"कुमाऊँनी भाषा": अवतरणों में अंतर

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'''कुमाऊँनी''' [[भारत]] के [[उत्तराखण्ड]] राज्य के [[कुमाऊँ मण्डल|कुमाऊँ क्षेत्र]] में बोली जाने वाली एक भाषा/बोली है। इस भाषा को [[हिन्दी]] की सहायक [[पहाड़ी भाषाएँ|पहाड़ी भाषाओं]] की श्रेणी में रखा जाता है।
 
कुमाऊँनी भारत की ३२५ मान्यता प्राप्त भाषाओं में से एक है, और २६,६०,००० (१९९८) से अधिक लोगों द्वारा बोली जाती है। [[उत्तराखण्ड]] के निम्नलिखित जिलों - [[अल्मोड़ा जिला|अल्मोड़ा]], [[नैनीताल जिला|नैनीताल]], [[पिथौरागढ़ जिला|पिथौरागढ़]], [[बागेश्वर जिला|बागेश्वर]], [[चम्पावत जिला|चम्पावत]], [[उधमसिंहनगर जिला|ऊधमसिंह नगर]] के अतिरिक्त [[असम]], [[बिहार]], [[दिल्ली]], [[मध्य प्रदेश]], [[महाराष्ट्र]] और [[पंजाब]], तथा [[हिमाचल प्रदेश]] और [[नेपाल]] के कुछ क्षेत्रों में भी बोली जाती है।
 
कुमाऊँनी भाषा, कुमाँऊ क्षेत्र में विभिन्न रुपांतरणों में बोली जाती है जैसे:-
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== कुमाऊँ क्षेत्र की बोलियाँ ==
कुमाऊँनी जानने वाले लगभग सभी लोग हिन्दी समझ सकते हैं। हिन्दी भाषा के इस क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव के कारण यह भाषा तेजी़ से लुप्त होने की स्थिति में पहुँच चुकी है। नगरीय क्षेत्रों में बहुत कम लोग यह भाषा बोलते हैं, और बहुत से मामलों में यदि माता पिता कुमाऊँनी या [[गढ़वाली भाषा|गढ़वाली]] जानते भी हैं तो उनके बच्चे इन भाषाओं को नहीं जानते हैं। बहुत से अन्य मामलों में बच्चे कुमाऊँनी समझ तो सकते हैं लेकिन बोल नहीं सकते। बहुत से कुमाऊँनी परिवारों में पुरानी दो पीढ़ी के लोग जब नई पीढ़ी के लोगों से कुमाऊँनी में संवाद करते हैं तो उन्हें उत्तर हिन्दी में मिलता है। मध्य पीढ़ी के लोग कुमाऊँनी और [[हिन्दी]] दोनो भाषाओं में संवाद करते हैं। कुमाऊँनी, [[देवनागरी]] लिपि में लिखी जाती है। कुमाऊँनी भाषा का बहुत अधिक साहित्य उपलब्ध नहीं है।
 
कुमाऊँ क्षेत्र में २० बोलीयाँ बोली जाती हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:- जोहारी, मझ कुमारिया, दानपुरिया, अस्कोटि, सिराली, सोरयाली, चुगरख्यैली, कुंमईया, गंगोला, खसपरजिया, फल्दकोटि, पछाइ, रौचभैसि.
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=== कुमाऊँनी चलचित्र ===
* '''मेघा आ''', पहला कुमाऊँनी चलचित्र, निर्देशक काका शर्मा, निर्माता एस एस बिष्ट।
* '''तैरी सौं''', (कुमाऊँनी और [[गढ़वाली]]में निर्मित होने वाला पहला चलचित्र), लेखन, निर्माता, और निर्देशक अनुज जोशी।
* '''अपुण बिरैं''' (अपने पराये) (२००७), श्री कार्तिकेय सिने प्रोडक्शंस, भास्कर सिंह रावत द्वारा निर्मित।
* '''मधुलि''' (२००८), अनामिका फिल्म द्वारा निर्मित।
 
=== कुमाऊँनी रंगमंच ===
कुमाऊँनी रंगमंच का विकास 'रामलीला' नाटकों के द्वारा हुआ, जो धीरे-धीरे आधुनिक रंगमंच के रुप में विकसित हुआ जिसमे [[मोहन उप्रेति]] और [[दिनेश पांडे]] जैसे रंगमंच के दिग्गजों, और '''पर्वतीय कला केन्द्र''' (मोहन उप्रेति द्वारा आरंभित) और '''पर्वतीय लोक कला मंच''' जैसे समुहों का बहुत बडा़ योगदान है।
 
=== रेडियो ===