"रानी तपस्विनी": अवतरणों में अंतर

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क्रान्ति की विफलता के बाद उन्हें [[तिरुचिलापल्ली]] की [[जेल]] में रखा गया था। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने [[संस्कृत]] और [[योग]] की शिक्षा प्राप्त की और उसके बाद [[कोलकाता]] में महिलाओं की [[शिक्षा]] के लिए काम करती रहीं। उनका निधन १९०७ में हुआ। रानी तपस्विनी का उल्लेख एक पाकिस्तानी लेखिका जहीदा हीना ने अपनी पुस्तक " पाकिस्तानी स्त्री : यातना और संघर्ष" में किया है। वे भारतीय उपमहाद्वीप में महिला शिक्षा पर अपने आलेख में उनका उल्लेख करती हैं।
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
* {{cite book |last= सिंह |first= रामपाल |authorlink= |coauthors= विमला देवी |title= भारतीय क्रांतिकारी वीरांगनाएँ |year= 2009 |publisher= आत्माराम एंड संन्स |location= |id= |isbn = 81-8346-017-8}}
 
== बाहरी कड़ियाँ==
*[http://www.kranti1857.org/krantikari_mahilaye.php क्रांतिकारी महिलाएँ]
*[http://www.indianetzone.com/7/mataji_maharani_tapaswini.htm माताजी महारानी तपस्विनी]