"शीतयुद्ध": अवतरणों में अंतर
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अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
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===शीत युद्ध के विकास का तीसरा चरण===
1962 में [[क्यूबा संकट]] के बाद शीत युद्ध के वातावरण में कुछ नरमी आई और दोनों गुटों के मध्य व्याप्त तनाव की भावना सौहार्दपूर्ण व मित्रता की भावना में बदलने के आसार दिखाई देने लग गए। इससे दोनों देशों के मध्य मधुर सम्बन्धों की शुरुआत होने के लक्षण प्रकट होने लगे। इस नरमी या तनाव में कमी को ''''दितान्त'''' (Détente) या 'तनावशैथिल्य' की संज्ञा दी जाती है।
दितान्त ने शीतयुद्ध से उत्पन्न पुराने अंतरराष्ट्रीय सम्बन्धों का परिदृश्य बदलने लगा और विश्व में शांतिपूर्ण वातावरण का जन्म हुआ। इससे [[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की भूमिका में भी वृद्धि हुई और [[परमाणु युद्ध]] के आतंक से छुटकारा मिला।
'''{{मुख्य|तनावशैथिल्य
===शीत युद्ध के विकास का अन्तिम काल===
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