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[[कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट]] का यहां एक पायलट स्टेशन तथा एक [[प्रकाशदीप]] भी है।<ref name = "Telegraph"/> पश्चिम बंगाल सरकार सागर द्वीप में एक गहरे पानी के बंदरगाह निर्माण की योजना बना रही है। गंगासागर तीर्थ एवं मेला [[महाकुंभ]] के बाद मनुष्यों का दूसरा सबसे बड़ा मेला है। यह मेला वर्ष में एक बार लगता है। [[चित्र:Ganges River Delta, Bangladesh, India.jpg|thumb|[[गंगा]]-[[डेल्टा]], [[सुंदरवन]] का उपग्रह चित्र, यहीं बीच में गंगा-सागर द्वीप स्थित है।]] यह द्वीप के दक्षिणतम छोर पर गंगा [[डेल्टा]] में गंगा के [[बंगाल की खाड़ी]] में पूर्ण विलय (संगम) के बिंदु पर लगता है।<ref>{{cite web
|url = http://pibkolkata.gov.in/web_26_9_04/english_releases/feature10.htm | title = मकर संक्रांति पर्व| accessdate = ३ सितंबर, २००७ | last = | first = | work = सन्स ट्रान्ज़ीसन फ़्रॉम सैजीटेरियस टू कैपरीकॉर्न: टाइम टू विज़िट गंगासागर | publisher = प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, भारत सरकार }}</ref> बहुत पहले इस ही स्थानपर गंगा जी की धारा सागर में मिलती थी, किंतु अब इसका मुहाना पीछे हट गया है। अब इस द्वीप के पास गंगा की एक बहुत छोटी सी धारा सागर से मिलती है।<ref name="नूतन सवेरा"/> यह मेला पांच दिन चलता है। इसमें स्नान मुहूर्त तीन ही दिनों का होता है। यहां गंगाजी का कोई मंदिर नहीं है, बस एक मील का स्थान निश्चित है, जिसे मेले की तिथि से कुछ दिन पूर्व ही संवारा जाता है। यहां स्थित कपिल मुनि का मंदिर सागर बहा ले गया, जिसकी मूर्ति अब कोलकाता में रहती है, और मेले से कुछ सप्ताह पूर्व पुरोहितों को पूजा अर्चना हेतु मिलती है। अब यहां एक अस्थायी मंदिर ही बना है।<ref name="नूतन सवेरा"/>
 
इस स्थान पर कुछ भाग चार वर्षों में एक बार ही बाहर आता है, शेष तीन वर्ष जलमग्न रहता है। इस कारण ही कह जाता है:<blockquote>