"नोगाई ख़ान": अवतरणों में अंतर

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== जीवनी ==
नोगाई के पिता का नाम 'तातार' या 'तुतार' था। यह 'तेवल' या 'तेरवल' का बेटा था जो ख़ुद [[जोची ख़ान]] का बेटा था। नोगाई [[सुनहरा उर्दू]] नामक [[ख़ानत]] (जो पूर्वी यूरोप और रूस के बहुत से हिस्से पर राज करती थी) के संस्थापक [[बातु ख़ान]] और बातु के बाद सुनहरा उर्दू पर राज करने वाले [[बरके ख़ान]] का भतीजा था (बरके बातु का छोटा भाई था)। सुनहरे उर्दू से दक्षिण में [[ईरान]] और उसके पड़ोसी इलाक़ों पर विस्तृत [[इलख़ानी साम्राज्य]] स्थित था, और यह भी एक मंगोल ख़ानत थी, जिसकी स्थापना चंगेज़ ख़ान के एक अन्य पोते [[हलाकु ख़ान]] ने की थी। शुरू में सभी मंगोलों ने एक दूसरे की मदद करी और नोगाई के पिता तातार स्वयं हलाकु ख़ान की सेवा में युद्ध में मारे गए। लेकिन आगे चलकर, जैसे चंगेज़ी परिवार बढ़ा, उनमें आपसी फूट पड़ गई। सुनहरा उर्दू और इलख़ानी साम्राज्य में लड़ाईयां शुरू हो गई। १२५९-१२६० में नूगाई ने प्रसिद्ध मंगोल सिपहसालार बुरूनदाई के नीचे पोलैंड पर दूसरे धावे में भाग लिया और क्रैको जैसे शहरों को लूटा। माना जाता है कि १२५० के ही दशक में नूगाई ने अपने ताऊ बरके ख़ान की तरह [[इस्लाम]] अपनाया।<ref name="ref85hoduc"/>
 
१२६२ में हलाकु ख़ान की फ़ौजें उत्तरी [[कॉकस]] क्षेत्र में तेरेक नदी पार करके सुनहरे उर्दू पर हमला करने आई तो नोगाई की फ़ौजों ने उन्हें हैरान कर दिया और उनमें से कई हज़ारों की नदी में डूबकर मौत हो गई। हलाकु की फ़ौजें मैदान छोड़कर [[अज़रबैजान]] लौट गई। इस से सुनहरे उर्दू के शासक (और उसके ताऊ) बरके ख़ान की नज़रों में नोगाई की इज़्ज़त बढ़ी। १२६५ में नोगाई ने पश्चिम में सेना लेकर [[डैन्यूब नदी]] पार करी और [[बाईज़न्तानी]] फ़ौजों को खदेड़कर [[त्राकया]] (आधुनिक [[बुल्गारिया]]) के शहरों को ध्वस्त कर दिया। १२६६ में बाईज़न्तानी सम्राट मिख़ाईल अष्टम पालायोलोगोस (<small>Μιχαήλ Η΄ Παλαιολόγος</small>) ने हमलावरों से संधि करने के लिए अपनी पुत्री यूफ़्रोसाईनी पालायोलोगीना की शादी नोगाई से करवा दी।<ref name="ref26voder">[http://books.google.com/books?id=bFRXmG5GdkEC Byzantium and the Rise of Russia: A Study of Byzantino-Russian Relations in the Fourteenth Century], John Meyendorff, Cambridge University Press, 2010, ISBN 978-0-521-13533-7, ''... thus Euphrosyne, daughter of Michael VIII, became the wife of Khan Nogay ...''</ref> उसी साल इलख़ानी साम्राज्य के दूसरे इलख़ान (और हलाकु ख़ान क पुत्र) [[अबाक़ा ख़ान]] के साथ [[तिफ़लिस]] में मुठभेड़ में नोगाई की एक आँख चली गई। १२७७ में मंगोलों के खिलाफ़ बुल्गारिया में एक जन-विद्रोह हुआ जिसका नेतृत्व इवाईलो (<small>Ивайло</small>) ने किया और मंगोलों को पहले तो हराया लेकिन १२७८-७९ में नोगाई द्वारा हरा दिया गया। बचने के लिए इवाईलो ने मित्रता का हाथ बढ़ाया लेकिन नोगाई ने उसे मरवाकर गेयोर्गी तेरतेर प्रथम (<small>Георги Тертер I</small>) को अपने अधीन बुल्गारिया का नया [[त्सार]] बना दिया।