने के लिये, हेनरी ने अनेक पर्चे व व्याख्यान तैयार करवाये. उदाहरणार्थ, रिचर्ड सैम्पसन का ''ओरैशियो (Oratio)'' (1534) दिव्य कानून व ईसाई प्रेम में निहित सांसारिक शक्तियों ("मेरे ईश्वरीय आदेशों का पालन करो [obey my commandments]) के प्रति पूर्ण आज्ञाकरिता के लिये एक विधि-सम्मत युक्तिवाद था. अपने इस दावे का समर्थन करने के लिये कि इंग्लिश चर्च सदैव ही रोम से स्वतंत्र रहता आया था, सैम्पसन ने ऐतिहासिक उदाहरणों का उल्लेख किय (जिनके बारे में अब ज्ञात हो चुका है कि वे झूठे थे).<ref>एंड्रयू ए. चीबी, "रिचर्ड सैम्पसन, हिज़ ओरेशिओ, एंड हेनरी VIII रॉयल सुप्रीमसी." ''जर्नल ऑफ़ चर्च एंड स्टेट'' 1997 39(3): 543–560. Issn: 0021-969x फुलटेक्स्ट: एब्स्को</ref>
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=== शाही पूंजी ===
हेनरी ने पिता हेनरी सप्तम, जो अपने पुत्र के विपरीत धन के मामले में मितव्ययी और सतर्क रहा करते थे, से उत्तराधिकार में प्रचुर संपदा प्राप्त की. इस संपदा का मूल्य £1,250,000 (वर्तमान मानकों के अनुसार £375 मिलियन) आंका गया था.<ref>विएर, पृष्ठ .13</ref> हेनरी द्वारा इसमें से अधिकांश पूंजी अपने दरबार और घरेलू कार्यों पर व्यय की गई, जिनमें अनेक शाही महलों का निर्माण शामिल है. ट्युडर राजाओं को अपनी स्वयं की आय से ही समस्त सरकारी खर्चों को अनुदान देना होता था. यह आय ताज के अधिकार की भूमि से, जिसका स्वामित्व हेनरी के पास था, और साथ ही प्रति टन और प्रति पाउंड लिये जाने वाले सीमा-शुल्कों से प्राप्त होती थी, जो संसद द्वारा राजा को जीवन-भर के लिये प्रदान किये गए थे. हेनरी के शासन-काल के दौरान ताज को मिलने वाला राजस्व (लगभग £100,000) स्थिर बना रहा,<ref>विएर, पृष्ठ .64</ref> लेकिन युद्ध के कारण उत्पन्न मुद्रास्फीति और महंगाई ने इसे धीरे-धीरे कम कर दिया. निश्चित ही युद्ध और यूरोप में हेनरी की राजवंशीय महत्वाकांक्षाओं के चलते ही उनके द्वारा अपने पिता से उत्तरादधिकार में प्राप्त अतिरिक्त पूंजी सन 1520 के दशक के मध्य तक आते-आते समाप्त हो चुकी थी. एक ओर जहां हेनरी सप्तम अपने मामलों में संसद को सम्मिलित नहीं किया करते थे, वहीं हेनरी को अपने शासन के दौरान संसद से धन की मांग करनी पड़ी, विशिष्ट रूप से अपने युद्धों को वित्त-पोषित करने के लिये आर्थिक सहायता की स्वीकृति प्राप्त करने हेतु. मठों के विघटन ने खजाने को फिर से भरने का एक साधन प्रदान किया और इसके परिणामस्वरूप राजा ने मठों की भूमियां अपने अधिकार में ले लीं, जिनका मू्ल्य £120,000 (£36 मिलियन) प्रतिवर्ष था.<ref>विएर, पृष्ठ 393</ref> लेकिन अपनी वित्तीय समस्याओं को सुलझाने के लिये हेनरी को सन 1526 और 1539 में मुद्रा का मूल्य घटाना पड़ा था और दरबार की लागत व अपव्यय में कमी लाने के उनके मंत्रियों के प्रयासों के बावजूद हेनरी की मृत्यु कर्ज में हुई.
 
=== विरासत ===
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वे मानवतावादी शिक्षा के पोषक थे और फिर भी वे ही अनेक विशिष्ट अंग्रेज़ मानवतावादियों की हत्य के लिये भी ज़िम्मेदार थे. ताज के उत्तराधिकार की सुरक्षा की धुन में रहने वाले हेनरी ने अपने उत्तराधिकारियों के रूप में केवल एक युवा पुत्र (जिसकी मृत्यु अपने सोलहवें जन्मदिवस से पूर्व ही हो गई) और भिन्न-भिन्न धर्मों को मानने वाली दो पुत्रियां छोड़ीं थीं. राज्य की शक्ति को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया था. हेनरी ने इंग्लैंड को फिर एक बार यूरोपीय परिदृश्य में एक मुख्य खिलाड़ी बनाने में कुछ सफलता प्राप्त की, लेकिन ऐसा करने में उनका खजाना खाली हो गया, यह एक ऐसी विरासत है जो उसी समय से अंग्रेज़ राजाओं के लिये एक मुद्दा रहा है.
 
स्कैरिसब्रिक (1968) का निष्कर्ष है कि हेनरी एक दुर्जेय, मोहक पुरुष थे, जो "एक भव्य दृढ़ निश्चय के साथ राजसी शान धारण" किये हुए थे. लेकिन उनकी अत्यधिक तीव्र प्रसन्नता अनिश्चित ढंग से गुस्से और चिल्लाहट में बदल सकती थी क्योंकि वे अत्यधिक अनुभूत व अस्थिर थे; रोगभ्रमी और क्रूरता की एक तीव्र प्रवृत्ति वाले पुरुष. उनके गुस्से के खतरनाक दौरों और गहन व भयानक संदेह की प्रवृत्ति को देखते हुए स्मिथ (1971) उन्हें एक पागलपन की हद तक अहंवादी पुरुष मानते हैं, जिसमें एक मशीनी व पारंपरिक, लेकिन अत्यधिक गहराई तक समाई हुई धर्मनिष्ठा थी, और इन विरोधाभासी शक्तियों को नियंत्रण में रख पाने के लिये अधिकतम "एक औसत बुद्धि" थी.
 
=== अंग्रेज़ी नौसेना ===
{{See also|The Tudors and the Royal Navy}}
आल्फ्रेड महान और [[चार्ल्स द्वितीय]] के साथ ही, रॉयल नेवी के संस्थापकों में से एक के रूप में पारंपरिक रूप से हेनरी का उल्लेख किया जाता है. उनके शासन-काल में कुछ नौसैनिक युद्ध हुए और, अधिक उल्लेखनीय रूप से, जहाज-निर्माण (''मैरी रोज़'' जैसे कुछ दर्शनीय विशाल जहाजों सहित), गोदी-निर्माण (जैसे एचएमएनबी पोर्ट्समाउथ [HMNB Portsmouth]) और नौसैनिक आविष्कारों (जैसे तैरते हुए जहाजों पर [[तोप|तोपों]] का प्रयोग-हालांकि अभी भी मध्यकालीन-शैली के फोरकैसल [forecastle] व बोकैसल [bowcastle] पर तैनात [[धनुर्विद्या|तीरंदाज़ों]] का ही प्रयोग जहाज की मुख्य शस्रधारी सेना के रूप में, या जहां तोपों का प्रयोग किया गया हो, वहां सहायक-सेना के रूप में, किया जाता था), के लिये बड़ा शाही निवेश किया गया. हालांकि, कुछ तरीकों से यह एक गलत धारणा है क्योंकि हेनरी ने अपने बाद आए उत्तराधिकारियों को संरचनाओं, पदों व औपचारिक शस्र संरचनाओं के रूप में कोई [[नौसेना]] नहीं दी, बल्कि वह केवल जहाजों के समूह के रूप में थी. इसके बावजूद [[एलिज़ाबेथ प्रथम]] को स्पैनिश अर्माडा (जिसमें लगभग 130 युद्धपोत और रूपांतरित वाणिज्यिक पोत थे) से लड़ने के लिये निजी स्वामित्व वाले जहाजों का एक समूह एकत्रित करना पड़ा था, और पूर्व, औपचारिक अर्थ में आधुनिक ब्रिटिश नौसेना, रॉयल नेवी, मुख्यतः सत्रहवीं सदी की आंग्ल-डच नौसैनिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम थी. फिर भी, हेनरी के शासन ने ही अंग्रेज़ी नौसैनिक शक्ति को जन्म दिया और यह बाद में स्पैनिश अर्माडा पर इंग्लैंड की जीत में एक प्रमुख कारक था.
 
रोम के साथ हेनरी के संबंध विच्छेद से एक बड़े फ्रांसीसी या स्पैनिश आक्रमण का खतरा उत्पन्न हो गया. इससे रक्षा करने के लिये, उन्होंने मौजूदा तटीय सुरक्षा दुर्गों, जैसे डोवर कैसल (Dover Castle) तथा डोवर (Dover), मोल बुलवार्क (Moat Bulwark) और आर्चक्लिफ़ फोर्ट (Archcliffe Fort) को शक्तिशाली बनाया, जिनका निरीक्षण करने के लिये उन्होंने कुछ महीनों तक इनकी यात्रा की (जैसा कि संरक्षित डोवर कैसल की आधुनिक प्रदर्शनी में स्मरण किया गया है). उन्होंने ब्रिटेन के दक्षिणी व पूर्वी तटों पर ईस्ट एंग्लिया से [[कॉर्नवल|कॉर्नवॉल]] तक नए 'महलों' (वस्तुतः बुर्ज-युक्त व सेना-युक्त बड़ी तोपखाना ईकाइयों), जो कि मुख्यतः मठों के विध्वंस से प्राप्त सामग्री से निर्मित किये गए थे, की एक श्रृंखला का निर्माण किया. इन्हें हेनरी अष्टम के योजना दुर्गों (Device Forts) के नाम से जाना जाता था.
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[[चित्र:England Arms-label ermine.svg|left|thumb|upright|यॉर्क के शासक के रूप में हेनरी की ढाल.]]
सन 1541 में, हेनरी ने आयरिश संसद के माध्यम से क्राउन ऑफ आयरलैंड ऐक्ट 1542 के द्वारा उपाधि "लॉर्ड ऑफ आयरलैंड" परिवर्तित करके "किंग ऑफ आयरलैंड" करवाई, क्योंकि उन्हें यह पता चला था कि कई आयरिश लोग पोप को उनके देश का वास्तविक प्रमुख मानते थे, और लॉर्ड को केवल एक प्रतिनिधि के रूप में कार्यरत माना जाता था. आयरिश लोगों द्वारा पोप को अपना सर्वोच्च प्रमुख (overlord) माने जाने का कारण यह था कि मूल रूप से आयरलैंड बारहवीं सदी में पोप एड्रियन चतुर्थ द्वारा इंग्लैंड के राजा हेनरी द्वितीय को पोप की सर्वोच्च प्रमुखता के अंतर्गत एक सामंती क्षेत्र के रूप में दिया गया था. आयरिश संसद की जिस बैठक में हेनरी अष्टम को आयरलैंड का राजा घोषित किया गया, वह पहली बैठक थी जिसमें गैलिक आयरिश प्रमुखों ब साथ ही आंग्ल-आयरिश कुलीनों ने भाग लिया था. शैली "हेनरी अष्टम, ईश्वर की कृपा से, इंग्लैंड, फ्रांस व आयरलैंड के राजा, विश्वास के रक्षक, पूरी पृथ्वी पर चर्च ऑफ इंग्लैंड के तथा आयरलैंड के भी सर्वोच्च प्रमुख लॉर्ड (Henry the Eighth, by the Grace of God, King of England, France and Ireland, Defender of the Faith and of the Church of England and also of Ireland in Earth Supreme Head)" हेनरी के शासन-काल के अंत तक प्रयोग में बनी रही.
 
हेनरी का [[ध्येयवाक्य|आदर्श वाक्य]] "कोयूर लॉयल (Coeur Loyal)" ("सच्चा हृदय [true heart]") था और उन्होंने कढ़ाई करवाकर इसे अपने वस्रों पर दिल के एक चिह्न और "लॉयल (loyal)" शब्द के साथ लगवाया था. उनका प्रतीक-चिह्न ट्युडर गुलाब तथा ब्यूफोर्ट पोर्टकलिस था.
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* स्टार्की, डेविड. ''सिक्स वाइव्स: द क्वींस ऑफ़ हेनरी VIII'' (2003) [http://www.amazon.com/dp/069401043X एक्सर्पट एंड टेक्स्ट सर्च]
* स्टार्की, डेविड. ''द रिन ऑफ़ हेनरी VIII: पर्सनैलिटिज़ एंड पॉलिटिक्स'' (1986). 174पीपी
* स्टार्की, डेविड, और सुज़न डोरन. ''हेनरी VIII: मैन एंड मोनार्क'' (2009) 288पीपी
* {{Cite document
|last=Tytler
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* बर्नार्ड, जी. डब्ल्यू. ''वॉर, टैक्सेशन, एंड रिबेलियन इन अर्ली ट्यूडर इंग्लैंड: हेनरी VIII, वोलसी, एंड द एमिकेबल ग्रांट ऑफ़ 1525'' . (1986). 164 पीपी
* एल्टन, जी. आर. ''द ट्यूडर रेव्ल्युशन इन गवर्नमेंट: एडमिनिस्ट्रेटिव चेंजेज़ इन द रिन ऑफ़ हेनरी VIII'' (1953, 1962 संशोधित), प्रमुख व्याख्या [http://www.questia.com/read/2993196?title=The%20Tudor%20Revolution%20in%20Government%3a%20Administrative%20Changes%20in%20the%20Reign%20of%20Henry%20VIII ऑनलाइन संस्करण]
** कॉलमन, क्रिस्टोफर, और डेविड स्टार्की, एड्स. ''रेव्ल्युशन रिअसेस्ड: रिविज़न इन द हिस्ट्री ऑफ़ ट्यूडर गवर्नमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेशन'' (1986), एल्टन लेख का मूल्यांकन
* एल्टन, जी. आर. ''रिफ़ॉर्म एंड रिफॉर्मेशन: इंगलैंड, 1509–1558'' (1977), हेनरी को प्रतिकूल
* फिल्डर, मार्था ऐनी. "आइकोनोग्राफिक थीम्स इन पोर्ट्रेट्स ऑफ़ हेनरी VIII." पीएचडी व्याख्यान टेक्सास क्रिस्चन यू. 1985 232 पीपी. डीएआई (DAI) 1985 46(6): 1424-A. DA8517256 फुलटेक्स्ट: प्रोक्वेस्ट डिज़र्टेशन एंड थीम्स
* फॉक्स, एलिस्टेयर, और जॉन गाइ, एड्स. ''रिअसेसिंग द हेनरिसियन एज: ह्युमैनिज़्म, पॉलिटिक्स एंड रिफॉर्म 1500–1550'' (1986), 242pp; विद्वानों द्वारा अग्रिम निबंध
* हेड, डेविड एम. "हेनरी VIII स्कॉटिश पॉलिसी: अ रिअसेसमेंट." ''स्कॉटिश हिसटॉरिकल रिव्यू'' 1982 61(1): 1–24. आईएसएसएन: 0036-9241 का तर्क है कि यदि हेनरी का इरादा स्कॉटलैंड पर अधिकार करने का था, तो सॉल्वे मॉस पर उनकी सन 1542 की विजय इसके लिये उपयुक्त अवसर थी, क्योंकि फ्रांसीसी दखल दे पाने में असमर्थ थे, स्कॉटिश कुलीनता का क्रमभंग हो गया था, और स्कॉटलैंड के ताज की पंक्ति में शिशु मैरी थी. इसके बजाय, हेनरी ने ऐसी नीति अपनाई जैसी कि आयरलैंड में अपनाई गई थी, क्योंकि वे प्रत्यक्ष जीत या कूटनैतिकता का आनंद का जोखिम नहीं उठा सकते थे.
* लिंडसे, कैरेन. ''डाइवर्स्ड बिहेडेड, सर्वाइव्ड: अ फेमिनिस्ट रि इंटरप्रिटेशन ऑफ़ ड वाइव्स ऑफ़ हेनरी VIII'' (1995) [http://www.questia.com/read/6981860?title=Divorced%2c%20Beheaded%2c%20Survived%3a%20A%20Feminist%20Reinterpretation%20of%20the%20Wives%20of%20Henry%20VIII ऑनलाइन संस्करण]
* लोडेस, डेविड. ''हेनरी VIII: कोर्ट, चर्च एंड कनफ्लिक्ट'' (2007) 248पीपी, प्रमुख [http://www.amazon.com/dp/1903365996/ विद्वान द्वारा एक्सर्पट एंड टेक्स्ट सर्च]
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* [[मार्टिन लुथर|मार्टिन लूथर]] से [http://books.google.com/books?id=oEy_3aDT61sC&amp;vid=OCLC02338418&amp;dq=%22%09Luther%27s+Correspondence+and+Other+Contemporary+Letters%22&amp;jtp=333 हेनरी VIII तक, 1 सितंबर 1525]
* [http://books.google.com/books?id=oEy_3aDT61sC&amp;vid=OCLC02338418&amp;dq=%22%09Luther%27s+Correspondence+and+Other+Contemporary+Letters%22&amp;jtp=374 हेनरी अष्टम से लूथर मार्टिन तक. ][http://books.google.com/books?id=oEy_3aDT61sC&amp;vid=OCLC02338418&amp;dq=%22%09Luther%27s+Correspondence+and+Other+Contemporary+Letters%22&amp;jtp=374 अगस्त 1526.]
* [http://books.google.com/books?id=oEy_3aDT61sC&amp;vid=OCLC02338418&amp;dq=%22%09Luther%27s+Correspondence+and+Other+Contemporary+Letters%22&amp;jtp=160 फ्रेडरिक, जॉन, और जॉर्ज, सैक्सोनी के ड्यूक से हेनरी अष्टम. ][http://books.google.com/books?id=oEy_3aDT61sC&amp;vid=OCLC02338418&amp;dq=%22%09Luther%27s+Correspondence+and+Other+Contemporary+Letters%22&amp;jtp=160 20 जनवरी 1523] पुन: लूथर.
* [http://www.liverpoolmuseums.org.uk/walker/exhibitions/henry/default.asp "हेनरी VIII रिविल्ड"], वॉकर आर्ट गैलरी, लिवरपूल, 2003. - हेनरी अष्टम के होल्बिन के 1536 चित्र और इससे संबंधित चित्रों की चर्चा
* {{IckingArchive|idx=Henry_VIII|name=Henry VIII of England}}