"ऐरावतेश्वर मंदिर": अवतरणों में अंतर
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'''ऐरावतेश्वर मंदिर''', द्रविड़ वास्तुकला का एक हिंदू मंदिर है जो [[दक्षिण भारत|दक्षिणी भारत]] के [[तमिल नाडु|तमिलनाड़ु]] राज्य में [[कुंभकोणम]] के पास दारासुरम में स्थित
== पौराणिक कथा ==
ऐरावतेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित
कहा जाता है कि मृत्यु के राजा यम ने भी यहाँ शिव की पूजा की थी। परंपरा के अनुसार यम, जो किसी ऋषि के शाप के कारण पूरे शरीर की जलन से पीड़ित थे, ऐरावतेश्वर भगवान द्वारा ठीक कर दिए गए. यम ने पवित्र तालाब में स्नान किया और अपनी जलन से छुटकारा पाया. तब से उस तालाब को ''यमतीर्थम '' के नाम से जाना जाता
== वास्तुकला ==
[[चित्र:Airavateshwarar Darasuram.jpg|thumb|200px|right|Airavateshvarar temple|पवित्र स्थान; सजे रथ के रूप में घोड़ों द्वारा खींचता हुआ]]
[[चित्र:Aira Pillars.jpg|thumb|200px|right|Airavateshvarar temple|खंभे अवधि की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को दर्शाता है]]
यह मंदिर कला और ''स्थापत्य कला'' का भंडार है और इसमें पत्थरों पर शानदार नक्काशी देखने को मिलती
''विमाना'' (स्तंभ) 24 मीटर (80फीट) उंचा
भीतरी आंगन के पूर्व में बेहतरीन नक्काशीदार इमारतों का एक समूह स्थित है जिनमें से एक को ''बलिपीट'' (बलि देने का स्थान) कहा जाता
आंगन के दक्षिण-पश्चिमी कोने में 4 तीर्थ वाला एक ''मंडपम ''
== देवी-देवता ==
{{Double image|right|Horse drawn chariot Darasuram.jpg|100|Chariot spoked wheel Darasuram.jpg|100|Horse-drawn chariot carved onto the ''mandapam'' of Airavatesvarar temple, Darasuram ''(left)''. The chariot and its wheel ''(right)''are so finely sculpted that they include even the faintest details}}
मुख्य देवता की पत्नि पेरिया नायकी अम्मन का एक अलग मंदिर है जो ऐरावतेश्वर मंदिर के उत्तर में स्थित
== मंदिर में शिलालेख ==
इस मंदिर में विभिन्न शिलालेख हैं। इन लेखों में से एक में कुलोतुंगा चोल तृतीय द्वारा मंदिरों का नवीकरण कराए जाने का पता चलता
''बरामदे'' की उत्तरी दीवार पर शिलालेखों के 108 खंड हैं, इनमें से प्रत्येक में ''शिवाचार्या '' (शिव को मानने वाले संत) के नाम, वर्णन व छवियां बनी है जो उनके जीवन की मुख्य घटनाओं को दर्शाती हैं।<ref name="ayyar353"/><ref> देखें चैतन्य, के, पी 40</ref><ref> देखें गीता वासुदेवन, पी 55</ref>
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