"दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा": अवतरणों में अंतर
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== इतिहास ==
हिन्दी प्रचार सभा एक आन्दोलन थी जो भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन के साथ ही आरम्भ हुई। एक स्वतन्त्र संस्था के रूप में सन १९१८ में इसकी स्थापना हुई। भारत में [[महात्मा गांधी]] के हिन्दी प्रचार आंदोलन के परिणामस्वरूप '''दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा''' की स्थापना [[मद्रास]] नगर के गोखले हॉल में
[[महात्मा गांधी|गांधीजी]] जी आजीवन इसके सभापति रहे। उन्होंने देश की अखंडता और एकता के लिए हिन्दी के महत्व एवं उसके प्रचार-प्रसार पर बल दिया। [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस|कांग्रेस]] द्वारा स्वीकृत चौदह रचनात्मक कार्यक्रमों में राष्ट्रभाषा हिन्दी के व्यापक प्रचार-प्रसार कार्य का भी उल्लेख है। गांधीजी का विचार था कि दक्षिण भारत में हिन्दी के प्रचार का कार्य वहाँ के स्थानीय लोग ही करें। सन १९२० तक सभा का कार्यालय जार्ज टाउन, [[मद्रास]] (अब, चेन्नै) में था। कुछ वर्ष बाद यह मालापुर में आ गया। इसके बाद यह ट्रिप्लिकेन में आ गया और १९३६ तक वहीं बना रहा।
महात्मा गांधी के बाद भारतरत्न [[
== प्रकाशित पत्रिका ==
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