"पर्वत निर्माण": अवतरणों में अंतर

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== पर्वतनिर्माण की संकुचन परिकल्पना (Contraction Hypothesis) ==
[[पृथ्वी]] आदि काल में द्रव रूप में थी। अत: वर्तमान पृथ्वी का आकार इसके ठंडे होने से बना है। सर्वप्रथम पृथ्वी की ऊपरी परत ठंढी होने से ठोस हो गई, किंतु नीचे ठंडा होने की क्रिया जारी रही अत: नीचे की सतह सिकुड़ती गई, और ऊपरी परत से अलग हो गई। ऊपरी परत में गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण संकुचन उत्पन्न हुआ फलत: पर्वत निर्माणकारी पर्वतन (Orogenesis) का जन्म हुआ। इस परिकल्पना को समझने के लिए सूखे सेब का उदाहरण लिया जा सकता है। यह भी कहा जाता है कि जैसे जैसे पृथ्वी की ठंढे होने की क्रिया धीमी होती गई वैसे वैसे पर्वत निर्माणकारी क्रियाएँ भी मंद होती गई।
 
[[आर्थर होम्स]] की [[संवहन धारा की परिकल्पना]] के अनुसार पृथ्वी के गर्भ में ताप की धाराएँ ऊपर नीचे चला करती हैं। ये धाराएँ भूपटल की निम्न तह में मुड़ते समय संकुचन तथा फैलते समय फैलाव उत्पन्न कर देती हैं। अत: दो विभिन्न दिशाओं से आनेवाली संवहन धाराओं के मुड़ने के स्थान पर पर्वत निर्माणकारी शक्तियों का जन्म होता है।