"जादू (भ्रमजाल/इंद्रजाल)": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
व्युत्पत्ति शास्त्र के अनुसार शब्द "मैजिक" की व्युत्पत्ति लैटिन शब्द ''मैजी'' से हुई है, जिसे पारसियों के लिए प्रयुक्त किया जाता था. आज जिन प्रदर्शनों को हम जादू के नाम से पहचानते हैं वे संभवतः संपूर्ण [[इतिहास]] के दौरान किए जाते रहे हैं.हैं। जिस चतुराई के स्तर का प्रयोग 'ट्रोजन हॉर्स' जैसे प्रसिद्ध प्रचीन छलों को उत्पन्न करने में किया गया था उसी स्तर का उपयोग [[मनोरंजन]] के लिए, या कम से कम [[पैसा|पैसे]] के खेलों में धोखा देने के लिए
अनंत काल से किया जाता रहा है. प्राचीन समय से विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के प्रचारकों द्वारा इनका उपयोग अशिक्षित लोगों को डराकर आज्ञाकारी बनाने या उन्हें अपना अनुयायी बनाने के लिए किया जाता था. हालांकि, ऐंद्रजालिक के पेशे ने अठारहवीं शताब्दी में ही मजबूती प्राप्त की और तब से इसकी कई लोकप्रिय रीतियां प्रचलन में रही हैं.हैं।
 
1584 में, रेजिनोल्ड स्कॉट की ''द डिस्कवरी ऑफ विचक्राफ्ट'' (जादू टोनों की खोज) प्रकाशित हुई थी.थी। इसे यह दिखाकर कि (प्रकटतः चमत्कारी) जादू के इन करतबों को कैसे किया जाता था, यह दिखाने के लिए लिखा गया था कि [[चुड़ैल|चुड़ैलों]] का अस्तित्व नहीं होता था.<ref>{{cite web|author=Name* |url=http://www.illusionist.co.uk/magician-blog/2010/05/10-facts-about-magicians/ |title=10 Facts About Magicians - Andi Gladwin – Close-Up Magician |publisher=Illusionist.co.uk |date= |accessdate=2011-01-02}}</ref> इस पुस्तक को अक्सर जादू पर पहली पाठ्यपुस्तक समझा जाता है. सभी प्राप्य प्रतियों को 1603 में जेम्स प्रथम के पदारोहण के समय जला दिया गया था और जो शेष बचीं वे अब दुर्लभ हैं.हैं। 1651 में फिर से इसका प्रकाशन आरंभ हुआ.
[[चित्र:roberthoudin.jpg|thumb|left|जीन यूजीन रॉबर्ट-हौडीन, प्रथम आधुनिक जादूगर]]
 
1756 से 1781 तक, याकूब फिलाडेल्फिया ने पूरे [[यूरोप]] और [[रूस]] में, कभी-कभी वैज्ञानिक प्रदर्शनियों की आड़ मे, जादू के करतबों का प्रदर्शन किया था. आधुनिक मनोरंजक जादू का अधिक श्रेय मूलतः एक घड़ी निर्माता ज्यां यूजीन रॉबर्ट-हूडिन (1805-1871) को जाता है, जिन्होंने 1840 में [[पैरिस|पेरिस]] में एक जादू थियेटर खोला था. उनकी विशेषता थी यांत्रिक स्वचल प्ररूपों का निर्माण जो इस प्रकार चलते और कार्य करते हुए दिखते थे जैसे जीवित हों. [[संयुक्त राजशाही (ब्रिटेन)|ब्रिटिश]] कलाकार जे.एन.मैस्केलीन और उसके भागीदार कुक ने 1873 में [[लंदन]] के पिकेडिली में अपना स्वयं का थिएटर, ईजिप्शियन हॉल स्थापित किया था. वे छुपे हुए तंत्र और सहायकों तथा दर्शकों के दृष्टिकोण से जो नियंत्रण यह प्रदान करता था, उस मंच की क्षमता का दोहन करते हुए मंचीय जादू प्रस्तुत किया करते थे.थे।
 
एक 'आम' जादूगर का आदर्श स्वरूप- एक लहराते बालों, एक ऊंची टोपी, बकरदाढ़ी और एक लंबे कोट वाला व्यक्ति- थे एलेकजेंडर हरमन (10 फरवरी, 1844 - 17 दिसंबर, 1896) जिन्हें हरमन महान के नाम से भी जाना जाता था. हरमन एक फ्रांसीसी जादूगर थे और “जादू के प्रथम परिवार” हरमन पारिवारिक नाम का हिस्सा थे.थे। जिन्होंने भी हरमन को जादू प्रदर्शन करते हुए देखा था वे मानते थे कि उनके द्वारा देखे गए वे महानतम जादूगर थे.थे।
[[चित्र:Hieronymus Bosch 051.jpg|thumb|250px|हिरोनिमस बॉश द्वारा द कंज्युरर, 1475-1480.कृपया ध्यान दें कि पीछे के कतार में जो आदमी है वह दूसरे आदमी के पर्स की चोरी कर रहा है.वह आसमान में देखकर अपने कार्यों से दर्शकों को गुमराह करने की कोशिश भी कर रहा है.कलाकार ने हमें चोर से भी गुमराह किया क्योंकि हम जादूगर में खोए थे.थे।]]
एस्केपोलॉजिस्ट और जादूगर हैरी हूडिनी ने रॉबर्ट हूडिन के नाम पर अपना मंचीय नाम रखा था, उन्होंने मंच जादू की चालों की एक शृंखला प्रस्तुत की थी जिनमें से कई उनकी मृत्यु के बाद एस्कोपोलॉजी के नाम से जानी गई. हंगरीवासी यहूदी धर्मगुरू के पुत्र हूडिनी वास्तव में ताले खोलने और जकड़जामा से बच निकलने जैसी तकनीकों में कुशल थे, लेकिन जादू की तकनीकों की श्रृंखला का पूरा इस्तेमाल करते थे जिनमें नकली उपकरण और दर्शकों के बीच उनके मिले हुए व्यक्ति शामिल थे.थे। हूडिनी को प्रदर्शन व्यवसाय की बहुत अच्छी समझ के साथ ही उनका प्रदर्शन कौशल भी महान था. स्क्रैंटन, पेन्सिलवेनिया में उनको समर्पित एक हूडिनी संग्रहालय है.
 
 
मनोरंजन के एक स्वरूप के रूप में, जादू आसानी से नाटकीय स्थलों से विशेष टेलीविजन कार्यक्रमों में परिवर्तित हो गया, जिससे छल करने के नए अवसर खुल गए और मंच जादू दर्शकों की विशाल संख्या के सामन पहुंच गया. 20 वीं सदी के प्रसिद्ध जादूगरों में शामिल हैं ओकितो, सिकंदर, हैरी ब्लैकस्टोन सीनियर, हैरी ब्लैकस्टोन जूनियर, हावर्ड थर्स्टन, थिओडोर एनीमैन, कार्डिनी, यूसुफ डनिंगर, दाई वर्नोन, जॉन स्कार्ने, टॉमी वंडर, सिगफ्रायड और रॉय तथा डौग हेनिंग शामिल थे.थे। 20 वीं और 21 वीं सदी के लोकप्रिय जादूगरों में डेविड कॉपरफील्ड, लांस बर्टन, जेम्स रैंडी, पेन और टेलर, डेविड ब्लेन और क्रिस एन्जिल शामिल हैं.हैं। ज्यादातर टीवी जादूगर जीवंत दर्शकों के सामने प्रदर्शन करते हैं, जो दूरस्थ दर्शकों को यह आश्वासन प्रदान करता है कि ये भ्रमजाल निर्माणेतर दृश्य प्रभावों के द्वारा प्राप्त नहीं किए गए हैं.हैं।
 
मंच जादू के सिद्धांतों में से कई पुराने हैं.हैं। किसी चक्कर में डाल देने वाली बात के वर्णन के लिए कहा जाता है, “यह सब धुएं और दर्पण के साथ किया जाता है”, लेकिन इन प्रभावों के लिए आज, संस्थापना कार्य की मात्रा और परिवहम की समस्याओं के कारण शायद ही कभी दर्पणों का उपयोग किया जाता है. उदाहरण के लिए, मंच इंद्रजाल मिर्च का भूत का उपयोग सबसे पहले 19वीं शताब्दी के लंदन में किया गया था जिसके लिए एक विशेष रूप से निर्मित थिएटर की जरूरत पड़ी थी.थी। आधुनिक कलाकारों ने ताज महल, सेट्च्यू ऑफ लिबर्टी और एक अंतरिक्ष यान जैसी बड़ी वस्तुओं को अन्य प्रकार के दृश्य धोखों से गायब किया है.
 
== प्रभाव की श्रेणियां ==
जादूगरों के बीच एक चर्चा होती है कि किसी प्रभाव को कैसे वर्गीकृत किया जाए और इस पर उनमें असहमति है कि वास्तव में किन-किन श्रेणियों का अस्तित्व है- उदाहरण के लिए, कुछ जादूगर “भेदन” को एक अलग श्रेणी मानते हैं, जबकि अन्य “भेदन” को पूर्वावस्था की प्राप्ति या टेलीपोर्टेशन का ही एक रूप मानते हैं.हैं। गाय हॉलिंगवर्थ<ref>होलिंगवर्थ, गाइ. "प्रेरणा के लिए प्रतीक्षा कर रहा है." जेनी पत्रिका. जनवरी 2008-दिसंबर 2008.</ref> और टॉम स्टोन<ref>स्टोन, टॉम. "लोडस्टोंस." जेनी पत्रिका. फ़रवरी 2009 -</ref> जैसे कुछ जादूगरों ने आज, इस विचार को चुनौती देना आरंभ कि दिया है कि सभी जादुई प्रभावों को सीमित संख्या में कुछ श्रेणियों में रखा जा सकता है. श्रेणियों की सीमित संख्या में विश्वास रखने वाले जादूगरों (जैसे डेरियल फिजकी, हरलन तरबेल, एस.एच. शार्प) में इस बात पर असहमति है कि प्रभावों की कितनी श्रेणियां हैं.हैं। इनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं.हैं।
 
* '''निर्माण''' : जादूगर कुछ नहीं से कुछ उत्पन्न करता है-एक खाली टोप में से खरगोश, हवा में से एक ताश का पंखा, एक खाली बाल्टी में से सिक्कों की बौछार, एक बरतन में से कबूतर या जादूगर स्वयं खाली मंच पर धुएं के गुबार में प्रकट होता/होती है- ये सब प्रभाव ''निर्माण'' हैं.हैं।
 
* '''ग़ायब करना''' : जादूगर किसी वस्तु को गायब करता है- एक सिक्का, एक कबूतरों का पिंजरा, एक अकबार से दूध, एक कैबिनेट से एक सहायक, या लिबर्टी की प्रतिमा भी. गायब करना, निर्माण का विपरीत है, एक ही प्रकार की तकनीक का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन उलटी.
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* '''भविष्यवाणी''' : जादूगर दर्शक द्वारा सोचा हुआ, या जाहिरा तौर पर असंभव परिस्थितियों में एक घटना का परिणाम- किसी अखबार के शीर्षक की भविष्यवाणी, दर्शक की जेब में रेजगारी की राशि, एक स्लेट पर बनाई गई तस्वीर के बारे में बता देता है.
 
कई जादुई प्रक्रियाएं प्रभावों के संयोजन का उपयोग करती हैं.हैं। उदाहरण के लिए, "कप और गेंद" में एक जादूगर गायब करने, पैदा करने, दूर प्रेषण या प्रतिस्थापन का एक प्रस्तुति के भाग के रूप में इस्तेमाल कर सकता है.
 
== गोपनीयता ==
{{See also|Intellectual rights to magic methods|Exposure (magic)}}
 
परम्परागत रूप से, जादूगर अपने जादूई कारनामे के लिए इस्तेमाल में आनेवाली युक्तियों के विषय में दर्शकों को बताने से इन्कार कर देते हैं.हैं। इसे राज़ बनाकर रखने के निम्नलिखित कारण हैं:
* कहा जाता है कि युक्ति को उजागर करने से जादू खत्म हो जाता है और यह मात्र बौद्धिक पहेली या पेचीदा समस्या बन कर रह जाती है. {{Citation needed|date=December 2009}} इस बात का तर्क दिया जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को इस युक्ति का राज़ बता दिया जाए तो वह अगले जादूई प्रदर्शन का पूरा आनंद नहीं उठा पाएगा क्योंकि उसमें विस्मय और रोमांच नहीं बचेगा.{{Citation needed|date=December 2009}} कभी-कभी जादू का राज़ इतना सामान्य होता है कि अगर पता चल जाए कि यह इतना आसान है तो दर्शक इसे महत्वहीन मानते हैं और निराश हो जाते हैं.हैं।{{Citation needed|date=December 2009}}
* जादू के राज़ को राज़ बनाए रखना जादूगर के व्यवसाय का रहस्य-रोमांच बनाए रखता है.
 
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एक बार शपथ लेने के बाद व्यक्ति को जादूगर मान लिया जाता है और उससे इस वादे को निभाने की आशा की जाती है. जो जादूगर किसी कारणवश इस राज़ को दूसरों को बता देता है या जिससे भूलवश यह राज़ उजागर हो जाता है उसे दूसरे जादूगर कोई अन्य जादू सिखाना नहीं चाहते.
 
फिर भी जो व्यक्ति जादू सीखना और जादूगर बनना चाहता है उसके सामने जादू के पीछे का रहस्य बताया जा सकता है. यह पूर्णत: क्रमिक प्रक्रिया है जिसमें पहले साधारण और सामान्य जादू और फिर धीरे-धीरे पहले से अधिक महत्वपूर्ण और कम ज्ञात जादूई कारनामे सिखाए जाते हैं.हैं। लगभग सभी जादूई कारनामों के राज़ जनता को जादू के विषय पर आधारित अनेक किताबों और पत्रिकाओं में में मिल सकते हैं जो विशिष्ट जादूई सामग्री विक्रेताओं के पास उपलब्ध हो सकते हैं.हैं। कई वेबसाइट पर भी जादूई कारनामे और इसके पीछे के रहस्यों के वीडियो, डीवीडी छवियां और निर्देश सामग्रियां उपलब्ध होते हैं.हैं। इस प्रकार, बहुत कम जादूई करतब के रहस्य अज्ञात हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि लोगों में जादू के प्रति आकर्षण कम हो गया है. इसके अतिरिक्त, जादू एक जीवंत कला है और नए-नए करतब सामने आते रहते हैं जिससे इसका आकर्षण सतत कायम रहता है. कभी-कभी कुछ नए करतब किसी ऐसे पुराने करतब से प्रेरित होते हैं जो अब प्रसिद्ध नहीं रहे.
 
कुछ जादूगर इस स्थिति में आ जाते हैं कि कुछ जादूई करतबों का राज़ बता देते हैं और इस प्रकार वे जादू या हाथ की सफाई की चतुराई को प्रकट कर इसको और अधिक लोकप्रिय बनाते हैं.हैं। पैन और टेलर प्राय: इस बात का खुलासा करते रहते हैं कि वे किस प्रकार जादू का खेल दिखाते हैं, उदाहरण के लिए – यद्यपि वे लगभग हर बार कुछ नए कारनामे करते हैं, अंत में वे बताते हैं कि उन्होंने यह काम किस तरह किया.किया।
 
प्राय: जादूई करतबों का रहस्योदघाटन मात्र दूसरे प्रकार से दिग्भ्रमित करना ही होता है. उदाहरण के लिए – जादूगर एक दर्शक को समझाते हैं कि लिंकिंग रिंग (जोड़ने वाले छल्ले) में एक छेद है और अपने सहायकों को दो अनलिंक (बिना जुड़े हुए) रिंग देते हैं और उनके सहायक पाते हैं कि जैसे ही जादूगर इसे हाथ लगाते हैं, ये जुड़ जाते हैं.हैं। यहां पर जादूगर रिंग में बलपूर्वक अपना हाथ घुसाते हैं और दावा करते हैं – देखा? एक बार आप समझ लें कि सभी रिंग में छेद है तो यह करतब आसान लगता है!"
 
== सन्दर्भ ==
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| publisher = The International Brotherhood of Magicians
|date=November 2000}}</ref>
जादू सिखाना किसी समय एक गोपनीय कार्य हुआ करता था.{{Citation needed|date=March 2009}} समाज को या आम जनता को जादू के राज़ जानने से रोकने के लिये पेशेवर{{Citation needed|date=March 2009}} जादूगर ऐसे किसी भी व्यक्ति को अपना ज्ञान नहीं बांटना चाहते थे जो इस पेशे में नहीं हो. इससे प्राय: किसी ऐसे इच्छुक प्रशिक्षु को जादू की आधारभूत बातें सीखने में मुश्किलें आती हैं.हैं। स्थापित जादूगरों के अतिरिक्त अन्य जादूगरों के लिए जादू के रहस्य दूसरों पर उजागर करने से निषेध संबंधी सख्त नियम हैं.हैं।
184 से रेजिनॉल्ड स्कॉट की पुस्तक ''डिस्कवरी ऑफ विचक्राफ्ट'' का प्रकाशन 19वीं शताब्दी के अंत तक होता रहा, लेकिन तब जादूगरों को इस कला को सीखने के लिए मात्र कुछ पुस्तकें उपलब्ध थीं, जबकि आज बाजार में इससे संबंधित अनेकों पुस्तकें उपलब्ध हैं.हैं। वीडियो और डीवीडी शिक्षा के नए माध्यम हैं, लेकिन इन रूपों में उपलब्ध जादूई तरीकों में से अनेक पहले की किताबों से लिए गए हैं.हैं। फिर भी, उनमें दृश्य माध्यम में प्रदर्शन और व्याख्या होते हैं.हैं।
 
जो व्यक्ति जादू सीखने के इच्छुक हैं वे मैजिक क्लब ज्वाइन कर सकते हैं.हैं। यहां अनुभवी और नौसीखिये दोनों तरह के जादूगर एक साथ काम कर सकते हैं और नए तकनीक सिखाकर, जादू के सभी पहलुओं पर चर्चा और एक-दूसरे के लिए जादू का प्रदर्शन करके – एक-दूसरे को परामर्श, प्रोत्साहन देकर या आलोचना कर परस्पर विकास में सहयोग कर सकते हैं.हैं। किसी जादूगर को ऐसा कोई क्लब ज्वाइन करने से पहले सामान्यत: अपने जादू का परीक्षणात्मक प्रदर्शन करना पड़ता है. इस परीक्षा का उद्देश्य ये सुनिश्चित करना होता है कि इच्छुक व्यक्ति वास्तव में एक जादूगर है, ना कि सड़क चलता कोई सामान्य व्यक्ति जो कि जादू के राज़ जानना चाहता है.
 
दुनिया में जादू से संबद्ध सबसे बड़े संगठन का नाम है – इंटरनेशनल ब्रदरहुड ऑफ मैजिशियन; यह एक मासिक पत्रिका – ''द लिंकिंग रिंग'' का प्रकाशन करती है. इस क्षेत्र का सबसे पुराना संगठन है – द सोसायटी ऑफ अमेरिकन मैजिशियन्स जिसके एक सदस्य हौदिनी भी थे, जो कई वर्षों तक इसके अध्यक्ष भी रहे. [[इंग्लैंड]] के [[लंदन]] में द मैजिक सर्कल है जिसमें यूरोप की सबसे बड़ी जादू संबंधी पुस्तकालय है. इसमें सायक्रेट्स – [http://www.psycrets.org.uk द ब्रिटिश सोसायटी ऑफ मिस्टरी एंटरटेनर्स] भी है, जो विशेष रूप से चिंतकों, अध्येताओं, कहानीकारों, पाठकों, आध्यात्मिक साधकों और दूसरे जादूगरों के समक्ष प्रदर्शन करता है. [[हॉलीवुड]] में मैजिक कैसल जादुई कला अकादमी का घर है.
 
== जादू प्रदर्शन के प्रकार ==
जादुई प्रदर्शन कुछ विशिष्टताओं या शैलियों में आते हैं.हैं।
[[चित्र:Mind-reading-Russell-Morgan.jpeg|thumb|मंच पर एक मेंटलिस्ट मन पढ़ने का प्रदर्शन कर रहा है, 1900]]
[[चित्र:Magicianatparty.jpg|thumb|एक जन्मदिन की पार्टी के दर्शकों के लिए "बच्चों का जादू" प्रदर्शन कर रहा एक शौकिया जादूगर]]
* '''मंच जादू''' (भ्रम) का प्रदर्शन विशाल दर्शकों के सामने आमतौर पर एक सभागार के अन्दर किया जाता है. इस तरह के जादू को बड़े पैमाने पर रंगमंच की सामग्री, सहायकों के प्रयोग और प्राय: विदेशी जानवरों जैसे कि हाथी और बाघ के प्रयोग द्वारा अलग पहचाना जाता है. अतीत और वर्तमान के कुछ प्रसिद्द जादूगरों में: हैरी ब्लैकस्टोन, एस आर हावर्ड थर्स्टन, चूंग लिंग सू, डेविड कॉपरफील्ड, सेगफ्रायड और रॉय और हैरी ब्लैकस्टोन, जूनियर शामिल हैं.हैं।
* '''प्लेटफार्म जादू''' (जिसे '''कैबरे जादू''' या '''स्टैंड अप जादू''' के रूप में भी जाना जाता है) का प्रदर्शन मध्यम से विशाल दर्शकों के लिए किया जाता है. नाइट क्लब जादू और कॉमेडी क्लब जादू भी इस शैली के उदाहरण हैं.हैं। इसमें जादू दिखाने की सामग्रियों (छोटा टेबलटाप जादू) का उपयोग आम है. शब्द '''पार्लर जादू''' का कभी कभी प्रयोग किया जाता है लेकिन कुछ लोगों द्वारा इसे अपमानजनक समझा जाता है. इस शैली बिलियर्ड गेंदों, ताश के पंखों, कबूतरों, खरगोशों, रेशम और रस्सी के रूप में सहायक सामग्री के कुशल हेरफेर शामिल हैं.हैं। ऐसे जादूगरों के उदाहरणों में जेफ मैकब्राइड, पेन एंड टेलर, डेविड एबॉट, चेंनिंग पोलक, ब्लैक हरमन और फ्रेड कैप्स शामिल हैं.हैं।
* '''सूक्ष्म जादू''' (जिसे '''निकट का जादू''' या '''टेबल जादू''' के रूप में भी जाना जाता हैं) का प्रदर्शन जादूगर के पास के दर्शकों के साथ किया जाता है, कभी - कभी एक के लिए एक भी. इसमें आमतौर पर सहायक सामग्री के रूप में रोजमर्रा की वस्तुओं, जैसे कि ताश (ताश का हेरफेर देखें), सिक्के (सिक्के का जादू देखें) और जाहिरा तौर पर 'तात्कालिक' प्रभाव का उपयोग किया जाता है. इसे "तालिका (टेबल)जादू" कहा जा सकता है, विशेषकर तब जब रात के खाने के दौरान मनोरंजन के रूप में प्रदर्शन किया जाता है. दाई वेरनॉन, स्लाईदिनी और मैक्स मालिनी की परंपरा में अनुसरण करने वाले रिकी जे और ली आशेर, को नजदीकी जादू के कलाकारों में सबसे आगे माना जाता है.
* '''अदृश्य हो जाने का विज्ञान''' जादू की वह शाखा है जो कि कारावास या प्रतिरोध से गायब हो जाने से संबंधित है. हैरी हूडिनी ''अदृश्य कलाकार'' या ''अदृश्य जादूगर'' का एक प्रसिद्ध उदाहरण है.
* '''बौद्धिकता (मेंटालिज्म)''' दर्शकों के मन में यह प्रभाव उत्पन्न करता है कि कलाकार के पास विशेष शक्तियां होती है, जिसके मध्यम से वह विचारों को पढ़ सकता है, घटनाओं की भविष्यवाणी कर सकता है, दूसरे के मन को नियंत्रित कर सकता है और इसी तरह के अन्य कारनामें दिखा सकता है. इसे एक मंच पर, एक कैबरे सेटिंग में, छोटे निकट समूहों के सामने, या एक दर्शक के लिए भी प्रस्तुत किया जा सकता है. अतीत और वर्तमान के कुछ प्रसिद्ध बौद्धिक जादूगरों में अलेक्जेंडर, ज़ैन्सिग्स, एक्सल हेलस्ट्रोम, डनिंगर, क्रेस्किन, डेरेन ब्राउन, गाय बावली और बनाचेक शामिल है.
* '''नाटकीय दृश्य''' नाटकीय प्रभाव के लिए आध्यात्मिक या प्रेत-माध्यम वाली अद्भुत घटनाएओं की नकल करते हैं.हैं। अनकों बार वास्तव में आत्माओं के साथ संपर्क में होने का नाटक कर के मंच जादू की इस शैली का दुरूपयोग किया गया है.
* '''बच्चों का जादू''' मुख्य रूप से बाल दर्शकों के लिए किया जाता है. यह आमतौर पर जन्मदिन पार्टियों, स्कूल-पूर्व, प्राथमिक विद्यालयों, रविवार स्कूल या पुस्तकालयों में किया जाता है. इस प्रकार का जादू आमतौर पर प्रकृति में हास्यकर होता है जिसमें दर्शकों के साथ बातचीत और स्वयंसेवक सहायक शामिल होते है.
* '''ऑनलाइन जादू के करतब''' एक कंप्यूटर स्क्रीन पर कार्य करने के लिए डिजाइन किए गए थे.थे। कंप्यूटर ने मूलतः जादूगर की जगह ले ली है. कुछ ऑनलाइन जादू के करतब परंपरागत ताश की चालों की पुलःरचना करते हैं जिनमें प्रयोक्ता की भागीदारी की आवश्यकता होती है, जबकि प्लेटो के शापित त्रिभुज की तरह अन्य, गणितीय, ज्यामितीय और / या ऑप्टिकल भ्रम पर आधारित होते हैं.हैं। ऐसा ही एक ऑनलाइन जादू का खेल है, जिसे [http://www.realmagic.net/dp/1-1.htm एस्मेरल्दा की क्रिस्टल बॉल] कहा जाता है, यह एक वायरल घटना है जिसने अनके कंप्यूटर प्रयोक्ताओं को मूर्ख बनाया है कि उनके कंप्यूटर में अलौकिक शक्तियां थी, स्नोपेस ने एक पृष्ठ [http://www.snopes.com/humor/iftrue/psychic.asp चाल का पर्दाफाश] करने के लिए समर्पित किया था.
* '''गणितीय जादू''' मंच जादू की वह शैली हैं जिसमें [[गणित]] के साथ जादू का संयोजन भी होता है. इसे आम तौर पर बाल जादूगर और मेंटालिस्ट के द्वारा प्रयोग में लाया जाता हैं.हैं।
* '''कॉर्पोरेट जादू''' या '''व्यापार शो जादू''' का प्रयोग संचार और बिक्री उपकरण के रूप में किया जाता है, बनिस्पत केवल सरल मनोरंजन करने के. कॉर्पोरेट जादूगर एक व्यावसायिक पृष्ठभूमि से सम्बन्ध रखता हैं और आमतौर पर बैठकों, सम्मेलनों और उत्पाद के विमोचन के समय उपस्थित रहता हैं.हैं। वे कार्यशालों का आयोजन करते हैं और कभी- कभी व्यापार-प्रदर्शनी में भी दिख जाते हैं, जहाँ उनकी गपशप और जादू कॉर्पोरेट प्रायोजकों द्वारा प्रस्तुत किये जा रहे उत्पादों के प्रस्तुतीकरण को मनोरंजक बनाने का कार्य करता हैं.हैं। इस क्षेत्र के विशेषज्ञ कलाकारों में शामिल हैं एडी टूलोक<ref name="Herz1991">पॉल हैरिस के साथ बिल हेर्ज़. ''आश्चर्यजनक प्रबंधकर्ता के रहस्य'' (न्यूयॉर्क, एनवाई: एवोन पुस्तकें, 1991).</ref> और गाय बावली.<ref>{{cite web|url=http://www.all-about-magicians.com/guy-bavli.html |title=Guy Bavli - Biography |publisher=All About Magicians.com |date= |accessdate=2011-01-02}}</ref><ref>http://www.masterofthemind.com/press/Guy%20Bavli%20-%20dream-team%20IBC%20Award-PR2000.pdf</ref>
* '''सुसमाचार जादू''' का उपयोग जिरह और प्रचार करने के लिए किया जाता हैं.हैं। सबसे पहले 19 वीं सदी में [[टोरीनो|ट्यूरिन]], [[इटली]] में संत डॉन बोस्को द्वारा बच्चों को स्कूल ले जाने और वापस लाने, सहायता स्वीकार करने और चर्च में भाग लेने के लिए गौस्पल मैजिक का उपयोग किया गया था.
* '''सड़क वाला जादू''' सड़क पर प्रदर्शन या आनन्द उठाना, जिसमें विशिष्ट प्रकार का मंच जादू, मंच और क्लोज अप जादू शामिल होता है, आमतौर पर 'गोलाकार स्थिति' में या दर्शकों से घिरे रूप में प्रदर्शित किया जाता है. उल्लेखनीय है कि आधुनिक सड़क जादू कलाकारों में जेफ शेरिदन और गज्जो शामिल हैं.हैं। सबसे पहले डेविड ब्लेन के टीवी पर सन 1997 में विशेष ''सड़क जादू'' प्रसारित होने के बाद "सड़क जादू" ने छापामार प्रदर्शन की भी व्याख्या की जिसमें जादूगर सड़क पर पहले से न सोचे गये लोगों के पास जाकर जादू दिखलाता था. परंपरागत सड़क जादू के विपरीत, यह शैली लगभग पूरी तरह से टीवी के लिए बनाई गई थी और जनता की प्रचंड प्रतिक्रियाओं के कारण यह लोकप्रिय हो गई. इस प्रकार के जादूगर में डेविड ब्लेन और साइरिल तकायामा शामिल हैं.हैं।
* '''विचित्र''' जादू रहस्यमय, डरावने, काल्पनिक और इसी तरह के अन्य विषयों का उपयोग अपने प्रदर्शन में करता है. विचित्र जादू को आमतौर पर एक क्लोज अप स्थल में प्रदर्शित किया जाता है, हालांकि कुछ कलाकारों ने इसे प्रभावी ढंग से एक मंच से प्रस्तुत किया है. चार्ल्स कैमरून को आम तौर पर "विचित्र जादू का गॉडफादर" माना गया है. टोनी एंड्रूजी जैसे अन्य कलाकारों ने इसके विकास में काफी योगदान दिया है.
* '''सदमा जादू''' जादू की एक शैली है जो दर्शकों को झटके देती है. कभी-कभी इस जादू की शैली को "गीक जादू" के नाम से संबोधित किया जाता है, इस शैली की जड़ें सर्कस से जुडी हुई हैं, जिसमे दर्शकों को 'अजीब' प्रदर्शन दिखलाया जाता था. आम तौर पर सदमा जादू या गीक जादू प्रभाव में रेज़र -ब्लेड को खाना, हाथ से सुई आर-पार करना, गर्दन के आर-पार रस्सी और कलम को जीभ के आर-पार करना शामिल हैं.हैं।
 
== जादू का दुरूपयोग ==
 
कुछ आधुनिक जादूगरों का कथन हैं कि ऐसा प्रदर्शन जो कि एक चतुर और कुशल धोखे के आलावा कुछ भी होने का दावा करता हैं, वह अनैतिक है. उदाहरण के लिए, कलाकार जेमी इयान स्विस, स्वयं को एक "ईमानदार झूठे" के रूप में स्वीकार करते हैं.हैं।<ref>वॉशिंगटन पोस्ट</ref> सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि कई कलाकारों का कहना है कि थिएटर के एक रूप में किसी नाटक या फ़िल्म की तुलना में अधिक त्याग करने की जरूरत नहीं हैं.हैं। यह दृष्टिकोण जादूगर और मेंटालिस्ट यूसुफ दुन्निंगर के शब्दों में स्पष्ट परिलक्षित होता है "उन लोगों के लिए जो विश्वास करते हैं, उनके लिए कोई स्पष्टीकरण आवश्यक नहीं है, जो लोग विश्वास नहीं करते हैं उनके लिए, कोई स्पष्टीकरण पर्याप्त नहीं होगा "<ref>{{cite web|url=http://www.memorable-quotes.com/joseph+dunninger,a4219.html |title=Memorable-Quotes.com |publisher=Memorable-Quotes.com |date= |accessdate=2011-01-02}}</ref>
 
इन जाहिर तौर पर कट्टर विरोधी वैचारिक मतभेदों ने कलाकारों के बीच कुछ को प्रश्रय देने का कार्य किया है. उदाहरण के लिए, तीस साल से अधिक के बेहद सफल जादूगर उड़ी गेलर ने 1970 में टेलीविजन पर अपने पहले चम्मच मोड़ने के मानसिक सामर्थ्य का प्रदर्शन किया, उनके इस कार्य ने कुछ जादूगरों के मध्य विवाद भड़काने का कार्य किया, क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि वह अपने प्रदर्शनों में हाथ की सफाई नहीं दिखाते थे.थे। दूसरी ओर, जबकि गेलर ने एक और प्रदर्शन के दौरान चम्मच मोड़ने का कारनामा किया, तो उनपर डूनिन्गर का कथन सटीक बैठता हैं
 
प्रदर्शन के निर्धारित स्थानों के बाहर हाथ की सफाई दिखाने वाले कुछ लोग व्यक्तिगत लाभ के लिए भ्रामक तकनीकों का सहारा भी लेते हैं, जिसमें से कुछ विवादित भी होते हैं.हैं।
 
कुछ लोग लोकधारणाओं का फायदा उठाकर लंबे समय से असामान्य घटनाओं को आधार बनाकर समस्याग्रस्त लोगों को वित्तीय लाभ के लिए अंधविश्वासपूर्ण माध्यम से अपने जाल में फंसाते रहे हैं.हैं। 1840 के दशक से 1920 के दशक तक, आध्यात्मिक धार्मिक आन्दोलन की सर्वाधिक लोकप्रियता एवं प्रेतात्मा संवाद में लोगों की सर्वाधिक रुचि वाली अवधि के दौरान कई अंधविश्वासपूर्ण या तांत्रिक तरीके उपयोग में लाए जाते थे जैसे – मेज ठोकना, स्लेट पर लिखना और टेलीकाइनेटिक प्रभावों का प्रयोग, जो भूतों या आत्माओं के कार्य बताए जाते थे.थे। महान जादूगर हैरी हौदिनी अपना अधिकतर समय ऐसे छली तांत्रिकों और जादूगरों के कपटपूर्ण तरीकों का खुलासा करने में लगाते थे.थे।<ref>हैरी हौडिनी. आत्माओं में से एक जादूगर (न्यूयॉर्क: हार्पर और ब्रदर्स, 1924)</ref> जादूगर जैम्स रैंडी और चिंतक डैरेन ब्राउन भी अपना काफी समय असामान्य, रहस्यात्मक और [[पराप्राकृतिक|अलौकिक]] घटनाओं के दावों का पता लगाने में लगाते थे.थे।<ref>{{cite web | last =Randi | first =James | coauthors = | date = February 9, 2007 | url =http://www.randi.org/jr/2007-02/020209morebrowne.html#i6 | title = More Geller Woo-Woo | work = SWIFT Newsletter | publisher = [[James Randi Educational Foundation]] | accessdate = January 29, 2007}}</ref><ref>एमआईटी (MIT) मीडिया लैब: उत्तेजित कम्प्यूटिंग समूह द्वारा [http://affect.media.mit.edu/milliondollarchallenge/ वन-मिलियन-डॉलर चैलेंज]</ref>
 
झाड़-फूंक करने वाले तांत्रिक हाथ की सफाई दिखाकर मरीज के पेट से ट्यूमर निकालने का दावा करते थे, जबकि वास्तव में ये ट्यूमर की जगह मुर्गियों के पेट के अंग होते थे.थे।<ref>{{cite web |publisher= The Skeptic's Dictionary |url= http://skepdic.com/psurgery.html |title= Psychic 'surgery' |author= Robert T. Carroll |date= 2009=02-23 |accessdate= 2010-19-08 }}</ref>
 
ठग लोग भी जादू के तरीकों का उपयोग अपने छलपूर्ण उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कर सकते हैं.हैं। ताश के खेल में चालबाजी इसका ज्वलंत उदाहरण है और इसमें कुछ आश्चर्य नहीं है कि जादूगरों के लिए कार्ड की तकनीक की सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुस्तकों में से एक – ''द एक्सपर्ट एट द कार्ड टेबल'', जो एर्डनेज ने लिखी है, प्राथमिक रूप से कार्ड के खेल में धोखाधड़ी करने के तरीके बताने के लिए लिखी गई थी.थी। कार्ड ट्रिक जिसे फाइन्ड द लेडी या थ्री कार्ड मोन्टे के नाम से जाना जाता है, पहले सड़क पर बैठकर कार्ड खेलने वालों की पसंद हुआ करती थी जो कार्ड मिलाने की तकनीक जानते थे और लोगों को कार्ड को पहचान लेने की शर्त का आसान प्रलोभन देते थे, वे कार्ड इस प्रकार मिलाते थे कि प्रत्येक तीन उल्टे पत्तों में से एक बेगम होती थी.थी। दूसरा उदाहरण शैल गेम है जिसमें एक मटर को अखरोट के तीन छिलकों में से एक में छिपाया जाता है और तब टेबल के चारों तरफ इस तरह धीरे धीरे घूमा जाता है कि मटर किसमें है, यह अच्छी तरह समझ में आ जाए. हालांकि यह सर्वविदित धोखाधड़ी है, फिर भी लोग इस पर दांव लगाकर अपने पैसे लुटाते हैं, लॉस एंजेल्स में अभी हाल में दिसंबर 2009 में एक शैल गेम रिंग का भंडाफोड़ हुआ है.<ref>एंड्रयू ब्लैंकेंस्टाइन. "8 अरेस्टेड इन डाउनटाउन शेल-गेम ऑपरेशन," लॉस एंजिल्स टाइम्स, 10 दिसंबर 2009.</ref>
 
== शोध जादू ==
 
जादू के रहस्यात्मक प्रकृति के कारण कई बार शोध चुनौतिपूर्ण हो जाती है.<ref>जादू और जादूगर http://guides.slv.vic.gov.au/magic</ref> जादू संबंधी कई संसाधन निजी हाथों में होते हैं और अधिकांश पुस्तकालयों में बहुत कम किताबें होती हैं.हैं। फिर भी कई संगठन स्वतंत्र संग्रहणकर्ताओं, लेखकों और शोधकर्ताओं को परस्पर संपर्क में रखते हैं.हैं। इन संगठनों में मैजिक कॉलेक्टर्स एसोसिएशन भी है [http://www.magicana.com/mca/ ], जो एक त्रैमासिक पत्रिका प्रकाशित करता है और एक वार्षिक समारोह आयोजित करता है; और कंजूरिंग आर्ट्स रिसर्च सेंटर [http://conjuringarts.org/ ], जो एक मासिक न्यूजलेटर और द्विवार्षिक पत्रिका का प्रकाशन करता है और अपने सदस्यों को दुर्लभ पुस्तकों और पेरिऑडिकल्स का सर्चेबल डेटाबेस उपलब्ध कराता है.
 
जादू के प्रदर्शन का इतिहास 19वीं से 20वीं सदी के मध्य लोकप्रिय रोजगारों में से एक रहा था. कई प्रदर्शन और कई जादूगर उस समय के [http://guides.slv.vic.gov.au/content.php?pid=83646&amp;sid=620815#1981235 समाचारपत्रों] में दिए हुए जादू से प्रेरित होते हैं.हैं।
 
जादू की युक्तियों पर कई पुस्तकें लिखी गई हैं, हर वर्ष कई किताबें लिखी जाती हैं, कम से कम एक लेखक का कहना है कि किसी भी अन्य प्रदर्शन कला की तुलना में जादू से संबंधित पुस्तकें अधिक लिखी जाती हैं.हैं।<ref>बार्ट किंग, पॉकेट गाइड टू मैजिक, गिब्स स्मिथ, 2009</ref> हालांकि इन किताबों के ढेर पुस्तकालयों की आलमारियों में देखने को नहीं मिलते, छात्र इसे विभिन्न जादू संबंधी पुस्तकें रखनेवाले कुछ विशिष्ट स्टोरों से खरीद सकते हैं.हैं।
 
जादू विषयक विभिन्न उल्लेखनीय सार्वजनिक शोध के कलेक्शन हैं स्टेट लाइब्रेरी ऑफ विक्टोरिया में ''[http://guides.slv.vic.gov.au/magic डबल्यूजी अल्मा कंजूरिंग कलेक्शन]'' ; स्टेट लाइब्रेरी ऑफ एनएसडबल्यू में ''[http://www.sl.nsw.gov.au/about/collections/rare_books/special.html आर.बी.रॉबिंन्स कलेक्शन ऑफ स्टेट मैजिक एंड कंजूरिंग]'', ब्राउन यूनिवर्सिटी में ''[http://www.brown.edu/Facilities/University_Library/libs/hay/collections/index.htm#magic एच.आद्रियन स्मिथ कलेक्शन ऑफ मैजिकाना]'' और 1870-1948 पर प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में ''[http://arks.princeton.edu/ark:/88435/dr26xx43t कार्ल डबल्यू जॉन्स मैजिक कलेक्शन]'' .