"अहिल्या": अवतरणों में अंतर

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[[रामायण]] की एक पात्र, प्रातः स्मरणीय [[पंचकन्या]] में से एक। ये [[गौतम ऋषि]] की पत्नी थी। इंद्र द्वारा [[छल]] पूर्वक किए गए [[शीलहरण]] की सज़ा अहिल्या को भी भुगतनी पड़ी। ऋषि ने उसे शिला बन जाने का [[शाप]] दे दिया। इससे मुक्ति का उपाय [[राम]] का चरण स्पर्श था। [[त्रेता युग]] में [[अवतार]] लेकर जब राम ऋषि [[विश्वामित्र]] के साथ [[जनकपुरी]] पहुँचे तो वहाँ उन्होंने गौतम ऋषि का आश्रम भी देखा। वहीं राम के चरण स्पर्श से अहिल्या शाप मुक्त होकर पुनः मानवी बन गई।