"केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण": अवतरणों में अंतर

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कार्मिक प्रबंधन को नियंत्रित करने वाले नियमों तथा विनियमों की विस्तृत व्‍यवस्‍था के बावजूद भी कुछ सरकारी कर्मचारी कभी-कभी सरकार के निर्णयों से व्‍यथित हो सकते हैं। इन मामलों का निपटान करने में न्‍यायालयों को कई वर्ष लग जाते थे और मुकद्दमेबाजी बहुत महंगी थी। सरकार के निर्णयों से व्‍यथित कर्मचारियों को शीघ्र और सस्‍ता न्‍याय मुहैया करवाने के प्रयोजन से, सरकार ने 1985 में '''केन्‍द्रीय प्रशासनिक अधिकरण''' (Central Administrative tribunal या CAT) स्‍थापित किया था जो अब सेवा से सम्‍बन्धित ऐसे सभी मामलों पर विचार करता है जिन पर पहले उच्‍च न्‍यायालयों सहित उनके स्‍तर तक के न्‍यायालयों द्वारा कार्रवाई की जाती थी। केन्‍द्रीय प्रशासनिक अधिकरण की [[दिल्‍ली]] में स्थित प्रधान न्‍यायपीठ सहित, अब इसकी 17 नियमित न्‍यायपीठें देश के विभिन्‍न भागों में कार्य कर रही हैं।