"कर्म": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो पूर्णविराम (।) से पूर्व के खाली स्थान को हटाया। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: डॉट (.) के स्थान पर पूर्णविराम (।) और लाघव चिह्न प्रयुक्त किये। |
||
पंक्ति 37:
कर्मेन्द्रियों की कार्य प्रणाली ठीक होनी चाहिए.
परिस्थितियां इन्द्रियां, चित्त भी अनुकूल होने चाहिए इसे दैव कहा है.
परन्तु जन साधरण और प्रबंधन की दृष्टि से इन नियमों को लागू कर उत्तम परिणाम प्राप्त कर सकते
1- शरीर रक्षा आवश्यक है.
2- शरीर को स्वस्थ रखना आवश्यक है.
|