"अंबुड्समान": अवतरणों में अंतर

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स्वीडन में अंबुड्समान को राष्ट्रपति द्वारा चार वर्ष के लिए नामजद किया जाता है। वह देश के सर्वश्रेष्ठ न्यायविद और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों में से होता है। प्रत्येक वर्ष संसद के प्रारंभिक सत्र में उसका वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाता है। स्वीडन के शासकीय सेवक मंत्रीय नियंत्रण में नहीं होते हैं। वहां मंत्री केवल नीति विषयक मामलों से संबद्ध होते हैं जबकि प्रशासन अधिकतर स्वशासी होता है।
 
स्वीडन के नौकरशाह कानून के प्रति जवाबदेह होते हैं. लोकसेवक की लापरवाही, विवेकहीनता और अज्ञान उन्हें अभियोजन की कार्यवाही के योग्य बना देते हैं. उनके अभियोजन की स्वीकृति देने वाला अधिकारी अंबुड्समान कहलाता है.है। अंबुड्समान दोषी अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतों की जांच करता है जो जनता द्वारा की गई होती है.है। संतुष्ट होने पर उनके प्रकरण अग्रिम कार्यवाहियों के लिए न्यायालयों में भेजता है.है।
 
स्वीडन के विपरीत डेनमार्क में नौकरशाहों के कृत्य के लिए मंत्रिपरिषद जिम्मेदार होती रही थी. लेकिन 1953 के संविधान और अंबुड्समान अधिनियम 1954 के तहत डेनमार्क में भी स्वीडन की तरह अंबुड्समान की स्थापना की गई. शुरू में उस पद पर प्रसिद्ध न्यायविद प्रोफेसर स्टीफन हरवित्ज को नियुक्त किया गया.
 
डेनमार्क के अंबुड्समान की नियुक्ति संसद द्वारा प्रत्येक आम चुनाव के बाद की जाती है.है। संसद ही उसे हटाने में समर्थ है.है। डेनमार्क के अंबुड्समान के निर्णयों पर संसद में पुनर्विचार नहीं होता. मंत्री भी अंबुड्समान की परिधि में आते हैं. डेनमार्क का अंबुड्समान स्वयमेव मुकदमे नहीं चला सकता जैसा स्वीडन में होता है.है। वह केवल अभियोजन अधिकारी को अभियोजन चलाने के आदेश देता है.है। शासन के विरुद्ध परिवादी नागरिक को वह मुकदमा चलाने की सलाह दे सकता है.है। इस कार्य के लिए कानूनी सुविधा भी उपलब्ध करा सकता है.है। वह अपने कार्यों की रिपोर्ट अंततः संसद को प्रेषित करता है.है।
 
नार्वे में विश्वयुद्ध के बाद नागरिकों ने अधिकारियों और राजनेताओं के खिलाफ शिकायतों का पहाड़ खड़ा कर दिया था.था। 1945 में नार्वे की सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं के लिए एक समिति नियुक्त की.
 
यह जानना दिलचस्प है कि ब्रिटेन, अमरीका और यूरोपियन पद्धति के अंबुड्समान के बाद इस समिति ने 1958 में सिफारिश की कि डेनमार्क के मॉडल को स्वीकार कर लिया जाए. 1968 में नार्वे में अंबुड्समान कानून बनाया गया. नार्वे की संसद अंबुड्समान का निर्वाचन करती है.है। उसे एक श्रेष्ठ न्यायविद ही होना चाहिए. उसका मुख्य कर्तव्य यह देखना है कि लोक प्रशासन में किसी नागरिक के साथ अन्याय नहीं हो.
 
नार्वे के अंबुड्मान को स्वीडन की तरह अभियोजन चलाने का अधिकार नहीं होता और न ही वह डेनमार्क के अंबुड्समान की तरह किसी अधिकारी के विरुद्ध अभियोजन चलाने के आदेश दे सकता है.है। वह केवल ध्यान आकृष्ट करता है कि अमुक अधिकारी ने अमुक गलती की है और उस पर संस्तुति करता है कि दोषी अधिकारी के विरुद्ध उचित न्यायिक कार्यवाही की जाए. न्यायाधीश और मंत्री नार्वे के अंबुड्समान की परिधि से बाहर होते हैं.
 
== सबसे प्रभावी लोकपाल संस्थान ==
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इस सेमिनार ने पांच मुख्य संस्थाओं की जांच की जो पूरी दुनिया में जांच एजेंसियों के रूप में उस समय लागू थीं. इनमें संसदीय जांच समितियां, रूस की प्रोक्यूरेसी, अंग्रेजी विधि व्यवस्था में वर्णित न्यायिक अनुतोष, फ्रांसीसी पद्धति की जांच व्यवस्थाएं तथा स्कैण्डिनेवियन देशों में प्रचलित अंबुड्समान भी शामिल रहे हैं.
 
इनमें अंबुड्समान नामक संस्था ने प्रशासन के प्रहरी बने रहने में अंतर्राष्ट्रीय सफलता प्राप्त की है.है।
== बाह्य सूत्र ==
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