"कलिल": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Milk.jpg|thumbnail|right|250px|[[दूध]] एक तरल [[पायसन|पायसीकृत]] द्रव कलिल है जिसमे [[मक्खन]] की गोलिकायें एक जल-आधारित तरल मे परिक्षेपित रहती
'''कलिल''' या कोलाइड एक रसायनिक मिश्रण होता है जिसमे एक वस्तु दूसरी वस्तु मे समान रूप से परिक्षेपित (फैलती) होती है। परिक्षेपित वस्तु के कण मिश्रण मे केवल निलम्बित रहते है ना कि एक [[विलयन]] की तरह जिसमे यह पूरी तरह घुल जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कलिल मे कणों का आकार विलयन मे उपस्थित कणों के आकार से बडा़ होता है। - यह कण इतने छोटे होते हैं कि मिश्रण मे पूरी तरह परिक्षेपित हो कर एक समरूप मिश्रण तैयार करें, लेकिन इतने बडे़ भी होते हैं कि प्रकाश को प्रकीर्णित करें और ना घुलें। इस परिक्षेपण के चलते कुछ कलिल विलयन जैसे दिखते हैं। एक कलिल प्रणाली की दो पृथक प्रावस्थायें होती हैं: पहली '''परिक्षेपण प्रावस्था''' (या '''आंतरिक प्रावस्था''') और दूसरी '''सतत प्रावस्था''' (या '''परिक्षेपण माध्यम''')। एक कलिल प्रणाली [[ठोस]], [[द्रव]] या [[गैस|गैसीय]] हो सकती है।
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