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'''लाडनूँ''' [[राजस्थान]] का एक कस्बा है जो [[नागौर जिला|नागौर जिले]] की लाडनूं तहसील का मुख्यालय है। लाडनूं अपने नाम के अनुरूप धनाढ्य लोगों एवं सेठों का शहर रहा है, जहां से वे भारत के विभिन्न शहरों में फैले हुए हैं। [[दिल्ली]] से यह 380 किमी एवं [[जयपुर]] से 220 किमी की दूरी पर स्थित है। राजस्थान राज्य बनने से पहले यह जोधपुर रियासत की जागीर थी। यह नगर [[सुजानगढ]], [[सीकर]], [[बीकानेर]], [[जोधपुर]], [[अजमेर]], [[जयपुर]] एवं अन्य प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। दिल्ली-रतनगढ-जोधपुर रेलवे लाइन पर यह महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है।
 
== इतिहास ==
[[राजस्थान]] के निर्माण से पूर्व लाडनूं, [[जोधपुर रियासत]] कि सीमा पर बसा एक महत्वपूर्ण कस्बा था। शिलालेखों तथा इतिहासविदों के अनुसार लाडनूं प्राचीन अहिछत्रपुर का हिस्सा था, जिस पर करीब 2000 वर्षो तक नागवंशीय राजाओं का अधिकार रहा। बाद मे परमार राजपूतों ने उन से अहिछत्रपुर को छिन लिया, उनके बाद मुगल ने आधिपत्य जमाया। अन्ततः [[जोधपुर]] के राठौड राजाओ का अधिकार रहा।
 
यह कस्बा एक प्राचिन व्यापारिक मार्ग पर बसा हुआ है। इस मार्ग से होकर कई लुटेरे गुजरे तो कभी हारी हुई सैनाये, पुरातात्विक साक्ष्य इसके 2000 वर्ष पहले से आबाद होने के सबूत देते है। वही 1857 के विद्रोह के कुचले जाने बाद हारे हुये सैनिक भागते हुये इधर से गुजरे तो वे इतिहास में कालो की फौज के नाम से दर्ज हुये।
 
== नामकरण ==
कहीं-कहीं लाडनूं को 'बुडी चन्देरी' कहा गया है, पर इसका प्रमाण कही नही मिलता। कई बार हम अपने आप को प्राचीनता से जोडने के लिऐ इतिहास के साथ जोड तोड करने की गलती करते है। इसी क्रम मे चन्दनवरदाई लिखित प्रथ्वीराज-रासो में वर्णीत चन्देरी के साथ, लाडनू का सम्बध जोड कर प्राचीनतता पाने की कोशिश की गयी है। लाडनू नामकरण पर और भी कई कथाये ओर दन्तकथाये प्रचलीत है पर कोई भी प्रमाण या सम्पुर्ण तथ्य उपलब्ध नहीं करती।
 
== बाहरी कड़ियाँ==
*[http://yayawer.jagranjunction.com/2011/03/28/महाभारतकालीन-चंदेरी-नगरी/ महाभारतकालीन चंदेरी नगरी लाडनूं के विकास को संतुलित करने की पहल]
*[http://picasaweb.google.com/jangidjyotiprakash/LonlyLadnun# लाड़नू]