"ईक्वाडोर": अवतरणों में अंतर
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== आधुनिक इतिहास ==
१५३३ में [[स्पेन]] द्वारा विजय प्राप्त करने से पहले तक ईक्वाडोर उत्तरी [[इंका]] साम्राज्य का भाग था। सन् १५६३ में [[कुइटो]] स्पेनी साम्राज्य का एक केंद्र बना और १७१७ में [[न्यू ग्रानाडा]] के वाइसरोयल्टी का भाग बना। वाइसरोयल्टी के क्षेत्रों जैसे [[न्यू ग्रानाडा]] ([[कोलंबिया]]), [[वेनेजुएला]]
१८३० में जब [[क्विटो]] महासंघ से विलग हो गया तो इसका नाम "भूमध्य रेखीय गणराज्य" रख दिया गया। सन् १९०४ से १९४२ के मध्य पडोसी देशों से संघर्षों के कारण ईक्वाडोर को अपना बहुत सा भूभाग खोना पड़ा। १९९५ में [[पेरू]] के साथ सीमा विवाद के कारण जो युद्ध धधक रहा था वह १९९९ में सुलझा लिया गया। यद्यपि सन् २००४ में ईक्वाडोर नागरिक शासन के २५ वर्ष पूरे कर रहा था, लेकिन ये पूरा दौर राजनैतिक उथल पुथल भरा ही रहा था। [[क्विटो]] में हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण ईक्वाडोर में पिछली तीन लोकतांत्रिक सरकारों को कार्यकाल पूरा होने से पूर्व ही अपदस्त होना पड़ा। २००७ में नए संविधान की रुपरेखा तैयार करने के लिए संविधान सभा का चुनाव किया गया है
== राज्य-शासन ==
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== अर्थव्यवस्था ==
ईक्वाडोर पर्याप्त रूप से अपने तेल संसाधनों पर निर्भर है, जिसकी देश को निर्यात से होने वाली कमाई में आधे से अधिक भागीदारी है और सार्वजनिक क्षेत्र का एक चौथाई राजस्व इसी से प्राप्त होता है।{{उद्धरण आवश्यक|date=जून 2014}}१९९९-२००० में ईक्वाडोर को गहन आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा जिससे देश के सकल घरेलु उत्पाद में ६% की कमी आई और साथ ही गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की संख्या में भी वृद्धि हुई। बैंकिंग क्षेत्र भी धराशायी हो गया और उस वर्ष ईक्वाडोर अपने बाह्य ऋण के भुगतान में भी चूक गया। २००० में राष्ट्रीय कांग्रेस द्बारा बहुत से ढांचागत सुधारों को स्वीकृति दी गई जिसमें [[अमेरिकी डॉलर]] को कानूनी निविदा के रूप में अपनाए जाने का भी प्रावधान था। डॉलरीकरण के कारण अर्थव्यस्था को सुदृढ़ता मिली
२००२-०६ की अवधि में अर्थव्यस्था ५.५% की दर से बढ़ी, जो पिछले २५ वर्षों में सबसे ऊँची पंच वर्षीय दर थी|२००६ में गरीबी दर में भी गिरावट हुई लेकिन फिर भी ये ३८% तक बनी रही| २००६ में सरकार द्वारा विदेशी तेल कंपनियों पर अप्रत्याशित कर लगा दिया गया जिससे अमेरिका के साथ होने वाली [[मुक्त व्यापार]] वार्ता निलंबित हो गयी। इन उपायों के चलते वर्ष २००७ में तेल उत्पादन में भी कमी आई।{{उद्धरण आवश्यक|date=जून 2014}} राष्ट्रपति रफेल कौरिया द्वारा ऋण डिफ़ॉल्ट का भय दिखाया गया और उस भय को ध्यान में रखते हुए, भय से निबटने के लिए दिसम्बर २००८ में कुछ व्यावसायिक बांड दायित्वों से मुख मोड़ लिया। उन्होंने निजी तेल कंपनियों पर भी एक उच्च अप्रत्याशित राजस्व कर लगा दिया और उनके साथ किये हुए अनुबंधों पर पुनः वार्ता आरम्भ करी ताकि कर के अहक्त प्रभावों को दूर किया जा सके। इससे आर्थिक अनिश्चितता उत्पन्न हुई; निजी निवेश में गिरावट आई और आर्थिक विकास धीमा हुआ है।{{उद्धरण आवश्यक|date=जून 2014}}
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