"शचीन्द्रनाथ बख्शी": अवतरणों में अंतर

छो Bot: Migrating 1 interwiki links, now provided by Wikidata on d:Q7396752
छो बॉट: अंगराग परिवर्तन।
पंक्ति 23:
स्वतन्त्र भारत में काँग्रेस से उनका मोहभंग हुआ और वे [[जनसंघ]] में शामिल हो गये। उन्होंने उत्तर प्रदेश [[विधान सभा]] का चुनाव जीता और [[लखनऊ]] जाकर रहने लगे। अपने जीवन काल में उन्होंने दो पुस्तकें भी लिखीं। [[सुल्तानपुर]] (उत्तर प्रदेश) में 80 वर्ष का आयु में 23 नवम्बर 1984 को उनका निधन हुआ।
 
== संक्षिप्त जीवन परिचय ==
शचीन्द्रनाथ बख्शी का जन्म 25 दिसम्बर 1904 को बनारस में हुआ था। उनके पिता मूलत: [[बंगाल]] के फरीदपुर जिले के रहने वाले थे जो बाद में बंगाल से आकर संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के शहर बनारस में बस गये थे। सचीन दा ने एफ॰ए॰ (इण्टरमीडिएट) की पढ़ाई छोड़कर कुछ क्रान्तिकारी कार्य करने की सोची। इस उद्देश्य से उन्होंने पहले ''सेण्ट्र्ल हेल्थ इम्प्रूविंग सोसाइटी'' बनायी फिर ''सेण्ट्रल हेल्थ यूनियन'' का गठन किया। हेल्थ यूनियन के बैनर तले उन्होंने बनारस के नवयुवकों को संगठित किया और तैराकी की कई प्रतियोगिताएँ आयोजित कीं। 1923 में दिल्ली की स्पेशल काँग्रेस के दौरान वे [[राम प्रसाद 'बिस्मिल'|बिस्मिल]] के सम्पर्क में आये। उसके बाद वे उनकी क्रान्तिकारी पार्टी [[हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन|एच॰आर॰ए॰]] में शामिल हो गये। कुछ दिनों [[झाँसी]] से निकलने वाले एक अखबार का सम्पादन किया।
 
पंक्ति 30:
1937 में [[जेल]] से छूटकर आये तो काँग्रेस पार्टी में शामिल हो गये और पूरी निष्ठा से काम किया। स्वराज्य प्राप्ति के पश्चात् गरीबी में भी हँसते हुए गुजारा किया किसी से कोई शिकायत न की। परन्तु काँग्रेस की आपाधापी और आदर्श-भ्रष्टता से ऊबकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी और जनसंघ में चले गये। जनसंघ के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और [[उत्तर प्रदेश]] [[विधान सभा]] के सदस्य चुने गये।<ref>{{cite book |last1=क्रान्त|first1= |authorlink1= |last2= |first2= |editor1-first= |editor1-last= |editor1-link= |others= |title=स्वाधीनता संग्राम के क्रान्तिकारी साहित्य का इतिहास |url=http://www.worldcat.org/title/svadhinata-sangrama-ke-krantikari-sahitya-ka-itihasa/oclc/271682218 |format= |accessdate=5 दिसम्बर 2013 |edition=1 |series= |volume=1 |date= |year=2006 |month= |origyear= |publisher=प्रवीण प्रकाशन |location=नई दिल्ली |language=Hindi |isbn= 81-7783-119-4|oclc= |doi= |id= |page=239 |pages= |chapter= |chapterurl= |quote= |ref= |bibcode= |laysummary= |laydate= |separator= |postscript= |lastauthoramp=}}</ref>
 
=== शचीन्द्रनाथ बख्शी की पुस्तकें===
शचीन दा ने अपने क्रान्तिकारी संस्मरणों पर आधारित दो पुस्तकें भी लिखीं थीं जो उनके मरने के बाद ही प्रकाशित हो सकीं। दोनों पुस्तकों का विवरण इस प्रकार है:<ref>[http://delhipubliclibrary.in/cgi-bin/koha/opac-search.pl?q=au:%E0%A4%AC%E0%A4%96%E0%A5%8D%E0%A4%B6%E0%A5%80,%20%E0%A4%B6%E0%A4%9A%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%20%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A5 दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी au:बख्शी, शचीन्द्र नाथ]</ref>
* '''क्रान्ति के पथ पर:''' एक क्रान्तिकारी के संस्मरण [[लखनऊ]] लोकहित प्रकाशन [[2005]]
* '''वतन पे मरने वालों का''' [[नई दिल्ली]] ग्लोबल हारमनी पब्लिशर्स [[2009]]
 
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
== इन्हें भी देखें==
* [[काकोरी काण्ड]]
 
 
 
== बाहरी कड़ियाँ==
* [http://gadar.homestead.com/Kakori.html काकोरी ट्रेन डकैती]
* [http://varanasi.nic.in/history/shahid.html#Freedom%20fighters%20of%20Varanasi वाराणसी के स्वतन्त्रता सेनानी]