"भोजप्रबन्ध": अवतरणों में अंतर

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भोजप्रबंध के नाम से बल्लाल के अतिरिक्त अन्य कवियों द्वारा प्रणीत कृतियाँ भी हैं। कहा जाता है कि आचार्य मेरुतुंग ने भी एक भोजप्रबंध लिखा था जो आज उपलब्ध नहीं है। इतना अवश्य है कि मेरुतुंग के "प्रबंध चिंतामणि" में भोज कथाएँ हैं। इसी तरह कवि पद्यगुप्त, वत्सराज, शुभशील एवं राजवल्लभ द्वारा प्रणीत भोजप्रबंध का उल्लेख ऑफ्रेक्ट ने किया है। परंतु ये कृतियाँ अद्यावधि अप्रकाशित हैं। बल्लालकृत भोजप्रबंध के दो पाठ उपलब्ध होते हैं- गौड़ीय पाठ जो कलकत्ता से प्रकाशित है तथा अधिक प्रचलित है, दूसरा दाक्षिणात्य पाठ जिसका प्रचार मद्रास प्रांत में है। भोजप्रबंध पर जीवानंद विद्यासागर कृत सुबोध टीका मिलती है। यह मूल ग्रंथ निर्णयसागर प्रेस, बंबई से भी प्रकाशित हुआ है। भोजप्रबंध का कई भाषाओं में अनुवाद हो चुका है, अंग्रेजी में इसका अनुवाद लुई ग्रे द्वारा विरचित अमेरिकन ओरिएंटल सोसाइटी (ग्रंथसंख्या 34) से प्रकाशित हुआ है। कई पाश्चात्य मनीषियों ने भारतीय ऐतिहासिक तत्वों की खोज में भोजप्रबंध का अध्ययन कर तत्संबंधी अपने विचारों का प्रकाशन अनेक लेखों द्वारा किया है।
 
== बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.sanskritebooks.org/2010/06/bhoja-prabandha-of-ballala-deva-english-hindi/ Bhoja Prabandha of Ballala Deva – Sanskrit Text with Hindi & English Translation]
*[https://archive.org/details/Bhojaprabandha_with_English_Translation_by_Saradaprosad_Vidyabhushan Bhojaprabandha_with_English_Translation_by_Saradaprosad_Vidyabhushan] (archive.org)