"लीला": अवतरणों में अंतर
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राम भक्ति साहित्य में परमेश्वर राम की लीलाओं के तीन प्रकार बताए गए हैं - (1) नित्य, (2) अवतरित (3) अनुकरणात्मक।
वैष्णव भक्तों के अनुसार परब्रह्म साकेत धाम में नित्य क्रीड़ा में संलग्न है। यह लीला चिरंतन, शाश्वत
लीलानायक [[राम]] परब्रह्म के साकार रूप है, परंतु एकपत्नीव्रत न रह कर दक्षिण नायक बन जाते हैं। नायिका सीता आह्लादिनी शक्ति है जो इच्छा, ज्ञान, क्रिया इन तीनो शक्तियों का समन्वय है। राम और सीता का संबंध भक्तों के अनुसार पुरुष और प्रकृति का, परब्रह्म और आह्लादिनी शक्ति का है। परिकर जीवात्मा के रूप में स्वीकृत है। राम द्वारा किए गए सारे क्रियाव्यापारों का उनके भक्त जन अनुकरण करते हैं। यह अनुकरणात्मक लीला ही इन दिनों चलित [[रामलीला]] है।
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