"कोयला गैस": अवतरणों में अंतर
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गैसनिर्माण में जो भभके आज प्रयुक्त होते हैं वे क्षैतिज हो सकते हैं, या उर्ध्वाधर, या 30 डिग्री से लेकर 35 डिग्री तक नत। इन भभकों का वर्णन "कोक" प्रकरण में हुआ है। गैसनिर्माण के लिये वही कोयला उत्तम समझा जाता है जिसमें 30 से लेकर 40 प्रतिशत तक वाष्पशील अंश हो तथा कोयले के टुकड़े एक किस्म के और एक विस्तार के हों।
गैस के लिये कोयले का कार्बनीकरण पहले 1,000 डिग्री सें. पर होता था, पर अब 1,200 डिग्री -1,400 डिग्री सें. पर
कोयला गैस का संघटन एक सा नहीं होता। कोयले की विभिन्न किस्में होने के कारण और विभिन्न ताप पर कार्बनीकरण से अवयवों में बहुत कुछ भिन्नता आ जाती है, तथापि सामान्यत: कोयला गैस का संघटन इस प्रकार दिया जा सकता है:
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