"कुक्के सुब्रमण्या मंदिर": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Kukke Subhramanya.JPG|thumb|right|कुक्के सुब्रमण्या मंदिर]]
 
'''कुक्के सुब्रमण्या''' ([[टुलु]]/{{lang-kn|ಕುಕ್ಕೆ ಸುಬ್ರಹ್ಮಣ್ಯ}}) एक [[हिन्दू]] मंदिर है जो भारत के [[कर्नाटक]] राज्य के [[दक्षिणा कन्नड़]] जिले, [[मैंगलोर]] के पास, के [[सुल्लिया]] तालुक के [[सुब्रमण्या]] के एक छोटे से गांव में अवस्थित है.है। यह मंदिर [[भारत]] के प्राचीन तीर्थ स्थानों में से एक है.है। यहां [[भगवान सुब्रमण्या]] की सभी नागों के स्वामी के रूप में पूजा जाता है.है। महाकाव्यों में यह सन्दर्भ आता है कि गरूड़ द्वारा डरने पर परमात्मा सर्प [[वासुकी]] और अन्य सर्प भगवान सुब्रमण्य के तहत सुरक्षा महसूस करते हैं।
 
== मंदिर ==
मंदिर में भगवान् के पवित्र [[दर्शन]] के पहले यात्रियों को [[कुमारधारा नदी]] पार कर और उसमें एक पवित्र स्नान करना पड़ता है.है।
 
भक्त पीछे की तरफ से आंगन में प्रवेश करते हैं और [[मूर्ति]] के सामने जाने से पहले उसकी प्रदक्षिणा करते हैं। वहां गर्भगृह और [[बरामदा]] प्रवेश द्वार के बीच [[गरूड़]] स्तंभ है जो चांदी से ढका हुआ है.है। ऐसा माना जाता है कि स्तंभ में निवास करने वाले [[वासुकी]] के सांस से आ रहे जहर आग प्रवाह से भक्तों को बचाने के लिए इसे आभूषण से मढ़ा और गाड़ा गया था.था। भक्त स्तंभ के चारों ओर खड़े होकर एक वृत बनाते हैं। स्तंभ के आगे एक बाहरी हॉल है और फिर एक अंतरीय हॉल और उसके बाद श्री सुब्रमण्या का गर्भगृह है.है। गर्भगृह के केंद्र में एक आसन है.है। उच्च [[मंच]] पर [[श्री सुब्रमण्या]] की मूर्ति खड़ी है और फिर [[वासुकी]] की मूर्ति और कुछ ही नीचे [[शेषा]] की मूर्ति. इन देवताओं की पूजा प्रतिदिन होती है.है।
<ref>{{cite web
|url=http://www.mangalore.com/documents/subramanya.html
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== सर्प सम्सकारा / सर्पा दोषा ==
 
सर्प सम्सकारा/सर्पा दोषा एक प्रकार की पूजा है जो भक्तों द्वारा सर्प दोषा (विश्वास के अनुसार एक व्यक्ति या तो इस जन्म या उसके पिछले जन्म में सर्प (नागिन) दोषा (शापित) से या तो जानबूझकर या अनजाने में कई तरीके से श्रापित रहता है) से मुक्ति की कामना से किया जाता है.है। जो लोग इस दोष से शापग्रस्त है, उन्हें ज्योतिषियों/ कुंडली लेखकों द्वारा यह पूजा करने की सलाह दी जाती है.है। यह पूजा या तो श्रापित व्यक्ति, अगर वह पुरुष हो और विवाहित हो, कर सकता है या फिर एक पुजारी द्वारा की जा सकती है.है। इसका कारण यह है कि इस पूजा के रिवाज़ श्रारथम (मृत्यु संस्कार) में किए जाने वाले पूजा के समान है.है। सर्प सम्सकारा सेवा भक्तों को यहां दो दिनों तक रहने की जरूरत होती है.है। सर्प सम्सकारा सेवा भक्तों को यहां दो दिनों तक रहने की जरूरत होती है.है। मंदिर देवास्तानाम द्वारा प्रति सेवा केवल चार व्यक्तियों के भोजन की व्यवस्था कथित भक्तों को उपलब्ध कराई जाती है.है।
 
कर्नाटक और केरल के [[तुलु नाडू]] क्षेत्र में नाग देवता में व्यापक आस्था के कारण यह पूजा सभी धर्मों के लोगों द्वारा की जाती है.है।
 
== कैसे पहुंचे ==
बैंगलोर और बंगलूर सड़क के मार्ग से कुक्के सुब्रमण्या पहुंचा जा सकता है.है। इन दो स्थानों से [[KSRTC]] दैनिक रूप से बस का परिचालन करती है.है। सबसे पास का हवाई अड्डा बाजपे हवाईअड्डा है, [[मैंगलोर का अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा]], जो 115 किमी की दूरी पर है.है। मैंगलोर-बैंगलोर रेल मार्ग पर निकटतम रेलवे स्टेशन '''सुब्रमण्य रोड''' ('''SBHR''' ) है जो कुक्के सुब्रमण्य से 7 कि.मी. दूर है.है। मैंगलोर से वहां एक दैनिक यात्री सेवा (ट्रेन नं 061/0652) है.है। ट्रेन सुबह 10:30 पर मैंगलोर से रवाना होती है और सुब्रमण्य रोड रेलवे स्टेशन पर रात 1:00 बजे तक पहुंच जाती है.है। मंदिर तक पहुंचने के लिए यात्री स्थानीय परिवहन(लगभग 20 रुपया प्रति आदमी) पकड़ सकते है जो 15 मिनट का रास्ता है.बैंगलोरहै।बैंगलोर से कुक्के सुब्रमण्या (ट्रेन नंबर: 6517 और 6515) तक ट्रेन सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं।
 
== संदर्भ ==