"अशोक कामटे": अवतरणों में अंतर

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उनका संबंध पुणे में सांघवी क्षेत्र के रश्कनगर से था और वह १९८९ बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। कामटे अपने बैच के सबसे काबिल अधिकारियों में से एक थे और उनमें चुनौतियों से लड़ने का गजब का माद्दा था। उन्होंने बंधकों की रिहाई के लिए आतंकवादियों से बातचीत का विशेष प्रशिक्षण लिया था और यही वजह थी कि उन्हें मुम्बई की इमारतों में लोगों को बंधक बनाकर छिपे आतंकवादियों से बातचीत के लिए देर रात तलब किया गया।