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'''वंगारी मथाई''' ([[१ अप्रैल]], [[१९४०]] - [[२५ सितंबर]] [[२०११]]) [[कीनिया|केन्याई]] पर्यावरणविद् और राजनीतिक कार्यकर्ता थीं। ये [[ग्रीन बेल्ट आंदोलन]] की संस्थापक और महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली प्रसिद्ध केन्याई राजनितिज्ञ और समाजसेवी थीं। उन्हें साल 2004 में [[नोबेल पुरस्कार]] प्रदान किया गया था। वे नोबेल पुरस्कार पाने वाली पहली अफ्रीकी महिला थीं।
 
== जीवन ==
उन्होंने [[अमेरिका]] और कीनिया में उच्चशिक्षा अर्जित की। १९७० के दशक में माथे ने ग्रीन बेल्ट आंदोलन नामक गैर सरकारी संगठन की नीव डालकर पौधरोपण, पर्यावरण संरक्षण, और महिलाओं के अधिकारों की ओर ध्यान दिया। २००४ में "सतत विकास, लोकतंत्र और शांति के लिए के लिए अपने योगदान" की वजह से [[नोबेल शांति पुरस्कार]] प्राप्त करने वाली पहली अफ्रीका महिला और पहली पर्यावरणविद् बनी। वर्ष २००५ में इन्हें [[जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार]] से सम्मानित किया गया।
 
वे २००२ में सांसद बनी और कीनिया की सरकार में मंत्री भी रहीं। २६ सितंबर २०११ को नैरोबी में उनका निधन हो गया।<ref>{{cite web|title=नोबेल पुरस्कार विजेता वंगारी मथाई का निधन|url=http://www.livehindustan.com/news/videsh/international/article1-Nobel-laureate-Vangari-Madhai-died-2-2-192508.html |publisher=लाइव हिन्दुस्तान|date=२६ सितम्बर २०११|accessdate=२८ अप्रैल २०१४}}</ref><ref>{{cite web|title=नोबेल विजेता वंगारी मथाई का निधन|url=http://www.dw.de/नोबेल-विजेता-वंगारी-मथाई-का-निधन/a-15415835|shortlink=http://dw.de/p/12gMV |publisher=वर्ल्ड न्यूज़|editor= अनवर अशराफ़ |author=ए जमाल|accessdate=२८ अप्रैल २०१४|date=२६ सितम्बर २०११}}</ref>
 
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
[[श्रेणी:कीनियाई]]