"सामाजिक मीडिया": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो विराम चिह्न की स्थिति सुधारी। |
Sanjeev bot (वार्ता | योगदान) छो बॉट: अंगराग परिवर्तन। |
||
पंक्ति 11:
* आभासी सामाजिक दुनिया (जैसे सेकंड लाइफ)<ref>शी, जहाँ ; रुई, हुवाक्सिया ; व्हिंस्तों, एंड्रू बी. (फोर्थ कमिंग). "कंटेंट शेयरिंग इन अ सोशल ब्रॉड कास्टिंग एनवायरनमेंट एविडेंस फ्रॉम ट्विटर". मिस क्वार्टरली</ref>
== विशेषता ==
सामाजिक मीडिया अन्य पारंपरिक तथा सामाजिक तरीकों से कई प्रकार से एकदम अलग है। इसमें पहुँच, आवृत्ति, प्रयोज्य, ताजगी, और स्थायित्व आदि तत्व शामिल हैं। इन्टरनेट के प्रयोग से कई प्रकार के प्रभाव होते हैं। निएलसन के अनुसार ‘इन्टरनेट प्रयोक्ता अन्य साइट्स की अपेक्षा सामाजिक मीडिया साइट्स पर ज्यादा समय व्यतीत करते हैं’।
दुनिया में दो तरह की सिविलाइजेशन का दौर शुरू हो चुका है, वर्चुअल और फिजीकल सिविलाइजेशन। आने वाले समय में जल्द ही दुनिया की आबादी से दो-तीन गुना अधिक आबादी अंतर्जाल पर होगी। दरअसल, अंतर्जाल एक ऐसी टेक्नोलाजी के रूप में हमारे सामने आया है, जो उपयोग के लिए सबको उपलब्ध है और सर्वहिताय है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स संचार व सूचना का सशक्त जरिया हैं, जिनके माध्यम से लोग अपनी बात बिना किसी रोक-टोक के रख पाते हैं। यही से सामाजिक मीडिया का स्वरूप विकसित हुआ है।<ref>जनसंदेश टाइम्स,5 जनवरी 2014,पृष्ठ संख्या:1 (पत्रिका ए टू ज़ेड लाइव),शीर्षक:आम आदमी की नई ताक़त बना सोशल मीडिया,लेखक: रवीन्द्र प्रभात</ref>
== व्यापारिक उपयोग ==
जन सामान्य तक पहुँच होने के कारण सामाजिक मीडिया को लोगों तक विज्ञापन पहुँचाने के सबसे अच्छा जरिया समझा जाता है। हाल ही के कुछ एक सालो में इंडस्ट्री में ऐसी क्रांति देखी जा रही है।
[[फेसबुक]] जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपभोक्ताओं का वर्गीकरण विभिन्न मानकों के अनुसार किया जाता है जिसमें उनकी आयु, रूचि, लिंग, गतिविधियों आदि को ध्यान में रखते हुए उसके अनुरूप विज्ञापन दिखाए जाते हैं। इस विज्ञापन के सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त हो रहे हैं साथ ही साथ आलोचना भी की जा रही है।<ref>{{cite web|url=http://supramind.com/ways-to-improve-interaction-with-customers-on-facebook/ |title=फेसबुक पर ग्राहकों के साथ बातचीत के तरीको में सुधार |publisher= क्लियरट्रिप डॉट कॉम |date= २७ जनवरी २०१४|accessdate= १९ फरबरी २०१४}}</ref>
== समालोचना==
सामाजिक मीडिया की समालोचना विभिन्न प्लेटफार्म के अनुप्रयोग में आसानी, उनकी क्षमता, उपलब्ध जानकारी की विश्वसनीयता के आधार पर होती रही है। हालाँकि कुछ प्लेटफॉर्म्स अपने उपभोक्ताओं को एक प्लेटफॉर्म्स से दुसरे प्लेटफॉर्म्स के बीच संवाद करने की सुविधा प्रदान करते हैं पर कई प्लेटफॉर्म्स अपने उपभोक्ताओं को ऐसी सुविधा प्रदान नहीं करते हैं जिससे की वे आलोचना का केंद्र विन्दु बनते रहे हैं।
वहीँ बढती जा रही सामाजिक मीडिया साइट्स के कई सारे नुकसान भी हैं। ये साइट्स ऑनलाइन शोषण का साधन भी बनती जा रही हैं। ऐसे कई केस दर्ज किए गए हैं जिनमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का प्रयोग लोगों को सामाजिक रूप से हनी पहुँचाने, उनकी खिचाई करने तथा अन्य गलत प्रवृत्तियों से किया गया।<ref>{{cite web|url=http://www.huffingtonpost.com/2012/11/12/disappearing-romney-website_n_2117165.html |author=फित्ज़गेराल्ड, बी. |title=डिस अपियरिंग रोमनी |publisher=दि हफिंग्टन पोस्ट |date= २५ मार्च २०१३ |accessdate= १९ फरबरी २०१४}}</ref><ref>{{cite web|url=http://www.zdnet.com/are-social-media-silos-holding-back-business-results-7000017227/ |title=आर सोशल मीडिया सिलोस होल्डिंग बेक बिज़नस|author=हिन्शिफ, डॉन. |publisher=ZDNet.com |date=१५ फरबरी २०१४ |accessdate=१९ फरबरी २०१४}}</ref>
पंक्ति 30:
== संदर्भ ==
{{टिप्पणीसूची|2}}
== बाहरी कड़ियाँ==
{{Commons category|Social media|सामाजिक मीडिया}}
* [http://www.deshbandhu.co.in/print/9387/9 अभिव्यक्ति को नई धार देता सोशल मीडिया] (देशबन्धु)
|