"नानाजी देशमुख": अवतरणों में अंतर
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नानाजी देशमुख लोकमान्य [[बाल गंगाधर तिलक]] के राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रेरित हुए। तिलक से प्रेरित होकर उन्होंने समाज सेवा और सामाजिक गतिविधियों में रुचि ली. आर.एस.एस. के आदि सरसंघचालक [[केशव बलिराम हेडगेवार|डॉ केशव बलिराम हेडगेवार]] से उनके पारिवारिक सम्बन्ध थे। हेडगेवार ने नानाजी की प्रतिभा को पहचान लिया और आर.एस.एस. की शाखा में आने के लिये प्रेरित किया।
१९४० में,
१९४७ में, आर.एस.एस. ने राष्ट्रधर्म और [[पांचजन्य]] नामक दो साप्ताहिक और [[स्वदेश (हिन्दी समाचारपत्र)]] निकालने का फैसला किया। [[अटल बिहारी वाजपेयी]] को सम्पादन, दीन दयाल उपाध्याय को मार्गदर्शन और नानाजी को प्रबन्ध निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गयी। पैसे के अभाव में पत्र पत्रिकाओं का [[प्रकाशन]] संगठन के लिये बेहद मुश्किल कार्य था, लेकिन इससे उनके उत्साह में कमी नहीं आयी और सुदृढ राष्ट्रवादी सामाग्री के कारण इन प्रकाशनों को लोकप्रियता और पहचान मिली।१९४८ में [[गान्धी]]जी की हत्या के बाद आर.एस.एस. पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया, जिससे इन प्रकाशन कार्यों पर व्यापक असर पड़ा। फिर भी भूमिगत होकर इनका प्रकाशन कार्य जारी रहा।
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