"सुदूर संवेदन": अवतरणों में अंतर

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[[हवाई छायाचित्र]] और [[उपग्रह चित्र]] सुदूर संवेदन के दो प्रमुख उत्पाद हैं जिनका उपयोग वैज्ञानिक अध्ययनों से लेकर अन्य बहुत से कार्यों में हो रहा है।
 
== इतिहास ==
सबसे पहले जी. तोरांकन नामक गुब्बारेबाज ने पेरिस शहर का गुब्बारे से चित्र सन १८५८ ई. में खींचा। हवाईजहाजों द्वारा छायाचित्र खींचने की शुरूआत [[प्रथम विश्वयुद्ध]] के दौरान सैन्य आसूचना एकत्रण के लिये हुई। बाद में कृत्रिम उपग्रों के विकास ने इसे नए आयाम दिए।
 
== आकडों का प्रसंस्करण ==
सुदूर संवेदन से प्राप्त आँकड़ों का प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) करना पड़ता है।
 
== भारत में सुदूर संवेदन ==
भारत में सुदूर संवेदन के सारे कार्यों का आयोजन एवं निरीक्षण [[राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द्र]], हैदराबाद द्वारा किया जाता है जो भारत सरकार के विज्ञान मंत्रालय के अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत काम करने वाली एजेंसी है।
 
== ट्रेनिंग और शिक्षा==
भारत में इस विधा की शिक्षा और ट्रेनिंग के लिये मुख्य संस्थान [[भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान]] (आइ.आइ.आर.एस.) देहरादून में है। इसके साथ ही अन्य कई विश्वविद्यालयों में भी प्रशिक्षण दिया जाता है जैसे [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] के भूगोल विभाग स्थित रिमोट सेंसिंग डिविजन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कराया जाता है।