"महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना": अवतरणों में अंतर

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हालांकि मनसे, सेना से निकला हुआ समूह है, परन्तु अब भी वह पार्टी की [[मराठी]] और "भूमिपुत्र" विचारधारा पर आधारित है. शिवाजी पार्क में पार्टी का अनावरण करते समाए एक सभा में उन्होंने कहा कि सभी यह देखने को बेचैन हैं कि हिंदुत्व का क्या होगा.<ref>प. 1048 ''भारतीये राजनितिक पार्टियाँ वार्षिक, महेंद्र गौर द्वारा,2006'' . </ref> अनावरण के समाए, उन्होंने यह भी कहा,
"मैं विस्तार से "भूमि पुत्र" (Sons of soil) और मराठी, महाराष्ट्र के विकास के लिए अपना एजेंडा, और 19 मार्च कि सार्वजनिक बैठक में पार्टी झंडे के रंगों के महत्व जैसे मुद्दों पर पार्टी के रुख पर प्रकाश डालूँगा."<ref>[http://www.expressindia.com/news/fullstory.php?newsid=64115 राज ठाकरे ]ने नइ पार्टी का गठन किया Updated: ''प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया'', गुरुवार, 09 March, 1914 घंटों से कम 2006 IST </ref>
मनसे को विधान सभा में 13 सीटें मिलीं. राज का जन्मदिन महाराष्ट्र के "भूमि पुत्र" दिवस के रूप में मनाया जाता है और राज इस उपाधि पर गर्व महसूस करते हैं.
राज ठाकरे खुद को एक भारतीय राष्ट्रवादी (न की सिर्फ एक क्षेत्रीय) समझते हैं, और दावा करते हैं कि कांग्रेस दोगली है.<ref> पी. 1048 '''' महेंद्र गौर से ''2006'' </ref> . पार्टी, [[धर्मनिरपेक्षता]] को भी अपना एक मूल सिद्धांत मानती है.<ref>{{cite web|url=https://www.manase.org/en/maharashtra.php?mid=67&smid=15&id=279|title=Objectives and Policies|work=Manase.org|retrieved=2009-11-15}}</ref>
 
== विवाद ==
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8 फरवरी को पटना सिविल कोर्ट में ठाकरे के खिलाफ एक याचिका दायर की गई जो उनके [[बिहार]] और उत्तर प्रदेश के सबसे लोकप्रिय त्योहार [[छट]] पूजा पर टिप्पणी के विरोध में था.<ref>[[राज ठाकरे]] के खिलाफ पटना की अदालत में [http://www.zeenews.com/articles.asp?aid=421796&amp;sid=REG याचिका]</ref> श्री ठाकरे का कहना था कि वह [[छट]] [[पूजा]] के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ लोगों द्वारा इस अवसर पर "अहंकार प्रदर्शन" और "[[छट]] पूजा के राजनितिकरण" के खिलाफ हैं.<ref> http://news.indiainfo.com/2008/02/05/0802050625_mns_nindian.html "हम उत्तर भारतीयों के खिलाफ नहीं हैं: पारकर</ref>
 
10 फ़रवरी 2008 को मनसे कार्यकर्ताओं ने [[महाराष्ट्र]] के विभिन्न भागों में उत्तर भारतीय दूकानदारों और विक्रेताओं पर हमला किया, और [[राज ठाकरे]] की गिरफ्तारी के कथित अंदेशे के विरुद्ध अपना गुस्सा निकलने के लिए सरकारी संपत्ति नष्ट कर दी.<ref> [http://ibnlive.com/news/antimigrant-violence-spreads-beyond-mumbai/58750-3.html विरोधी प्रवासी मुंबई से परे हिंसा फैल]</ref> [[नासिक]] पुलिस ने 26 मनसे कार्यकर्ताओं को हिंसा के आधार पर हिरासत में ले लिया.
 
फरवरी 2008 में, भारत के अन्य भागों से मुंबई में लोगों के अनियंत्रित प्रवास के मुद्दे पर राज ठाकरे के भाषण ने एक बहुप्रचारित विवाद पैदा किया. महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था भारत में अन्य राज्यों से आगे है, और इसकी राजधानी मुंबई [[उत्तर प्रदेश]] और [[बिहार]] के राज्यों से प्रवासी आबादी के लिए एक चुंबक बन गइ है. मनसे समर्थकों ने [[समाजवादी पार्टी]] के कार्यकर्ताओं से टकराव किया जो उत्तर प्रदेश में मुसलामानों की क्षेत्रीय पार्टी हे, जिस की वजह से सड़कों पर हिंसा भड़की. ठाकरे ने राजनेता बने जाने माने फिल्म अभिनेता [[अमिताभ बच्चन]] की भी आलोचना की जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं, कि वह [[अमर सिंह]] की वजह से UP और बिहार में व्यापार फैला रहे हैं. बच्चन को मुंबई के फिल्म उद्योग-[[बॉलीवुड]] में प्रसिद्धि और समृधि मिली.<ref> [http://www.rediff.com/news/2008/feb/03mns.htm जया राज पर लेता है, मुंबई में एमएनएस, सपा कार्यकर्ता संघर्ष]</ref><ref> [http://www.rediff.com/news/2008/feb/02raj.htm?zcc=rl राज ठाकरे ने उत्तर प्रदेश के हितों के लिए अमिताभ flays]</ref>
 
8 सितम्बर 2008 में [[इनफ़ोसिस टेकनोलोजीस]] ने घोषणा की, कि 3,000 कर्मचारी पदों को पुणे से हटा दिया गया, जिस का कारण निर्माण कार्य में देरी था, जो उस वर्ष की शुरुआत में MNS द्वारा उत्तर भारतीय निर्माण श्रमिकों पर हमले की वजह से हुई थी.<ref> [http://sify.com/finance/fullstory.php?id=14754530 पुणे Infy के रूप में 3,000 नौकरियां खो चेन्नई में लग रहा है]</ref>.
15 अक्टूबर 2008 को ठाकरे ने [[जेट एयरवेज]] को धमकी दी कि अगर उन्होंने परिवीक्षाधीन कर्मचारियों को काम पर वापस नहीं लिया, जिन्हें आर्थिक मंदी की वजह से खर्च में कटोती के लिए निकाला गया था, तो वह महाराष्ट्र में उसकी कार्यवाही बंद करवा देंगे.<ref> [http://www.thaindian.com/newsportal/politics/raj-thackeray-threatens-jet-airways-wants-sacked-staff-reinstated-second-lead_100107584.html ][http://www.thaindian.com/newsportal/politics/raj-thackeray-threatens-jet-airways-wants-sacked-staff-reinstated-second-lead_100107584.html जेट एयरवेज की धमकी, चाहता कर्मचारी बहाल कर दिया]</ref>
 
अक्टूबर 2008 में MNS कार्यकर्ताओं ने उत्तर भारतीय उम्मीदवारों को पीटा जो भारतीय रेलवे बोर्ड में भर्ती होने की प्रवेश परीक्षा पश्चिमी क्षेत्र से मुंबई में दे रहे थे.<ref> [http://www.hindu.com/2008/10/20/stories/2008102057350100.htm उत्तर भारतीयों को मुंबई में हमला किया.] राही गायकवाड़. </ref> रेल दुर्घटना में तीसरे वर्ग में एक बिहारी की मृत्यु हो गई जिसे हिंदी मीडिया के समर्थन से एनसीपी/कांग्रेस ने सफलतापूर्वक दर्शाया के लड़के की मृत्यु आगामी दंगों के चलते हुई है.<ref> http://www.expressindia.com/latest-news/MNS-attack--Bihari-student-dies--Nitish-announces-ex-gratia/376143/</ref> MNS' के उत्तर भारतीयों और बिहारियों पर हो रहे हमले के बदले, [[भारतीय भोजपुरी संघ]] ने [[जमशेदपुर]] में टाटा मोटर्स के एक मराठी अधिकारी के आवास पर हमला कर दिया. भारतीय संसद में हंगामे के बाद, और MNS प्रमुख की गिरफ्तारी का दबाव नहीं होने के चर्चे के बावजूद, राज ठाकरे को अक्टूबर 21 के शुरुआती घंटों में गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें उसी दिन अदालत में पेश किया गया और रात जेल में बिताने के बाद वह अगले दिन वापस चले गए. हालांकि गिरफ्तारी के बाद, MNS कार्यकर्ताओं ने मुंबई शहर के कुछ हिस्सों और पूरे क्षेत्र पर गुस्सा निकाला. गिरफ्तारी के परिणामस्वरुप प्रशंशा के साथ भय और MNS पर प्रतिबंध लगाने कि बातें सामने आईं.<ref> http://www.expressindia.com/latest-news/maya-demands-ban-on-mns/376398/</ref><ref> http://economictimes.indiatimes.com/News/PoliticsNation/Lalu_censures_Cong_CM_while_lashing_at_MNS_hooligans/articleshow/3621434.cms </ref><ref> http://economictimes.indiatimes.com/News/PoliticsNation/Delhi_cheers_Thackeray_arrest_but_fears_backlash/articleshow/3624255.cms </ref> शिवसेना ने बहरहाल पूरे मामले पर एक ठंडी प्रतिक्रिया रखी, हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता [[मनोहर जोशी]] ने कहा कि वह MNS के इस आन्दोलन के समर्थन में हैं जो वह रेलवे बोर्ड की परीक्षा के लिए गैर-मराठी उम्मीदवारों के खिलाफ कर रहे हैं.
 
=== शिवसेना के साथ टकराव ===
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"पुलिस आवश्यक कार्रवाई करेगी. यह इसलिए हो रहा है क्यों कि बहुत से लोग MNS छोड़ कर हमारे साथ शामिल हो रहे हैं. दलबदल शुरू हो चुका है और यही वजह है कि वह ऐसे कारनामों का सहारा ले रहे हैं."<ref name="Shiv Sena and MNS clash at Sena Bhavan"/>
</blockquote>
शिव सेना के विभाजन प्रमुख मिलिंद वैध ने कहा कि उन्होंने घटना में शामिल एक MNS कार्यकर्ता के खिलाफ स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. MNS के महासचिव प्रवीण डारेकर ने बहरहाल इस का कारण SIES कॉलेज की स्थानीय निकाइयों के चुनावों पर डाल दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि शिव सेना को कोलेजों पर अपनी पकड़ खोने का डर है, और इसिलए वह इस मुद्दे को रंग दे रहे हैं, साथ ही यह भी कि शिव सेना के इलज़ाम बेबुनियाद हैं. राज ठाकरे का दावा है कि MNS तस्वीरें नहीं फाड़ सकता है, कियोंकि बाल ठाकरे का वह और उनके सदस्य बहुत आदर करते हैं.<ref name="Indian Express"> {{cite web |url=http://cities.expressindia.com/fullstory.php?newsid=204676|
title=“Sena vs new Sena, 30 injured”|publisher=[[The Indian Express]]|accessdate=2006-10-18}}</ref>
''उत्तरभारतीयों'' के खिलाफ बाल ठाकरे द्वारा दिए गए टिप्पनिओं पर कुछ MP द्वारा नोटिस जारी करने पर एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि वह कभी UP और बिहार के किसी राजनितिक नेता को मुंबई में नहीं आने देंगे अगर संसदीय समिति ने बाल ठाकरे के summon पर जोर दिया. इस पर विपरीत प्रतिक्रिया देते हुए बाल ठाकरे ने अपने भतीजे राज को "पीठ पर वार करने वाला" कहा और उनके अहसान से साफ़ मना कर दिया.
 
शिव शेना (SS)और एमएनएस कार्यकर्तायों ने छुट्टियों में नवरात्रि के पोस्टर जारी करने को लेकर ओशिवारा के आनंद नगर में भी टकराव किया. SS पार्षद [[राजुल पटेल]] ने कहा के MNS कार्यकर्ताओं ने विशाल होअर्दिंग्स लगाया और लोगों से उन्हें हटाने के लिए पैसे मांगने लगे. लोगों ने हम से शिकायत की, और हमने आपत्ति जताई. इसकी वजह से हाथापाई हो गई. MNS विभाग प्रमुख [[मनीष धुरी]] ने बदले में कहा कि शिव सैनिक हमारी लोप्रियता से जलते हैं. रविवार दोपहर को शिव सैनिकों कि एक भीड़ उस जगह पर आई और वे हामारे द्वारा लगाए गए पोस्टर उतारने लगे. हमने इस पर आपत्ति जताई. दुर्भागयावाश, एक MNS कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गया.
 
=== अबू आज़मी को सबक
9 नवम्बर 2009 को [[समाजवादी पार्टी]] के नेता अबू आज़मी को सबक दि गई, और MNS के [[विधायक]] द्वारा उन्हें हिन्दिमे में शपत लेने से रोका गया.और यह सही किय इस घटना के परिणामस्वरूप [[महाराष्ट्र]] [[विधान सभा]] के अध्यक्ष ने इस मार पीट में शामिल MNS के 4 MLA को 4 साल के लिए निलंबित कर दिया.जो बिल्कुल गलत था मुंबई और नागपुर में विधान सभा बैठक के दौरान उनके प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई.<ref>{{cite news|url=http://www.hindustantimes.com/News-Feed/india/Azmi-attacked-over-Hindi-oath-four-MNS-members-suspended/Article1-474547.aspx|title=Azmi attacked over Hindi oath, four MNS members suspended|date=November 9, 2009|publisher=The Hindustan Times|accessdate=2009-11-09}}</ref> निलंबित विधायक थे राम कदम, रमेश वान्जले, शिशिर शिंदे और वसंत गीते.<ref>{{cite news|url=http://www.thaindian.com/newsportal/politics/four-mns-legislators-suspended-for-attack-on-azmi_100272235.html|title=Four MNS legislators suspended for attack on Azmi|date=November 9, 2009|publisher=Thaindian.com|accessdate=2009-11-09}}</ref><ref>{{cite news|url=http://www.zeenews.com/news577371.html|title=MNS MLAs attack Azmi for taking oath in Hindi; suspended|date=November 9, 2009|publisher=Zee News|accessdate=2009-11-09}}</ref>
 
== शक्ति में बढ़त ==
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मुंबई में रेलवे भरती बोर्ड कि परीक्षा देने आए उत्तर भारतीयों पर किये गए हमले के लिए बहुत से नेताओं ने खास कर सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतीशील गठबंधन(UPA) कि केंद्र सरकार ने सख्त तौर पर राज ठाकरे और MNS की आलोचना की.
 
UPA के तीन मंत्रियों ने कड़ी कार्यवाही करने कि मांग की, साथ ही पार्टी के खिलाफ प्रतिबन्ध लगाने की भी मांग की. [[रेलवे मंत्री]] [[लालू प्रसाद यादव]] ने MNS पर प्रतिबन्ध लगाने कि मांग कि और कहा के उसका अध्यक्ष "मानसिक रोगी" हैं. [[इस्पात मंत्री]] [[राम विलास पासवान]] ने कहा के वह अगले मंत्री मंडल कि बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे और उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया कि हिंसक घटनाओं के बावजूद, MNS के खिलाफ कोई कारवाही नहीं कि जा रही है. उन्होंने कहा: "मैं सख्त तौर पर घटना कि निंदा करता हूँ. पार्टी के खिलाफ मज़बूत कदम उठाए जाने चाहिए... MNS पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए. ठाकरे परिवार महाराष्ट्र के लिए एक स्थाई समस्या बन गया है, और विशेष रूप से राज ठाकरे एक मानसिक रोगी बन गए हैं." [[खाद प्रंस्करण उद्योग मंत्री]] और कांग्रेस नेता [[सुबोध कान्त सहाए]] ने मांग की, कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-MNS गटबंधन सरकार को हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों के साथ अपराधियों जैसा सुलूक करना चाहिए. उन्होंने कहा कि महारष्ट्र के मुख्य मंत्री [[विलास राव देशमुख]] से उन्होंने बात कि है, और राज्य में चल रहे ''गुंडागर्दी'' पर भी सवाल किया है. "जहां तक सरकार कि आज तक की कारवाही का सवाल है, वह अब तक उनपर नरम रही है. उन्हें कार्यवाही करनी चाहिए कियोंकि अब हद से ज्यादा हो चुका हे. वह कार्यकर्ता नहीं हैं. वह लुटेरे हैं. MNS, बजरंग दल, VHP और RSS जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए.<ref> http://www.ptinews.com/pti% 5Cptisite.nsf/0/DDEA7BBDF2766C6C652574E7004F4B42 OpenDocument?</ref>
 
इस घटना के बाद, कार्यकाल के पहले दिन ही राष्ट्रीय संसद में काफी हगामे हुए. संसद के कई सदस्यों ने हमले की निंदा की. उन्होंने परोक्ष रूप से [[लालू प्रसाद यादव]] कि भी निंदा कि, यह कहते हुए कि उन्होंने भी अपने क्षेत्र में बिहारियों की अधिकतम भरती की, और उन लोगों कि नहीं जो उन शहरों के थे जहां भरती परीक्षा आयोजित कि गई थी,जिसने MNS की घटना को और बढ़ावा दिया. इस मुद्दे पर पहले बोलते हुए, राजद नेता देवेंद्र प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार से राज्य मे [[अनुछेद 355]] के तहत कार्यवाही करने की मांग की. उन्होंने कहा कि हमलों के बावजूद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. साथ ही कहा कि ऐसी घटनाएं देश की एकता और अखंडता को खतरा है. अन्य सांसदों ने भी हमलों की वजह से अनुच्छेद 355 लागू करने की मांग की. BJP के शाहनवाज हुसैन ने भी यह मांग की पुछते हुए कि अगर बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को देश के अन्य भागों में यात्रा करने के लिए क्या किसी अनुमति की ज़रोरत होगी. CPI(M) के मोहम्मद सलीम ने कहा कि इस तरह की घटनाएँ देश की अखंडता पर खतरा हैं, और इससे देश के बाकी हिस्सों को गलत संकेत पहुँचता है. शिवसेना के अनंत गीते ने बहरहाल महाराष्ट्र में 42 लाख शिक्षित बेरोजगार युवाओं की बात रखते हुए कहानी के दूसरे पहलु को सामने रखने की कोशिश की.<ref> http://www.khabrein.info/index.php?option=com_content&amp;task=view&amp;id=17885&amp;Itemid=88</ref> CPI(M) ने हमले कि कड़ी निंदा कि, और इसे संविधान पर स्पष्ट हमला बताया, और फौरन पार्टी प्रमुख राज ठाकरे के गिरफ्तारी कि मांग कि, साथ ही यह भी कहा के विभाजनकारी ताकतों को अगर किसी भी तरह की ढील दी गई, तो उसके बहुत दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. CPI(M) [[पौलिटबिऊरो]] ने कहा के संविधान पर हमले, महाराष्ट्र सरकार के ऊपर कलंक हैं, जिस कि ज़िम्मेदारी है रक्षा करना और अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कारवाही करना. "और वह इस में नाकाम रही है, जिस तरह उसने गैरज़िम्मेदार नेताओं को ढील दी है, यह कांग्रेस और उसकी गठ्बंधित साथियों का राजनितिक दिवालियापन दर्शाती है." "[[भारतीय कोम्मुनिस्ट पार्टी]] (CPI) ने भी कहा के ऐसे हमले नहीं सहे जाएंगे,और ठाकरे तथा उनके समर्थकों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाना चाहिए और उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए." महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री [[विलास राव देशमुख]] ने कहा कि उनकी सरकार हमलों को रोकने में असफलता कि पूरी ज़िम्मेदारी लेती हे और इस घटना कि जांच के आदेश दिए जाएंगे साथ ही इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि नौकरी के विज्ञापन मराठी अखबारों में कियों नहीं दिए गए. उन्होंने कहा: "जो हुआ अच्छा नहीं हुआ. इस तरह की घटनाएँ कानून में खामियों की वजह से होती हैं. सिर्फ गृह मंत्रालय को ज़िम्मेदार नहीं माना जा सकता बल्कि यह (पूरे)सरकार की ज़िम्मेदारी है. ऐसी घटनाएँ राज्य की छवि को प्रभावित कर रही हैं, और मैंने पुलिस महानिर्देशक को कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं." राज ठाकरे के आरोप पर, कि नौकरी के विज्ञापन स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित न करके मराठी उम्मीदवारों को बाहर रखा गया है, इसपर उन्होंने कहा कि,"एक जांच भी करवाई जाएगी,कि मराठी समाचारपत्रों में परीक्षा के विज्ञापन कियों नही दिए गए और, और परीक्षा में कितने मराठी उम्मीदवार बुलाए गए." उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस तरह की बर्बरतापूर्ण घटनाएँ भविष्य में नहीं होंगी.
जनवरी 2009 में कलाकार [[प्रणव प्रकाश]] ने दिल्ली में अपनी चित्र श्रृंखला "चल हट बिहारी" का प्रदर्शन किया. [[2008 में महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों पर किये गए हमले]], xenophobia कि एक कंसर्ट में पॉप शैली में दिखे.<ref> http://epaper.mailtoday.in/Details.aspx?boxid=2240375&amp;id=18821&amp;issuedate=3012009</ref>