"उपनिवेश": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो पूर्णविराम (।) से पूर्व के खाली स्थान को हटाया। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: अनावश्यक अल्पविराम (,) हटाया। |
||
पंक्ति 21:
इसमें कोई संदेह नहीं कि भौगोलिक अनुसंधान तथा उपनिवेशों की स्थापना के लिए बहुत से लोगों में दुस्साहसिक कार्य के प्रति अनुराग तथा इसकी क्षमता आवश्यक थी, किंतु उपनिवेशस्थापन के पीछे दुस्साहस ही प्रमुख शक्तिस्रोत के रूप में नहीं था। व्यापारिक लाभ सबसे बड़ा कारण था तथा राज्यविस्तार के साथ व्यापार का विस्तार होने के कारण क्षेत्रीय विजय आवश्यक थी। बहुधा दूरस्थ उपनिवेशों के लिए यूरोप में युद्ध होते थे। इस तरह हालैंड ने पुर्तगाल को दक्षिण पूर्वी एशिया के पूर्वी द्वीपसमूह से निकाल बाहर किया। इंग्लैंड ने कैनाडा, भारत तथा अन्य स्थानों से फ्रांस को निकाल बाहर किया। जर्मन युद्धविशेषज्ञ फान मोल्तके ने एक बार कहा था, ""पूर्वी बाजार ने इतनी शक्ति संचित कर ली है कि वह युद्ध में सैन्य संचालन करने में भी समर्थ है।"" जब मैक्सिम द्वारा बंदूक का प्रसिद्ध आविष्कार हुआ, अन्वेषक स्टैन्ली (जिन्होंने अपने पूर्ववर्ती डा. लिविंग्स्टन का पता अफ्रीका में लगाया) ने कहा था, "" यह एक आग्नेयास्त्र है जो मूर्तिपूजकों को दबाने में अमूल्य सिद्ध होगा।"" साम्राज्य के समर्थकों (यथा रुडयार्ड किपलिंग) द्वारा ""श्वेतों की जिम्मेदारी"" के रूप में एक पुराणरूढ़ दर्शन (मिथ्) ही प्रस्तुत कर लिया गया। "नेटिव" शब्द का प्रयोग "नियम रहित निम्नस्तर जाति" जिनका भाग्य ही श्वेतों द्वारा शासित होता था, के अपमानजनक अर्थ में होने लगा।
विकासशील पूँजीवादी शक्तियों को विस्तार एवं संचय के लिए निकास की आवश्यकता थी। अविकसित देशों के कच्चे मालों की उन्हें आवश्यकता थी। उन्हें ऐसे देशों की आवश्यकता अपने उत्पादित मालों के बाजार के रूप में थी
19वीं शताब्दी में, उपनिवेशी की स्वतंत्रता का आंदोलन प्रारंभ हुआ तथा कनाडा ऐस "श्वेत" उपनिवेशों ने, स्वशासन का अधिकार प्राप्त कर लिया। पश्चात् 20 वीं शताब्दी के प्रांरभ में भारत, बर्मा आदि देशों ने उपनिवेश का जुआ उतार फेंका और स्वतंत्र हो गए। किंतु तो भी संसार में अनेक देश उपनिवेश बने रहे। सन् 1960 में संयुक्त राष्ट्रसंघ ने उपनिवेशवाद के खिलाफ अपना ऐतिहासिक घोषणापत्र जारी किया जिसके बाद साइप्रस, केनिया, गोआ तथा अनेक अफ्रीको देशों की मुक्ति संभव हुई। (हो.ना.मु.)
|