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'''शारीरिकी''', '''शारीर''' या '''शरीररचना-विज्ञान''' ([[अंग्रेजी]]:Anatomy), [[जीव विज्ञान]] और [[आयुर्विज्ञान]] की एक शाखा है जिसके अंतर्गत किसी जीवित (चल या अचल) वस्तु का विच्छेदन कर, उसके अंग प्रत्यंग की रचना का अध्ययन किया जाता है। अचल में [[वनस्पति]]जगत तथा चल में [[प्राणी]]जगत का समावेश होता है, और वनस्पति और प्राणी के संदर्भ में इसे क्रमश: [[पादप शारीरिकी]] और [[जीव शारीरिकी]] कहा जाता है। जब किसी विशेष प्राणी अथवा वनस्पति की शरीररचना का अध्ययन किया जाता है, तब इसे [[विशेष शारीरिकी]] ([[अंग्रेजी]]:Special Anatomy) अध्ययन कहते हैं। जब किसी प्राणी या वनस्पति की शरीररचना की तुलना किसी दूसरे प्राणी अथवा वनस्पति की शरीररचना से की जाती है उस स्थिति में यह अध्ययन [[तुलनात्मक शारीरिकी]] ([[अंग्रेजी]]:Comparative Anatomy) कहलाता है। जब किसी प्राणी के अंगों की रचना का अध्ययन किया जाता है, तब यह [[आंगिक शारीरिकी]] ([[अंग्रेजी]]:Regional Anatomy) कहलाती है।
 
== परिचय ==
व्यावहारिक या लौकिक दृष्टि से मानव शरीररचना का अध्ययन अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। एक चिकित्सक को शरीररचना का अध्ययन कई दृष्टि से करना होता है, जैसे रूप, स्थिति, आकार एवं अन्य रचनाओं से संबंध।